राजेश बन्छोर 58 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राजेश बन्छोर 14 Aug 2023 · 1 min read देश के दुश्मन सिर्फ बॉर्डर पर ही नहीं साहब, देश के दुश्मन सिर्फ बॉर्डर पर ही नहीं साहब, समाज के अंदर भी भरे पड़े हैं. कुछ दलालों के संरक्षण में समाज में छुपे हुए हैं, जो देश को दीमक... Quote Writer 455 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read 26 जनवरी 2001.....गुजरात उद्घोष हुआ जय भारत का लगा तिरंगा लहराने तभी अचानक धरती कांपी लगे लोग तब घबराने मुस्काती गलियां, हंसती राहें खंडहर हर मकान हुआ हरी भरी खुशहाल सी धरती पल... Poetry Writing Challenge · कविता 1 242 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read एक समय की बात एक महाशय से मैंने पूछा क्यों भई, मेरी रचनाएं पढ़ते हो ? वे बोले, जन विरोधी रचनाएं लिखकर जनता से ही पूछते हो ll मैं बोला, न मैं जन विरोधी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 134 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read आज का अर्जुन न जानें क्यों आज का अर्जुन दुर्योधन से डरने लगा है वह बार-बार खुदकुशी करने लगा है बच जाता है वह हर बार अब आज का जहर नकली बनने लगा... Poetry Writing Challenge · कविता 1 396 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read श्रमेव जयते बढ़ई के माथे से गिरा पसीने का एक बूंद लकड़ी पर चमकीला बिन्दु बना देता है लेकिन रेन्दे का एक आक्रोश मिटा देता है उसे सदा के लिए अब रेन्दे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 108 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read यादें....पोखरण आजादी की अर्धशती पर हमें मिला अनुपम उपहार l सफल हुआ परमाणु परीक्षण अभिनंदन केन्द्रीय सरकार ll हल्की सी पुरवाई थी पहले अब जोरों का तूफान चला l पांच धमाकों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 186 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read जरा सोचिए..... जरा सोचिए, क्या सोच पाते हैं आप आज के हालात में बदलती हुई एकता का रूप, बढ़ती वारदात में कहते हैं लोग, ये सब क्या हो रहा है आजादी के... Poetry Writing Challenge · कविता 1 202 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read आखिर ऐसा क्यों बढ़ रहे बलात्कारी ! चीख रही भारत की नारी !! आज के मायावी राक्षसों से भगवान भी घबराता है ! इसलिए द्रोपदी की लाज बचाने कोई कृष्ण नहीं आता है... Poetry Writing Challenge · कविता 1 180 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read कारगिल ललकार हमें न ए जालिम अब हमें नहीं सहना है ! खबरदार ए सरहदपार कश्मीर हमारा अपना है !! मत दोहरा इतिहास भूल से इतिहास नया बनाके देख ! यारी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 159 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read अमर शहीद अन्याय हुआ शोले उठे अब सभी शोर रूक जाएँगे ! सात दशक आजादी के जैसे फिर बहार चमन में आएँगे !! शहीद हुए जो मातृभूमि पर यही शब्द रह जाएँगे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 130 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read एका त्योहार दीवाली सा हर दिन लगे और दशहरे सी रात ! होली जैसी दोपहरी हो रोज खुशी की बात !! पर आज दीया जले आगजनी सा राम राज में रावण पलता... Poetry Writing Challenge · कविता 1 139 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read मजदूर अपनी सांसों में उर्जा भरकर निर्माण जो करता नवयुग का औरों को सुख-सुविधा देकर करे सामना हर दुख का जो रूके अगर, रूक जाए दुनिया सारे जग का रीढ़ वही... Poetry Writing Challenge · कविता 1 67 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read साथी चल साथी चल कुछ कर दिखलाएँ अमन-चैन के गीत सुनाएँ शोषण, घुसखोरी, गद्दारी अन्याय, अनाचार, भ्रष्टाचारी गली-गली नफरत का जहर द्वार-द्वार मच रहा कहर मिलकर आओ दूर भगाएँ साथी चल कुछ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 63 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read एक संदेश आपके नाम जन्मदिवस के रूप में यह दिन सुहाना आया है हर दिल पर रंगी रौनक है आंखों में मस्ती छाया है भगवान करे, दस्तूर चले सालों साल यह शमाँ जले आज... Poetry Writing Challenge · कविता 1 128 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read खूनी गीत जब भी मैंने कलम उठाया ! लिखने को कोई गीत नया !! कलम मेरे रूक जाते हैं ! विचार लुप्त हो जाते हैं !! क्योंकि, बम-बारूद की भाषा ! आज... Poetry Writing Challenge · कविता 1 184 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read सपने में आती हो सपने में आती हो मुझे बहुत सताती हो जब भी पूछा तुमसे दोस्ती करोगी मुझसे ? थोड़ा मुस्काना, फिर पलकें झुकाना सचमुच गजब ढाती हो सपने में आती हो मुझे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 85 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read मेरी ख्वाहिश - मेरी तमन्ना मेरी ख्वाहिश मेरी तमन्ना मेरी उम्मीदों का सपना हर पल, हर क्षण यही चाहूं मैं पूनर्जन्म में मेरी बनना घर समाज के ढ़ेरों बंधन इस जन्म में सह लेंगे हम... Poetry Writing Challenge · कविता 1 122 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read ओ गोरिया ओ गोरिया, आँखों से तू मदहोश है जिसे देखूं मुझको लागे दिल में चोट रे जब-जब तुझको देखूं, हलचल होती है दिल में जब न देखूं तुझको, मैं पड़ जाऊं... Poetry Writing Challenge · कविता 1 199 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read कैसे बताऊं मैं कैसे बताऊं मैं, कैसे समझाऊं मैं मेरे लिए तुम कौन हो, क्या हो सुनहरी धूप हो, श्रावणी घटा हो मचलती नदी या बहती हवा हो तुम प्रीत हो, मनमीत हो... Poetry Writing Challenge · कविता 1 286 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read स्वच्छ भारत अभियान स्वच्छ तन, स्वच्छ मन फिर मैला क्यों अपना आंगन ठान ले ऐसा हम अगर स्वच्छ रखेंगे डगर-डगर गली, मोहल्ला, चौक, चौराहा अब नहीं होगा ये मैला बस एक दिन का... Poetry Writing Challenge · कविता 1 202 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read माँ गर्म तवे से हाथ जला जब तुमने अपना फर्ज निभाई स्तन से बूंदे टपकाकर मेरे जख्मों पर लेप लगाई कैसे भूलूं तेरा उपकार कैसे दूध का कर्ज चुकाऊँ तेरे चरणों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 285 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read अमन राष्ट्र गुजरता साल देखकर दिल कह रहा है ! क्यों हर घड़ी लहू बह रहा है !! इस बरस भी खून-खराबा अपहरण, आगजनी ! बम-विस्फोट, बलात्कार बरसों से ये बात चली... Poetry Writing Challenge · कविता 1 156 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read ए हिन्द के निवासी ए हिन्द के निवासी, ए हिन्द के निवासी | हिन्दुस्तां है तेरी, तू हिन्दुस्तां की || ताक पे न रख वतन, ये कहीं गिर जाएगा | ढेर नीचे बारूद का,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 279 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read प्रेम.... किस्तों में कभी किया दीदार था हमने आज सुबह इजहार हुआ | बीत गये बरसों बरस हमने किस्तों में प्यार किया || पहली किस्त की बारी आई बीच सड़क वो आ टकराई... Poetry Writing