Purav Goyal 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Purav Goyal 16 Jun 2016 · 1 min read आँखों में दर्द की मौजे अब मचलने लगी आँखों में दर्द की मौजे अब मचलने लगी साँसे ही मेरी अब साँसों को चुभने लगी जब से रुत-ए-बाहर तेरी यादों की आई है जर्द आँसू टूट के आँखें अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 438 Share Purav Goyal 16 Jun 2016 · 1 min read सम्भाल के मुझे , किताब में कौन रखेगा सम्भाल के मुझे , किताब में कौन रखेगा छुपा के काँटों को गुलाब में कौन रखेगा ।। कर लेगें वसूल मुझ को इक इक साँस से बता दो मेरे आँसू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 281 Share Purav Goyal 16 Jun 2016 · 1 min read चेहरे की उदासी को , धोने नहीं दिया इक ग़ज़ल ने चेहरे की उदासी को , धोने नहीं दिया इक ग़ज़ल ने मुझ को देर रात तक,सोने नहीं दिया इक ग़ज़ल ने इक दर्द सीने में उठ - उठ के ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 424 Share Purav Goyal 16 Jun 2016 · 1 min read खाकी - खद्दर पहने हुये , इंसान बिकने लगे खाकी - खद्दर पहने हुये , इंसान बिकने लगे कोडियों में यहाँ लोगो के,ईमान बिकने लगे ।। कही मुर्दे तो,कही आज शमशान बिकने लगे, चदरों पे खुदा,पत्थरो में भगवान बिकने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 472 Share Purav Goyal 16 Jun 2016 · 1 min read पानी आँखों में ठहरा दिखाई देता है पानी आँखों में ठहरा दिखाई देता है सीने में ज़ख्म गहरा दिखाई देता है अजीब दर्द लिए फिर रहा हूँ सीने में पुराना है मगर हरा दिखाई देता है घर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 400 Share Purav Goyal 16 Jun 2016 · 1 min read आँखों की दीवारों में नमी अब बैठने लगी आँखों की दीवारों में नमी अब बैठने लगी भीतर की सब कच्ची , दीवारे ढहने लगी !! दर्द से अश्क़ो की मौजें , जब तड़पने लगी दुखती हुई रग दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 272 Share Purav Goyal 16 Jun 2016 · 1 min read आँखों में अब आंसू छिपाना कितना मुश्किल है आँखों में अब आंसू छिपाना कितना मुश्किल है जो रडकते है उनको बहाना कितना मुश्किल है !! साँसों पे लिख लिया तुझको मैंने आयत की तरह तक़दीर का ये लिखा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 389 Share Purav Goyal 17 Jun 2016 · 1 min read ख़ुदकुशी करने के मैं रोज बहाने ढूँढने लगा हूँ ख़ुदकुशी करने के मैं रोज बहाने ढूँढने लगा हूँ जी में रड़क रही है साँसे जैसे मैं मरने लगा हूँ सीने के जख्मों पे लौट कर कोई बहार आई है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 309 Share Purav Goyal 18 Jun 2016 · 1 min read कागज पे हालाते-दिल लिखते हुये इक दिन मौत आ जानी है कागज पे हालाते-दिल लिखते हुये इक दिन मौत आ जानी है मुझे मरते , तड़पते , बिलखते हुये इक दिन मौत आ जानी है !! लापता है कई रास्ते मुझ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 506 Share