पृथ्वीराज चौहान 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पृथ्वीराज चौहान 11 Jan 2017 · 1 min read मेरे लाल तेरे जोर से सिसकने भर से मेरी सांसों की डोर कमजोर सी होने लगती है तेरी एक चिल्लाहट भर से दिल की धड़कनें दौड़ती सी लगती है मेरा साथ छोड़ती... Hindi · कविता 368 Share पृथ्वीराज चौहान 11 Jan 2017 · 1 min read बेटियां घर स्वर्ग हो जाता है जब घर में आती है बेटियां कण कण सुवासित होता जब घर में वास कर जाती है बेटियां रौनक आती खुशहाली आती जब घर में... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2k Share पृथ्वीराज चौहान 12 Jan 2017 · 1 min read जलन/ पृथ्वीराज चौहान कुछ लोग मुझसे इस कदर जलते हैं, साथ अगर मैं उनके चलूं, तो वो फासला लेकर चलते हैं, मैंने हमेशा अपना समझा है, कभी जिनको खुद से कम ना समझा... Hindi · कविता 1 445 Share पृथ्वीराज चौहान 28 Jan 2017 · 1 min read दिवानगी °°°°°°°°°°° थां सूं दूरी घणी मजबूरी हियो री हिलोर नै जै लेवण दूं हिलोर समंदर बण जावै धरा री कोर कोर गौरी म्हारो तन बैचैन मन बैचैन म्हारै हिवडै़ रा... Hindi · कविता 241 Share पृथ्वीराज चौहान 8 Feb 2017 · 1 min read मदहोश घटा •मदहोश घटा• °°°°°°°°°°°°° थारै बाळां री घटा अर काळी घनघटा दोनुआं में घणो अंतर तो नीं है दोनूं ई मदहोशी ई ल्यावै थूं म्हारै में अर वा धरती में म्हूं... Hindi · कविता 406 Share