Challenge · कविता 1 339 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read 9/11 चंद तस्वीरें जमीन खून से लाल था पहले अंबर अब अंगार हुआ I आतंक की आंधी इस कदर क्यों लोगों का श्रृंगार हुआ II नहीं पता था हमको यारों पानी भी जल... Poetry Writing Challenge · कविता 1 294 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read एकता कहीं दर्द का नाम नहीं हो मजहब पर कत्लेआम नहीं हो l घर-घर फैले प्रेम-अहिंसा नफरत का कोई काम नहीं हो ll आओ मिलकर शपथ उठाएं ऐसा एक नवभारत बनाएं... Poetry Writing Challenge · कविता 1 245 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read नई आजादी हमारी कोई कमजोरी है तभी तो भ्रष्टाचार फैलाने वाले जी रहे हैं सफेदपोशियों के रूप में देशवासियों का लहू पी रहे हैं हमारा इतिहास धूमिल हो रहा है सफेदपोशियों का... Poetry Writing Challenge · कविता 1 257 Share राजेश बन्छोर 31 May 2023 · 2 min read अनकही दोस्ती वो दिन और उस मीठे अहसास को मैं कभी भूल नहीं पाऊंगा, और ना ही भूलना चाहता हूं. मेरा उनसे पहला मुलाकात था जिसका अहसास आज भी मेरे साथ है.... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 266 Share राजेश बन्छोर 30 May 2023 · 1 min read दोस्ती इस बार मैंने उनसे पूछ ही बैठा….”दोस्ती करोगी मुझसे?” वह बोली…..”क्या तुम्हारी नजर में शारीरिक संबंध का नाम ही दोस्ती है? नहीं….नहीं, मैं ऐसे दोस्ती नहीं करना चाहती. मैं तुम्हें... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 396 Share राजेश बन्छोर 15 Aug 2022 · 1 min read नई आजादी हमारी कोई कमजोरी है तभी तो भ्रष्टाचार फैलाने वाले जी रहे हैं सफेदपोशियों के रूप में देशवासियों का लहू पी रहे हैं हमारा इतिहास धूमिल हो रहा है सफेदपोशियों का... Hindi · कविता 142 Share राजेश बन्छोर 17 Oct 2021 · 1 min read एकता कहीं दर्द का नाम नहीं हो मजहब पर कत्लेआम नहीं हो l घर-घर फैले प्रेम-अहिंसा नफरत का कोई काम नहीं हो ll आओ मिलकर शपथ उठाएं ऐसा एक नवभारत बनाएं... Hindi · कविता 460 Share राजेश बन्छोर 10 Oct 2021 · 3 min read इंतजार उत्सव का नागपुर से मेरी ट्रेन रफ्ता-रफ्ता आगे की ओर बढ़ने लगी. मेरे बगल में एक लड़की भी सफर कर रही थी. वह अपने मामा के घर जा रही थी. ट्रेन अगले... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 9 1k Share राजेश बन्छोर 11 Sep 2021 · 1 min read 9/11 चंद तस्वीरें जमीन खून से लाल था पहले अंबर अब अंगार हुआ I आतंक की आंधी इस कदर क्यों लोगों का श्रृंगार हुआ II नहीं पता था हमको यारों पानी भी जल... Hindi · कविता 507 Share राजेश बन्छोर 6 Jul 2021 · 1 min read अधूरी कहानी शाम हो चला था. पश्चिम की क्षितिज पर सूर्यास्त की लाली साफ दिखाई देने लगी थी. रेलवे स्टेशन पर बैठा मैं अपनी नई कहानी के लिए विषय-वस्तु संजो रहा था.... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 920 Share राजेश बन्छोर 6 Jul 2021 · 1 min read वह लड़की "अगर मैं तुम्हें ग्रीटिंग कार्ड भेजूं तो......???" "मैं ग्रीटिंग कार्ड फाड़कर फेंक दूंगी." वह लड़की मेरी बात कांटते हुए बोली. उसके त्वरित जवाब का अर्थ मैं समझ नहीं पाया. दूसरे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 805 Share राजेश बन्छोर 6 Jul 2021 · 1 min read दोस्ती इस बार मैंने उससे पूछ ही बैठा...."दोस्ती करोगी मुझसे?" वह बोली....."क्या तुम्हारी नजर में शारीरिक संबंध का नाम ही दोस्ती है? नहीं....नहीं, मैं ऐसे दोस्ती नहीं करना चाहती. मैं तुम्हें... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 543 Share राजेश बन्छोर 1 Feb 2021 · 1 min read प्रेम.......