Raghu GS Jatav Tag: मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Raghu GS Jatav 29 Sep 2021 · 1 min read तुम सा नही...! डरे-डरे से रहते हो, ह्रदय की न बात कहते हो। प्रेमरस में बहकर भी, इंद्रजीत से रहते हो। फूलों की तरह, भवरें को चाहते हो। ये इश्क़ ए रिवाज़ तुम्हारा,... Hindi · मुक्तक 258 Share