शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ Tag: कविता 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 20 Jul 2024 · 2 min read ~ इंसाफ की दास्तां ~ ~ इंसाफ की दास्तां ~ सुन्दर सा परिवार एक था, मात-पिता दोउ भाई। एक जेठानी औ देवरानी, प्यारी बहन सी आई।। कोख सुनी रही बड़ी की , लाखो किया उपाय।... Hindi · कविता · कहानी 2 1 59 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 19 Jul 2024 · 1 min read भारत देश महान है। जग में सब देशों से जिसकी रही निराली शान है। धरती का यह स्वर्ग हमारा, भारत देश महान है। इसके उत्तर में हिमगिरि के शिखर गगन को चूमते। फूल फलों... Hindi · कविता 2 66 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read स्थिरप्रज्ञ बनूँ हवनकुंड की पावक मैं, आहुति यज्ञ की हो जाऊँ। सुख और दुःख में बनूं सम्यक, अब स्थिरप्रज्ञ मैं हो जाऊँ।। हो स्थिरचित्त हृदय मेरा, मन में कोई उद्गार न... Hindi · कविता 2 2 62 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 2 min read माँ तेरी कोख से ही तो मेरी माँ, मेरे जीवन का आरम्भ हुआ। तुझसे मेरा अस्तित्व बना, संसार मेरा प्रारम्भ हुआ।। अस्तित्व विहीन मैं तेरे बिन, स्नेहिल सा हृदय उदार बनी।... Hindi · कविता 73 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read कर्मा अधरों पर तेरी मुस्कान रहे, उस ईश्वर का वरदान रहे । ईश्वर की रचना हो अनुपम, उसका भी मान सम्मान रहे । दुःख के कारक तुम बनो नहीं, मेरे मीत... Hindi · कविता 2 2 53 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read मन मेरा दर्पण कान्हा ने सिखाया प्रेम हमें मीरा ने सिखाई भक्ति है। हनुमत सी बनी बलशाली मैं, मुझमें दुर्गा की शक्ति है। माँ सरस्वती की कृपा से, मैं सुन्दर भजन सुनाती हूँ।... Hindi · कविता 1 81 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read कलयुगी संसार रह गयी ना अब किसी मन में कोई संवेदना। है कहाँ आसान पढ़ना हृदयतल की वेदना। वेदना संसार में कोई भी पढ़ पाता अगर। ठेस पहुँचाते नही , ना छोड़... Hindi · कविता 52 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read विश्व कविता दिवस प्रेम नगर के प्रेम डगर पर, जो बहको तो कविता हो। मेरे स्वप्न वृक्ष की डाली, पर चहको तो कविता हो। एक खण्डहर में वर्षों से, नैना राह तके 'डिम्पल'... Hindi · कविता 105 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read डॉक्टर बचपन में देखा एक सपना, मैं भी डॉक्टर बन जाऊँ। जीवन रक्षक दूत बनूँ मैं, बीमारी सब हर जाऊँ। सेवा ही हो धर्म हमारा, ऐसा लक्ष्य बनाऊं मैं। कठिन पढ़ाई... Hindi · कविता 69 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 17 Jul 2024 · 1 min read यादों की है कसक निराली साँझ प्रीति की सुभग सलोनी, चाँद उतरता नभ-आँचल में। यादों की है कसक निराली, विरह विदित हर बहते पल में। नेह-रश्मियाँ सजा रही हैं, नयनों के मतवाले घट को। यादों... Hindi · कविता 1 5 67 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 17 Jul 2024 · 1 min read मोम की गुड़िया पिघल जाऊँ मैं इस कदर, बदल जाए मेरी सूरत, हमें इतनी तपिश ना दो, कि मैं हूँ मोम की गुड़िया। बड़ी गर्दिश में रहते हो, तुम्हें फुर्सत नही हमदम, अजी!... Hindi · कविता 1 4 78 Share