Rajendra sao Tag: ग़ज़ल/गीतिका 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajendra sao 9 Dec 2017 · 1 min read मातमी पैगाम आया सरहदों से आज फिर मातमी पैगाम आया सरहदों से आज फिर भर गयी आखें हमारी आसुओं से आज फिर टुटकर बिखरे हुए अरमान सारे देख लो माँ की लाठी खो गयी साजिसों से आज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 223 Share Rajendra sao 3 Dec 2017 · 1 min read धन ही चारो धाम है.. धन हुआ सब कुछ यहाँ ..धन ही चारो धाम हैं प्यार धन से यार धन से..और धन घनश्याम हैं सब मशीनी हो गया.... अब नाम का इंसान है जीतते रावण... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 453 Share Rajendra sao 8 Apr 2017 · 1 min read मेरा कैसा ये भारत है अमन कायम रहे कैसे यहाँ जब तक सियासत है कि दौलत पास है जिसके उसी की ये अदालत है ये जनता है बहुत भारी हाथी की तरह फिर भी जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 228 Share