231
posts
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जो व्यक्ति आपको पसंद नहीं है, उसके विषय में सोच विचार कर एक
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
खूबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते, अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत न
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ख़ूबसूरती का असली सौंदर्य व्यक्ति की आत्मा के साथ होता है, न
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मुझे पता है तू जलता है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अब ज्यादा तंग मत कर ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अब चिंतित मन से उबरना सीखिए।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कभी परिश्रम का मत करो दिखावा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अपना पथ स्वयं बनाओ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अगर कोई इच्छा हो राहें भी मिल जाती है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
रात अभी अलसाई है, जरा ठहरो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तुमने तोड़ा मौन, बातचीत तुम ही करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ढोल पीटते हो स्वांग रचाकर।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मन के दीये जलाओ रे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अपने दीपक आप बनो, अब करो उजाला।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मन पायेगा कब विश्रांति।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कुछ गीत लिखें कविताई करें।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जिंदगी बेहया हो गई।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बहुत दूर जा चुके बिछड़कर, कभी नहीं फिर आने को।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ये शराफत छोड़िए अब।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मुझे किसी की भी जागीर नहीं चाहिए।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सोना ही रहना उचित नहीं, आओ हम कुंदन में ढलें।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जब तेरा ये मन शुद्ध होगा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अब छोड़ जगत आडंबर को।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)