राकेश चौरसिया Tag: ग़ज़ल 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राकेश चौरसिया 27 Nov 2023 · 1 min read "मेरे पाले में रखा कुछ नहीं" मेरे पाले में रखा कुछ नहीं। पर देख ले मुझे दुःख नहीं। वे सपने खरीदते-बेचते है। पर पाते कभी वो सुख नहीं। वक्त,पाल्हा अक्सर बदलते है। निश्शंक तेरे कब समुख... Hindi · ग़ज़ल 2 127 Share राकेश चौरसिया 27 Nov 2023 · 1 min read "हर खुशी के लिए एक तराना ढूंढ लेते हैं" हर खुशी के लिए एक तराना ढूंढ लेते हैं। हम फिज़ा है खुद आसियाना ढूंढ लेते हैं। डुबते हुए सूरज सा सितारे है अपने। फिर भी जीने का एक बहाना... Hindi · ग़ज़ल 1 183 Share राकेश चौरसिया 27 Nov 2023 · 1 min read "वो चमन के फूल क्यों मुरझाने लगे हैं" वो चमन के फूल क्यों मुरझाने लगे हैं। वक्त से पहले टूटकर बिखर जाने लगे है। क्या खता? जो मान लें हम बात उनकी। उठकर नजरों से, फिर गिर जाने... Hindi · ग़ज़ल 2 137 Share राकेश चौरसिया 27 Nov 2023 · 1 min read "गरीबी मिटती कब है, अलग हो जाने से" गरीबी मिटती कब है, अलग हो जाने से। ज़ख्म पूजते नहीं चोट पे चोट खाने से। वो खानदानी असर है बात बन ही जाती। आग बूझती नहीं जानबूझकर लगाने से।... Hindi · ग़ज़ल 1 152 Share