शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 35 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 12 Oct 2024 · 1 min read दशहरा सदा सत्य की जीत, दशहरा हमें बताता। करें सत्य से प्रीत, झूठ से तोड़ें नाता।। सच्चे पथ के राही को, बड़े मिलेंगे शूल। रुके नहीं, चलते रहें, शूल बनेंगे फूल॥... Hindi · दोहा 41 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 20 Jul 2024 · 2 min read ~ इंसाफ की दास्तां ~ ~ इंसाफ की दास्तां ~ सुन्दर सा परिवार एक था, मात-पिता दोउ भाई। एक जेठानी औ देवरानी, प्यारी बहन सी आई।। कोख सुनी रही बड़ी की , लाखो किया उपाय।... Hindi · कविता · कहानी 2 1 70 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 19 Jul 2024 · 1 min read भारत देश महान है। जग में सब देशों से जिसकी रही निराली शान है। धरती का यह स्वर्ग हमारा, भारत देश महान है। इसके उत्तर में हिमगिरि के शिखर गगन को चूमते। फूल फलों... Hindi · कविता 2 76 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read स्थिरप्रज्ञ बनूँ हवनकुंड की पावक मैं, आहुति यज्ञ की हो जाऊँ। सुख और दुःख में बनूं सम्यक, अब स्थिरप्रज्ञ मैं हो जाऊँ।। हो स्थिरचित्त हृदय मेरा, मन में कोई उद्गार न... Hindi · कविता 2 2 73 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 2 min read माँ तेरी कोख से ही तो मेरी माँ, मेरे जीवन का आरम्भ हुआ। तुझसे मेरा अस्तित्व बना, संसार मेरा प्रारम्भ हुआ।। अस्तित्व विहीन मैं तेरे बिन, स्नेहिल सा हृदय उदार बनी।... Hindi · कविता 81 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read कर्मा अधरों पर तेरी मुस्कान रहे, उस ईश्वर का वरदान रहे । ईश्वर की रचना हो अनुपम, उसका भी मान सम्मान रहे । दुःख के कारक तुम बनो नहीं, मेरे मीत... Hindi · कविता 2 2 62 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read बदलता_मौसम_और_तुम आजकल तुम्हारे ही जैसा है कुछ, मौसम का भी मिज़ाज, हमें समझ ही नही आता कि, आखिर कौन सा है ये अंदाज। कभी धूप तो कभी बारिश, ना जाने क्यों... Hindi · मुक्तक 58 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read मुलाकात अब कहाँ वो उमंग कहीं खो गयी, वो तरंग कहीं खो गयी। ढूंढती हूँ वो मेरे, जजबात अब कहाँ। रूठा है मीत मेरा, मुलाक़ात अब कहाँ।। वो उमंग कहीं खो गयी, वो... Hindi · गीत 1 70 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read मन मेरा दर्पण कान्हा ने सिखाया प्रेम हमें मीरा ने सिखाई भक्ति है। हनुमत सी बनी बलशाली मैं, मुझमें दुर्गा की शक्ति है। माँ सरस्वती की कृपा से, मैं सुन्दर भजन सुनाती हूँ।... Hindi · कविता 1 100 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read #प्रेम_वियोग_एकस्वप्न मुझसे दूर जाने का फैसला, तूमने लिया था, हाँ, तुम्हें दिखती हैं मुझमें, हज़ार कमियां, क्योंकि नही हूँ मैं, तुम्हारी तरह समझदार, थोड़ी अल्हड़ हूँ, और थोड़ी झल्ली सी, बहुत... Hindi · मुक्तक 2 2 138 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read प्रार्थना(हनुमान जी) 🚩🙏🏻🚩🙏🏻🚩🙏🏻🚩 रघुनन्दन को अतिशय प्यारे। राम भक्त हनुमान हमारे।। तुम ही व्यथा हमारी जानो। भक्ति भाव सदा पहचानो।। मंगल भवन अमंगल हारी। कष्ट हरें यह सबके भारी।। राम नाम नित... Hindi · दोहा 88 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read नज़र उतार देना मेरी उलझी हुई लटों को हाथों से संवार देना। ना नज़र लगे जमाने की, नज़र उतार देना।। कभी खत्म ना हो जीवन में इतना प्यार देना। ना नज़र लगे जमाने... Hindi · ग़ज़ल 75 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read अश'आर 1-उनके खूबसूरत होठों को छूकर गुनाह किया था। नादान थे, नासमझ थे पर इश्क़ बेपनाह किया था। 