डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम Tag: ग़ज़ल 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 24 Oct 2022 · 1 min read जिंदगी राम से है बड़ी ,राम की बंदगी। फिर फटेहाल क्यों ,आम ये जिंदगी।1। बाढ़ में बह गया, है जुनुं प्यार का मुफलिसी में कटी ,यार ये जिन्दगी।2। रोटियां जो मिली,... Hindi · ग़ज़ल 3 1 204 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read जिंदगी राम से है बड़ी ,राम की बंदगी। फिर फटेहाल क्यों ,आम ये जिंदगी।1। बाढ़ में बह गया, है जुनुं प्यार का मुफलिसी में कटी , नाम है जिन्दगी।2। रोटियां जो... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 59 Share