Raghuvir GS Jatav Tag: मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Raghuvir GS Jatav 29 Sep 2021 · 1 min read तुम सा नही...! डरे-डरे से रहते हो, ह्रदय की न बात कहते हो। प्रेम रस में बहकर भी, इंद्रजीत से रहते हो। - रघु Hindi · मुक्तक 324 Share