राम बली गुप्ता Tag: कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राम बली गुप्ता 20 Aug 2016 · 1 min read मत्तगयन्द सवैया सुंदर पुष्प सजा तन-कंचन केश -घटा बिखराय चली है। अंजित नैन कटार बने अधरों पर लाल लुभाय चली है।। अंगहि चंदन गंध भरे मद-मत्त गयंद लजाय चली है। हाय! गयो... Hindi · कविता 1k Share राम बली गुप्ता 18 Aug 2016 · 1 min read स्वाभिमानी पत्थर मानव उवाच(कुकुभ छंद) सुनो कथा पत्थर की भैया, पत्थर क्या-क्या सहते हैं? कथा व्यथा है इनकी सच मे, डरे-डरे-से रहते हैं।। जिसका भी जी चाहे इनको, दीवारों में चुनवा दे ।... Hindi · कविता 1 550 Share