किस्तों में कभी किया दीदार था हमने आज सुबह इजहार हुआ | बीत गये बरसों बरस हमने किस्तों में प्यार किया || पहली किस्त की बारी आई बीच सड़क वो आ टकराई... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 22 144 1k Share राजेश बन्छोर 26 Jan 2021 · 1 min read ए हिन्द के निवासी ए हिन्द के निवासी, ए हिन्द के निवासी | हिन्दुस्तां है तेरी, तू हिन्दुस्तां की || ताक पे न रख वतन, ये कहीं गिर जाएगा | ढेर नीचे बारूद का,... Hindi · कविता 2 351 Share राजेश बन्छोर 4 Dec 2018 · 1 min read अमन-राष्ट्र गुजरता साल देखकर दिल कह रहा है ! क्यों हर घड़ी लहू बह रहा है !! इस बरस भी खून-खराबा अपहरण, आगजनी ! बम-विस्फोट, बलात्कार बरसों से ये बात चली... Hindi · कविता 467 Share राजेश बन्छोर 1 Nov 2018 · 1 min read माँ गर्म तवे से हाथ जला जब तुमने अपना फर्ज निभाई स्तन से बूंदे टपकाकर मेरे जख्मों पर लेप लगाई कैसे भूलूं तेरा उपकार कैसे दूध का कर्ज चुकाऊँ तेरे चरणों... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 22 815 Share राजेश बन्छोर 21 Sep 2018 · 1 min read स्वच्छ भारत अभियान स्वच्छ तन, स्वच्छ मन फिर मैला क्यों अपना आंगन ठान ले ऐसा हम अगर स्वच्छ रखेंगे डगर-डगर गली, मोहल्ला, चौक, चौराहा अब नहीं होगा ये मैला बस एक दिन का... Hindi · कविता 394 Share राजेश बन्छोर 13 May 2018 · 1 min read माँ गर्म तवे से हाथ जला जब तुमने अपना फर्ज निभाई स्तन से बूंदे टपकाकर मेरे जख्मों पर लेप लगाई कैसे भूलूं तेरा उपकार कैसे दूध का कर्ज चुकाऊं तेरे चरणों... Hindi · कविता 688 Share राजेश बन्छोर 27 Mar 2018 · 5 min read सच्चे प्रेम पत्र प्रिय पूजा बहुत कुछ कहना है और कह पाना मुश्किल सा है. शायद यही कारण है कि अभिव्यक्ति के लिए कागज-कलम से बेहतर साधन नहीं खोज पाया. यह मेरा पहला... Hindi · लेख 2k Share राजेश बन्छोर 20 Mar 2018 · 1 min read कैसे बताऊं मैं कैसे बताऊं मैं, कैसे समझाऊं मैं मेरे लिए तुम कौन हो, क्या हो सुनहरी धूप हो, श्रावणी घटा हो मचलती नदी या बहती हवा हो तुम प्रीत हो, मनमीत हो... Hindi · कविता 408 Share राजेश बन्छोर 14 Mar 2018 · 1 min read ओ गोरिया ओ गोरिया, आँखों से तू मदहोश है जिसे देखूं मुझको लागे दिल में चोट रे जब-जब तुझको देखूं, हलचल होती है दिल में जब न देखूं तुझको, मैं पड़ जाऊं... Hindi · गीत 678 Share राजेश बन्छोर 13 Mar 2018 · 1 min read किस्तों में कभी किया दीदार था हमने आज सुबह इजहार हुआ बीत गये बरसों बरस हमने किस्तों में प्यार किया पहली किस्त की बारी आई बीच सड़क वो आ टकराई हमने पूछा,... Hindi · कविता 1 1 492 Share राजेश बन्छोर 13 Mar 2018 · 1 min read मेरी ख्वाहिश-मेरी तमन्ना मेरी ख्वाहिश मेरी तमन्ना मेरी उम्मीदों का सपना हर पल, हर क्षण यही चाहूं मैं पूनर्जन्म में मेरी बनना घर समाज के ढ़ेरों बंधन इस जन्म में सह लेंगे हम... Hindi · कविता 561 Share राजेश बन्छोर 13 Mar 2018 · 1 min read सपने में आती हो सपने में आती हो मुझे बहुत सताती हो जब भी पूछा तुमसे दोस्ती करोगी मुझसे ? थोड़ा मुस्काना, फिर पलकें झुकाना सचमुच गजब ढाती हो सपने में आती हो मुझे... Hindi · कविता 377 Share राजेश बन्छोर 13 Mar 2018 · 3 min read याद-ए-हमसफर नागपुर से मेरी ट्रेन रफ्ता-रफ्ता आगे की ओर बढ़ने लगी. मेरे बगल में एक लड़की भी सफर कर रही थी. वह अपने मामा के घर जा रही थी. ट्रेन अगले... Hindi · कहानी 554 Share राजेश बन्छोर 23 Sep 2017 · 1 min read खूनी गीत ************************* जब भी मैंने कलम उठाया ! लिखने को कोई गीत नया !! कलम मेरे रूक जाते हैं ! विचार लुप्त हो जाते हैं !! क्योंकि, बम-बारूद की भाषा !... Hindi · कविता 430 Share Page 1 Next