Dr.P.S.Shakya Tag: मुक्तक 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr.P.S.Shakya 25 Sep 2019 · 1 min read धर्म का उद्देश्य कुशल कर्मो की मन में धारणा ही धर्म होता है। धर्म रसपान से बढ़कर ,न कोई कर्म होता है।। शील अष्टांग का पालन,मिटा देता है तृष्णा को, मिटे दुख चक्र... Hindi · मुक्तक 3 1 251 Share Dr.P.S.Shakya 25 Sep 2019 · 1 min read ज़िन्दगी एक सफ़र ज़िन्दगी के सफ़र में बहुत कुछ आयाम होते हैं। कहीं अहसास के पन्ने, लिए पैग़ाम होते हैं।। तैरना जानते मानव, वही, भव से निकल पाते, कर्म कारण विभाओ में,लिखे अंजाम... Hindi · मुक्तक 4 1 249 Share Dr.P.S.Shakya 7 Nov 2018 · 1 min read तृष्णा का असर अगर तृष्णा रहे मन मे शोक सन्ताप उपजाए। दुखों का मूल बनकर के, सदा मानव को तड़पाए।। मुक्त तृष्णा से हो मानव ,सभी दुख दूर होजाएँ, पड़ी मझधार में नइया... Hindi · मुक्तक 5 3 318 Share