2-हमने सुना था कि, इश्क़ रुसवाई देता है। पर हमारा अनुभव ये रहा,... Hindi · शेर 80 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read कलयुगी संसार रह गयी ना अब किसी मन में कोई संवेदना। है कहाँ आसान पढ़ना हृदयतल की वेदना। वेदना संसार में कोई भी पढ़ पाता अगर। ठेस पहुँचाते नही , ना छोड़... Hindi · कविता 59 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read कुछ मासूम स्त्रियाँ! कुछ मासूम स्त्रियाँ! होती है सहनशील, सशक्त और उच्च विचारों वाली, पर अक्सर हो जाती है पराजित, कभी उदास तो कभी हताश, और वजह होती हैं कुछ स्मृतियाँ, जो लाख... Hindi · मुक्तक 83 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read बादल बरस भी जाओ नखरे ना इतने दिखाओ, बादल बरस भी जाओ।।1।। पशु-पक्षी बेहाल हुए हैं। मानव भी बदहाल हुए हैं। पक्षी दर-दर भटक रहा है, नीड़ भी जैसे जाल हुए हैं।। अब तो... Hindi · गीत 106 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read योग मेरे आज्ञाचक्र में निरन्तर घूमने वाली स्मृति में तुम हो। मेरे हाथों की लकीर में, मेरी तक़दीर में, मेरी नियति में तुम हो। मेरे ज्ञान में, मेरे ध्यान में, मेरे... Hindi · मुक्तक 89 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read विश्व कविता दिवस प्रेम नगर के प्रेम डगर पर, जो बहको तो कविता हो। मेरे स्वप्न वृक्ष की डाली, पर चहको तो कविता हो। एक खण्डहर में वर्षों से, नैना राह तके 'डिम्पल'... Hindi · कविता 116 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read रंग प्यार का रंग प्यार का गहरा तेरा। दिल पर मेरे पहरा तेरा। सदा सामने तू ही रहती आँखों में है चेहरा तेरा। शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ Hindi · शेर 79 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read न तुम भूल जाना कफ़न से सजाकर विदा देने वालो, चिता पर लिटाकर न आँसू बहाना। न तुम भूल जाना सदा याद रखना, भले भूल जाए ये जालिम जमाना। शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ Hindi · शेर 85 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read जज़्बात-ए-इश्क़ अपने जज़्बात का इज़हार न कर पाए हम। अश्क आँखों में था, तकरार न कर पाए हम। मेरी हर याद में बस उनका ही चेहरा दिखता, उफ़ बयाँ दर्द ये... Hindi · शेर 1 3 89 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read 🌹#तुम_मुझे_ढूंढ_लेना🌹 🌹🌹🌹🌹 मैं नही जानती, कि मुझे तूफानों के बीच रहना है, या कोई सुरक्षित जगह ढूंढनी है, अपने बचाव के लिए, या फिर आदत डाल लेनी है थपेड़ों से खेलने... Hindi · मुक्तक 1 2 59 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read राम तुम भी आओ न अब सलोना-सांवला वो रूप तुम दिखलाओ ना। बन गया है राम मंदिर, राम तुम भी आओ ना।।