raja singh Language: Hindi 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid raja singh 8 Jul 2021 · 19 min read त्रिकोण कभी कभी कुछ ऐसा होता है कि जिसमे दो में किसी का दोष नहीं होता है परन्तु वे एक दुसरे के विपरीत हो जाते है.वसु को जब कभी इस शहर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 3 1k Share raja singh 8 Jul 2021 · 24 min read तटस्थ काहूकोठी से गुजरते हुए वह दिखी थी.एक पल को लगा कि वह हमारा भ्रम है.वह हमसे दूर थी. एक फ़र्लोंग से कम फासला नही रहा होगा फिर भी ऐसा लगता... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 759 Share raja singh 8 Jul 2021 · 7 min read प्रतिबद्ध सीता छोटी बच्ची को गोद में चिपकाये और एक हाथ से मुन्ना को अपने से सटायें, अंदर दरवाजे के पास खड़ी चिंतित, विभ्रांत रघु की राह तक रही थी.बहुत देर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 5 1k Share raja singh 8 Jul 2021 · 13 min read “वह कौन था” - वह सुबह की सैर पर था,पत्थर की टाइल्स से निर्मित ट्रैक पर धीमे धीमे चलता हुआ. वह पेड़ पौधे घास वह अन्यों को निहारता जा रहा था.कुछ लोग उसके... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 756 Share raja singh 8 Jul 2021 · 27 min read “कब्ज़ा” - आज वह सुबह जल्दी उठा.बाज़ार वाले दिन वह जल्दी ही उठता था.नित्यकर्म से निपट कर वह दुबग्गा मंडी जाता और वहां थोक के भाव से सब्जियां मिलती है.वह अपनी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 620 Share raja singh 1 Jul 2021 · 13 min read वह कौन था “वह कौन था” --राजा सिंह वह सुबह की सैर पर था,पत्थर की टाइल्स से निर्मित ट्रैक पर धीमे धीमे चलता हुआ. वह पेड़ पौधे घास वह अन्यों को निहारता जा... Hindi · कहानी 1 1 403 Share raja singh 1 Jul 2021 · 27 min read कब्जा “कब्ज़ा” -राजा सिंह आज वह सुबह जल्दी उठा.बाज़ार वाले दिन वह जल्दी ही उठता था.नित्यकर्म से निपट कर वह दुबग्गा मंडी जाता और वहां थोक के भाव से सब्जियां मिलती... Hindi · कहानी 1 1 441 Share raja singh 1 Jul 2021 · 7 min read प्रतिबद्ध “प्रतिबद्ध” -राजा सिंह सीता छोटी बच्ची को गोद में चिपकाये और एक हाथ से मुन्ना को अपने से सटायें, अंदर दरवाजे के पास खड़ी चिंतित, विभ्रांत रघु की राह तक... Hindi · कहानी 1 1 483 Share raja singh 1 Jul 2021 · 24 min read तटस्थ “तटस्थ” -राजा सिंह काहूकोठी से गुजरते हुए वह दिखी थी.एक पल को लगा कि वह हमारा भ्रम है.वह हमसे दूर थी. एक फ़र्लोंग से कम फासला नही रहा होगा फिर... Hindi · कहानी 1 1 392 Share raja singh 14 Oct 2016 · 1 min read “तलाश” “तलाश” - राजा सिंह ऐ मेरी मौत ! तू कहाँ कहाँ भटका करती है ? मैंने तुम्हे तलाशा था , जब बाप दारू के नशे में नंगा नांच रहा था... Hindi · कविता 1 1 294 Share raja singh 14 Oct 2016 · 1 min read “चाहतें” “चाहतें” --राजा सिंह प्यार करने को , बार-बार जाती है चाहते . अनुनय,विनय और अनुरोध करती है,मगर, फिर भी निगाहें करम नहीं होती है चाहते . भगवान, खुदा, गॉड और... Hindi · कविता 279 Share raja singh 14 Oct 2016 · 1 min read “गज़ल” “गज़ल” प्यार में कभी सोचने की फुर्सत नहीं रही, मिलने पर बात करने की हिम्मत नहीं रही . कभी देखा उनहोंने जिन नज़रो से, निगाहों को सम्हाल्नें की कूबत नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 265 Share raja singh 14 Oct 2016 · 1 min read कापुरुष कापुरुष मै अक्सर कुछ न कह पाता हूँ न कर पाता हूँ . मै तब भी – कुछ नहीं कह पाया था जब मेरे बाप ने मेरी प्रेमिका को वैश्या... Hindi · कविता 343 Share raja singh 3 Oct 2016 · 1 min read अजन्मा प्रतिकार” ““ अजन्मा प्रतिकार” ---राजा सिंह मेरे भीतर , जन्म ले रहा है एक भ्रूण. इसका पालन पोषण मेरा शरीर नहीं , वरन करता है मेरा कुंठित मन , और कुंठित... Hindi · कविता 344 Share