ananya rai parashar Tag: मुक्तक 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ananya rai parashar 10 Mar 2022 · 1 min read अच्छा लगता है। खुशियों की फुलझड़ी छोड़ना अच्छा लगता है प्यार बिछाना प्यार ओढ़ना अच्छा लगता है।। सब एक ही रब के बंदे सबको शीश झुकाती हूँ हाथ मिलाना हाथ जोड़ना अच्छा लगता... Hindi · मुक्तक 3 1 421 Share ananya rai parashar 8 Mar 2022 · 1 min read ज़िंदा जल रहे हैं हम। हैं दिल पर चोट जो गहरे ख़ुदी से भर रहे हैं हम हमारा हैं यहां सब कोई लेकिन मर रहे हैं हम।। हमें कहने वाले वो चाँद के टुकड़े चले... Hindi · मुक्तक 1 332 Share ananya rai parashar 8 Mar 2022 · 1 min read प्यार सरीखा कुछ तो है। नाज़ नज़ाक़त हुस्न नफ़ासत अदा सलीका कुछ तो है चख कर देखो इस रिश्ते में मीठा -तीखा कुछ तो है ।। जो कुछ भी है आख़िर क्या है पक्का तो... Hindi · मुक्तक 1 382 Share ananya rai parashar 8 Mar 2022 · 1 min read औरत रुत सुहानी हुई बागों में कई फूल खिले तितलियां शाख पे बैठी तो परिंदे भी उड़े वरना बे रंग ही रह जाती ये दुनिया सारी रब ने औरत से ज़माने... Hindi · मुक्तक 1 372 Share ananya rai parashar 8 Mar 2022 · 1 min read प्यार सरीखा कुछ तो है। नाज़ नज़ाक़त हुस्न नफ़ासत अदा सलीका कुछ तो है चख कर देखो इस रिश्ते में मीठा -तीखा कुछ तो है ।। जो कुछ भी है आख़िर क्या है पक्का तो... Hindi · मुक्तक 1 335 Share