1।। मैं पुजारन कर रही कलयुग में तेरा इंतज़ार। बोलो राघव तुम कहाँ हो,... Hindi · गीत 77 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Jul 2024 · 1 min read डॉक्टर बचपन में देखा एक सपना, मैं भी डॉक्टर बन जाऊँ। जीवन रक्षक दूत बनूँ मैं, बीमारी सब हर जाऊँ। सेवा ही हो धर्म हमारा, ऐसा लक्ष्य बनाऊं मैं। कठिन पढ़ाई... Hindi · कविता 83 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 17 Jul 2024 · 1 min read शनिवार शनिवार दिन खास है, जपो शनि का नाम। न्याय के हैं ये देवता, पूरे हों सब काम। पूरे हों सब काम, पुण्य तुम करते जाओ। झूठ, कपट को त्याग, शनि... Hindi · कुण्डलिया 66 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 17 Jul 2024 · 1 min read तुलसी पूजन(देवउठनी एकादशी) तुलसी पूजन मैं करूँ, दीप प्रज्ज्वलन साथ। शुक्ल पक्ष एकादशी, विष्णु देव हैं साथ। विष्णु देव हैं साथ, संग में तुलसी मईया। ढोल मजीरे साथ, मैं देती सबको बधईया। है... Hindi · कुण्डलिया 61 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 17 Jul 2024 · 1 min read देन वाले देने वाले ने दिया, विपुल यहाँ भंडार। सोच समझ कर काम ले, यह सारा संसार।। यह सारा संसार, सदा है दोहन करता।। धरती देती दण्ड, नहीं थोड़ा भी डरता। ।... Hindi · कुण्डलिया 1 2 73 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 17 Jul 2024 · 1 min read दाता दाता केवल ईश है, देता है दिन रैन। तृष्णा बुझती है नहीं, मानव है बेचैन।। मानव है बेचैन, अपेक्षा बढ़ती जाती। सदा बदलती रूप, चाहतें सदा सताती।। 'डिम्पल' धरिए धीर,... Hindi · कुण्डलिया 113 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 17 Jul 2024 · 1 min read ईश्वर ईश्वर को भजते रहें, मन से बनें उदार। जीवन उसका है सफल, जो करता उपकार।। जो करता उपकार, काम सबके ही आता। मानव मन का प्रेम, सभी को सदा लुभाता।।... Hindi · कुण्डलिया 92 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 17 Jul 2024 · 1 min read दूरी और प्रेम दूरी कितनी भी रहे, अपनों से हो प्यार। केवल इससे ही बँधा, यह सारा संसार।। यह सारा संसार, इसी से रिश्ते नाते। सुख-दुःख में दे साथ, स्नेह से रहे निभाते।।... Hindi · कुण्डलिया 94 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 17 Jul 2024 · 1 min read विश्वास मन के द्वार न खोलिए, कितना हो कोई खास। मन के मोती बिखरते, टूटे है विश्वास। टूटे है विश्वास, न कुछ अब आशा करिए। देव समझ मानव से, न अब... Hindi · कुण्डलिया 1 85 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 17 Jul 2024 · 1 min read कुण्डलिया छंद #हनुमानजी विनय तुम्हारी मैं करूँ, सुनो वीर हनुमान। रामभक्त सुधि लो सदा, करती हूँ आह्वान। करती हूँ आह्वान, सुनो हे रामदुलारे। करो पूर्ण संकल्प, लगाओ नाव किनारे। कहती 'डिम्पल' ईश, आस... Hindi · कुण्डलिया 60 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 17 Jul 2024 · 1 min read टूटे ना नेहिया की तार रुत आई बसंती बहार, बयार बहुरंगी बहे। देखो टूटे ना नेहिया की तार, बयार बहुरंगी बहे।। मह-मह महकेला, फूल-फुलवरिया, आसमान छाए काहे, काली रे बदरिया। मनवा बसन्त भइल, पिरितिया में... Hindi · गीत 83 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 17 Jul 2024 · 1 min read यादों की है कसक निराली साँझ प्रीति की सुभग सलोनी, चाँद उतरता नभ-आँचल में। यादों की है कसक निराली, विरह विदित हर बहते पल में। नेह-रश्मियाँ सजा रही हैं, नयनों के मतवाले घट को। यादों... Hindi · कविता 1 5 75 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 17 Jul 2024 · 1 min read मोम की गुड़िया पिघल जाऊँ मैं इस कदर, बदल जाए मेरी सूरत, हमें इतनी तपिश ना दो, कि मैं हूँ मोम की गुड़िया। बड़ी गर्दिश में रहते हो, तुम्हें फुर्सत नही हमदम, अजी!... Hindi · कविता 1 4 86 Share