Tag: ग़ज़ल/गीतिका
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आत्मबल
प्रदीप तिवारी 'धवल'
नोटबंदी - वरदान या अभिशाप
प्रदीप तिवारी 'धवल'
हर एक शख्स समय का गुलाम होता है
प्रदीप तिवारी 'धवल'
जबान से लगी चोट कभी ठीक नहीं होती
प्रदीप तिवारी 'धवल'
आखिरी दम तलक नहीं बुझती
प्रदीप तिवारी 'धवल'