Rajeev 'Prakhar' Tag: कविता 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajeev 'Prakhar' 14 Jan 2020 · 1 min read चिड़िया रानी चिड़िया रानी, मन है मेरा, साथ तुम्हारे डोलूँ। जब से आंगन में तुम चहकीं, सूनापन घबराया। नित्य तुम्हारा कलरव करना, हम बच्चों को भाया। मनभावन यह प्रीत तुम्हारी, किन शब्दों... Hindi · कविता · बाल कविता 1 2 320 Share Rajeev 'Prakhar' 19 Nov 2019 · 1 min read खजाना मेरी एक पुरानी बाल रचना आज पुनः आप सभी के समक्ष - ??? खजाना ---------- चलो क़िताबें करें इकट्ठी, अपनी सभी पुरानी। हम तो पढ़कर निबट चुके हैं, पर ये... Hindi · कविता · बाल कविता 2 1 323 Share Rajeev 'Prakhar' 2 Apr 2019 · 1 min read सुन्दर स्वप्न सजाओ बच्चो सुन्दर स्वप्न सजाओ बच्चो, छुट्टी में इस बार। पुस्तक बन कर तुम्हें पुकारें, प्रेरक गाथायें। आने वाले कल की बन कर, उजली आशायें। आगे तुम पर भी आना है, कर्तव्यों... Hindi · कविता · बाल कविता 1 365 Share Rajeev 'Prakhar' 2 Apr 2019 · 1 min read सुन्दर स्वप्न सजाओ बच्चो सुन्दर स्वप्न सजाओ बच्चो, छुट्टी में इस बार। पुस्तक बन कर तुम्हें पुकारें, प्रेरक गाथायें। आने वाले कल की बन कर, उजली आशायें। आगे तुम पर भी आना है, कर्तव्यों... Hindi · कविता · बाल कविता 453 Share Rajeev 'Prakhar' 16 Mar 2019 · 1 min read आओ टेसू आओ टेसू, होली फिर से, तुम्हें बुलाती है। रंग-बिरंगा गरल हवा में, श्वास-श्वास मटमैली। चीर गँवाया मर्यादा ने, भाषा हुई विषैली। अम्मा गाकर गीत पुराने, काम चलाती है। आओ टेसू,... Hindi · कविता 1 1 267 Share Rajeev 'Prakhar' 5 Mar 2019 · 1 min read बाल-कविता : आओ चिड़िया रानी ------------------------- बड़े प्रेम से रखा हुआ है, छत पर दाना-पानी। उड़ती-उड़ती, चीं-चीं करती, आओ चिड़िया रानी। गोलू, जॉनी, रोज़ी, असलम, सबने जोर लगाया। कैसे लौटोगी तुम वापस,... Hindi · कविता 218 Share Rajeev 'Prakhar' 9 Oct 2018 · 1 min read शरारत-नामा देख देख कर बच्चा पलटन, करती सा-रे-गा-मा। रजनी नानी की गोदी में, बैठे चंदा मामा। नीचे आ जाने को सारा, घर आवाज़ लगाता। लेकिन नन्हीं सेना को यह, बिल्कुल नहीं... Hindi · कविता 205 Share Rajeev 'Prakhar' 25 Sep 2018 · 1 min read कुछ पल का बचपन जीवन की इस भागदौड़ से, कुछ पल को बचपन में जायें। मेरे प्यारे बड़े साथियो, आओ मिलकर शोर मचायें। जीवन की इस भागदौड़ से...। चाहे टकलू, चाहे तोंदू, जो भी... Hindi · कविता 439 Share Rajeev 'Prakhar' 7 Nov 2016 · 1 min read भाई दूज लेकर थाली खड़ी अकेली, मुझको गीत सुना जा ना l भाई-बहिन का प्यार अनोखा, फिर जग को बतला जा ना l सात समुन्दर पार से भाई, जब न घर आ... Hindi · कविता 275 Share Rajeev 'Prakhar' 15 Jul 2016 · 1 min read बन्दरबांट मित्रो, प्रस्तुत है मेरी एक पुरानी व्यंग्य रचना, शीर्षक है - 'बन्दरबांट l यह रचना कुछ वर्ष पूर्व 'अमर उजाला' में मेरे वास्तविक नाम (राजीव कुमार सक्सेना) से प्रकाशित हुई... Hindi · कविता 3 429 Share Rajeev 'Prakhar' 18 Jun 2016 · 1 min read साक्षात्कार झूठ बोल सकते हो ? नहीं साहब l चोरों लुटेरों की मदद कर सकते हो ? नहीं साहब l किसी निर्दोष और लाचार को सता सकते हो ? नहीं साहब... Hindi · कविता 1k Share Rajeev 'Prakhar' 16 Jun 2016 · 1 min read प्रश्नचिन्ह (?) गरीबी से त्रस्त और बेरोज़गारी से ग्रस्त, एक पढ़े-लिखे का दुर्भाग्य, अपनी जगह से कुछ हिला, जब प्रगति के नाम पर, 'घूस प्रशिक्षण केन्द्र' खुलाl ब्लैक में ही सही, वह... Hindi · कविता 694 Share Rajeev 'Prakhar' 16 Jun 2016 · 1 min read मगरमच्छ मोटे-ताजे-रसीले व्यंजनों के शौकीन, एक मगरमच्छ का दिल, एक नेताजी पर, मचल गया था l नेताजी का स्वास्थ्य, उसे रास आ़या, इसलिये वह उन्हें, पूरा का पूरा, निगल गया था... Hindi · कविता 1 353 Share Rajeev 'Prakhar' 15 Jun 2016 · 1 min read विकास विकास का प्रतीक इक शहर, गन्दगी में फँसा, रो रहा था l क्योंकि, कई वर्षों से वहाँ, किसी मन्त्री का दौरा, नहीं हो रहा था l आखिरकार, चमके उस शहर... Hindi · कविता 1 1 417 Share Rajeev 'Prakhar' 13 Jun 2016 · 1 min read कान्हा-व्यथा कान्हा बोले यूँ मैया से, "क्यूँ कलियुग में जाऊँ मैं l जो माखन अब नहीं है असली, काहे भोग लगाऊँ मैं"? कान्हा बोले यूँ मैया से ...l "गऊ माता लाचार... Hindi · कविता 395 Share Rajeev 'Prakhar' 12 Jun 2016 · 1 min read साया हरे-भरे इक पेड़ से मिलती, हमको शीतल छाया है l लगता ऐसा, सर पर अपने, बाबूजी का साया है l हरे-भरे इक पेड़ से मिलती ...l भोर भयो, पातों का... Hindi · कविता 1 2 346 Share