ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी Tag: Poem 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 9 Jul 2024 · 1 min read क्या यह कलयुग का आगाज है? जय जोहार 🌱🌱🌱🌱🌱 "आजकल सीरत का सम्मान नहीं, सूरत का बाजार है। प्यार की चिड़िया उड़ गई ,बस जिस्मों की चाह है। इंसानियत की जगह नहीं, बस इंसान बिकने को... Poem 1 108 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 22 May 2024 · 1 min read आदिवासी होकर जीना सरल नहीं आदिवासी होकर जीना सरल नहीं है =-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=- आदिवासी होना खूबसूरत है लेकिन आदिवासी होकर जीना सरल नहीं है…. खूबसूरत इसलिए क्योंकि आदिवासी छल नहीं करते दूसरों की भर्त्सना में व्यर्थ... Poetry Writing Challenge-3 · Poem 1 93 Share