राहुल प्रकाश पाठक Tag: कविता 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राहुल प्रकाश पाठक 3 Apr 2019 · 1 min read मंजिल मुसाफिर बन के देखो,कितनी हसीन है मंजिल। पथरीली से राह में ,मुसीबतों के धूप में, थकान के बाद भी ,चलता है मुसाफिर , गिरता है फिर सम्हलता है मुसाफिर, एक... Hindi · कविता 1 419 Share राहुल प्रकाश पाठक 15 Feb 2019 · 1 min read शहादत खून बहता रहा वतन के नाम पे एक माँ भी बैठी रही अपने बेटे की राह में मासूम के सर से साया गया दुल्हन का सिंदूर और बहन की राखी... Hindi · कविता 1 1 573 Share राहुल प्रकाश पाठक 1 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ निश्छल नदी की अविरल धारा ,भव सागर में एक किनारा । रेगिस्तान में जल की धारा, हम बच्चों का एक सहारा । बेचैनी में चैन वो देती,गुस्से से वो... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 42 1k Share राहुल प्रकाश पाठक 31 Jul 2018 · 2 min read पुरानी दोस्ती वक़्त की दीवार पर लिखी उस, पुरानी इबादत को पढ़ते है। जो वर्षों से दूर है दोस्त अपनें, अब उनसे भी मुलाकात करते हैं । इस वर्ष फ़्रेंडशिप डे पर,... Hindi · कविता 2 1 561 Share राहुल प्रकाश पाठक 13 May 2018 · 1 min read मेरी माँ माँ से दूर रहकर भी मेरी प्यारी माँ को हर पल अपने साथ महसूस करके माँ के आंचल को माँ के हाथ के भोजन को पिता की डांट पर माँ... Hindi · कविता 1 488 Share राहुल प्रकाश पाठक 11 Apr 2018 · 2 min read मैं याद आऊँगा उस दिन मैं याद आऊँगा उस दिन मैं याद आऊँगा उस दिन मैं याद आऊँगा उस दिन जब डायरी के पन्ने पलटते हुए वो सूखा गुलाब जमीन में गिर जाएगा डायरी के... Hindi · कविता 2 1 1k Share राहुल प्रकाश पाठक 8 Jan 2018 · 1 min read लड़ाई मैंने देखा है अक्सर लड़ते हुए उनको,तुमको और खुद को कभी जाति को लेकर, कभी धर्म को लेकर, कभी मंदिर को लेकर, कभी मस्ज़िद को लेकर, क्यों नही प्यार और,... Hindi · कविता 1 724 Share राहुल प्रकाश पाठक 8 Nov 2017 · 1 min read प्रकृति की करुण पुकार मुझे बचा ले बेटा तेरी, द्वार खड़ी मां कह रही है। सीना चीर के दूध पिलाया, आज खून की धारा बह रही है। काट रहे है बाह ये मेरी, कुछ... Hindi · कविता 1 1k Share