PRATIK JANGID Tag: लघु कथा 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid PRATIK JANGID 17 May 2021 · 1 min read सवेरे का सूरज सुबह का सूरज मेरे लिए हर रोज़ एक नई उमंग के साथ आता है। उगते सूरज को देखकर मन में बहुत सी उमंगे भी जाग जाती है। और दिन भर... Hindi · लघु कथा 1 2 724 Share PRATIK JANGID 17 May 2021 · 1 min read उदयपुर फतेहसागर की सर्द शाम उदयपुर फतेहसागर की सर्द शाम । कुछ खवाईशे मौसम देख यू ही पैदा हो गई , क्यों ना आज की ये सर्द शाम तुम्हारे से फतहसागर की साथ वाली सड़क... Hindi · लघु कथा 282 Share PRATIK JANGID 23 Jul 2020 · 2 min read मानसून और में विधि आज सुबह कुछ जल्दी ही नींद खुल गयी, अलसाई नींद में आँख मलते हुए मैं अपने बिस्तर से उठी और अंगड़ाई लेते हुए खिड़की के पास जा पहुंची। देखा, तो... Hindi · लघु कथा 5 1 316 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 2 min read किताबी दोस्ती मैं अक्सर बेहतर तलाश कर ही लेती हूँ, इन किताबों की भीड़ में! एक बेहतर किताब को अपना दोस्त बना ही लेती हूँ । हाँ... मेरा कोई दोस्त नहीं ।पर... Hindi · लघु कथा 3 400 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 2 min read बेफिक्र सफर मेरा सफर कभी रुका ही कहां , वो मुझे रोकना चाहता है । और में ज़िन्दगी की रफ्तार के साथ बस दौड़ना , रुक कर वो ठहरे रहना चाहता है... Hindi · लघु कथा 2 341 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 1 min read एक बात कहानियां कविताएं लिखना उसे भी पसंद था, और मुझे भी l सांझ का घूमना उसे भी पसंद था, मुझे भी l हर सांझ हम तालाब किनारे पगडंडी वाले कच्चे रास्ते... Hindi · लघु कथा 3 406 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 1 min read एक शाम मुद्दतों बाद दिखी वो एक शाम, इस अजनबी शहर के बाजार में । अजनबी, मेरे लिए तो अजनबी शहर ही है । अभी आए 1 महीना भी कहा हुआ था... Hindi · लघु कथा 2 291 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 2 min read मुझे याद है मुझे याद है...... जब तुम मेरा हाथ मांगने आये थे I थोडा घबराये और कितना शरमाये थे I बाते करने में भी तुम कितना हिचकाये थेl जब में चाय की... Hindi · लघु कथा 2 435 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 3 min read ये अनोखे रिश्ते ये हिचकियाँ भी ना जाने किसकी यादो की दस्तक आज सुबह सुबह ही दे रही है. माँ कब से कह रही है कि, पानी पिले ।।मगर मैं हु कि कब... Hindi · लघु कथा 2 360 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 1 min read उसके साथ क्या हुआ था ! मुझे प्रेम लिखना पसंद था और उसे प्रेम की कहानियों से नफ़रत l कहती थी ये कहानियां महज, सिर्फ एक ख्याल है जिसे तुम शब्दों से बुनते हो, ये हक़ीक़त... Hindi · लघु कथा 2 325 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 1 min read अकेले पन की दास्तां अक्सर हम जब अकेले होते है , कुछ ज्यादा ही सोचते है। और सोच का ये दायरा रात में कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है । फिर कुछ ज्यादा ही... Hindi · लघु कथा 3 479 Share PRATIK JANGID 5 Apr 2020 · 1 min read तुम्हारा यू हर बार चले जाना तुम्हरा बिना बोले चले जाना । ना कोई खबर ,ना कोई चिट्ठी , ओर बरसो बाद तुम्हरा इस तरह मेरे घर की दहलीज पर इस तरह आना ये कोई इत्तेफाक... Hindi · लघु कथा 1 608 Share