Tag: ग़ज़ल/गीतिका
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वफ़ा के मूरत से
Nitu Sah
कुछ रिश्ते
Nitu Sah
अपने ही अपनों को
Nitu Sah
बहते हुए लहरों पे
Nitu Sah
वजह ढूंढोगे तो अंत हो जाएगा
Nitu Sah
क्यो बार-बार आजमाते हो
Nitu Sah
अगर उससे निगाहें मिला...समझो गले लगा लेता
Nitu Sah
शमां देखकर ,दिल ना बहलाओ
Nitu Sah
मौन खड़े होते हैं अपने
Nitu Sah
कैसे कहें उनसे
Nitu Sah
दिया तो दिया
Nitu Sah