Dr.Pratibha Prakash Tag: गीत 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr.Pratibha Prakash 17 Nov 2024 · 1 min read सांवरिया मोहे भा गयो रे सांवरिया -२ मोहिनी बाकी भोली सुरतिया -२ कमल नयन में कमल खिलत है अधरन जाके सुमन हंसत हैं मेरे मन में बसों रे सांवरिया जिय में... Hindi · गीत 20 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Oct 2024 · 1 min read दीप जला दो मन के भी अब दीप जला लो, वैर भाव को पूर्ण मिटा दो दीवाली के दीप पर्व पर , दीप में नेह की बाती लगा दो चहक उठे खुशियाँ आंगन... Hindi · गीत 25 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Oct 2024 · 1 min read कविता के शब्द शब्द ये कविताएं क्या हैं केवल सुर शब्दों की सरिता है करें प्रज्ज्वलित हृदय चेतना ये पावन सविता है ये लय वद्ध कहीं प्रार्थना, कहीं पूजा आराधन है कहीं योग... Hindi · कविता · गीत 23 Share Dr.Pratibha Prakash 20 Oct 2024 · 1 min read सैनिक के घर करवाचौथ सैनिक संवाद लेकर करवा खड़ी हुई हूँ, तुम कहाँ हो आ जाओ चाँद गगन चढ़ आया है , तुम कहाँ हो आ जाओ सैनिक तुम देख सको तो देखो सजनी... Hindi · गीत 34 Share Dr.Pratibha Prakash 1 Oct 2024 · 1 min read साधिये मन साधिये तन भी सध जायेगा पथ जीवन को इक दिन मिल जायेगा काम से दूर यदि कामनाएं रहें राग में भी वैराग मिल जायेगा मूंद आँखे जरा ध्यान में... Hindi · गीत 1 40 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Aug 2024 · 1 min read भारत की नई तस्वीर आज हिंद की गति को देखो , बड़े हुए अब कद को देखो विकसित भारत के कदमो को, नये भारत की शक्ति देखो कल तक तुमने इस भारत को, नहि... Hindi · गीत 1 45 Share Dr.Pratibha Prakash 11 Aug 2024 · 1 min read सैनिक की पत्नी की मल्हार सावन की मल्हारें गायें , या मोर पपीहा गाँव बुलाये चूनर अपनी लहरा देना, मैं समझूंगा बादल आये जब बरसेगी बरखा रानी, याद आयेगी मेरी जवानी तुम काजल से लिख... Hindi · गीत 1 104 Share Dr.Pratibha Prakash 10 Jul 2024 · 1 min read हृदय पुकारे आ रे आ रे , रो रो बुलाती मेघ मल्हारें हृदय पुकारे आ रे आ रे , रो रो बुलाती मेघ मल्हारें गये पिय कौन विदिशवा, रोवत नैना दिन-रैना रे .. न जाने का भूल भई है , पवन सुहानी... Hindi · कविता · गीत 1 75 Share Dr.Pratibha Prakash 10 Jul 2024 · 1 min read सैनिक का सावन पात पात हरियाली छाई , सावन की है ये अंगड़ाई महकी वसुधा महकी माटी,अब फुहार ने तपन मिटाई आशाओं के पुष्प खिले हैं , बिछड़े कितने मीत मिले हैं नेह... Hindi · कविता · गीत 1 91 Share Dr.Pratibha Prakash 18 Jun 2024 · 1 min read रानी मर्दानी तुम रानी मर्दानी ही नहीं सुलगती एक चिंगारी हो तुम केवल इतिहास नहीं, भूगोल की बम बारी हो समझ सके जो राष्ट्र प्रेम क्या,वो शब्दों को भी समझेंगे कहा हैं... Hindi · कविता · गीत 2 144 Share Dr.Pratibha Prakash 29 May 2024 · 1 min read त्राहि त्राहि तपती छाती वसुन्धरा की तरुवर बिन अकुलाई है सूना आंचल कहे व्यथा अब नदिया की करुनाई है सूख गये तालाब बाबड़ी कुओं के दिन बीत गये गौरैया कपोत काग अब... Hindi · कविता · गीत 2 138 Share Dr.Pratibha Prakash 24 May 2024 · 1 min read पीपल बाबा बूड़ा बरगद पीपल बाबा, बूड़ा बरगद शाखाएं अपनी फैलाता था नीम हकीम की पुड़िया होती, भूत बबूल पे आता था टेशू महकते फागन में, जेठ फालशे खाते थे इठलाती इमली खट्टी, मीठा... Hindi · कविता · गीत 3 126 Share Dr.Pratibha Prakash 20 May 2024 · 3 min read बीते हुए दिन बचपन के मेरा बचपन मां … मेरे बचपन में बेटा आता था बन्दर मामा लाठी संग होती मामी को ससुराल से लाना .. हःह अच्छा और क्या क्या होता था माँ ....बच्चे... Hindi · कविता · गीत · बाल कविता 1 156 Share Dr.Pratibha Prakash 31 Mar 2024 · 1 min read दिन ढले तो ढले हँसकर मिलना तुम सभी से गले अगर दिन ढलता है तो ढले ...हंसकर ... निशा है ये काली पर कट ही जाएगी मुश्किल है मंजिल मगर मिल जाएगी न हिम्मत... Hindi · गीत 3 102 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Mar 2024 · 2 min read अकेले आए हम अकेले है जाना अकेले , बहकाते हैं ये दुनियाँ के मेले कुछ भी नहीं है सच्चा यहाँ , सारे ही रिश्ते हैं मिथ्या यहाँ बालू के ढेर पर... Hindi · गीत · गीतिका 3 270 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read मिलन चाह लिये मिलन की तुमसे करती रोज निहार जब भी दूँ सन्देश तुम्हें मिलता जाए इनकार मिल जाए इनकार व्यथित तब मन हो जाता पल भर तो कुछ समझ न... Poetry Writing Challenge · गीत 20 3 185 Share Dr.Pratibha Prakash 13 Jun 2023 · 1 min read ललकार आर्यावर्त सप्त, सैन्धव, भारत खंडे, भारत कहलाया है इसकी पावन माटी को माता कहकर बुलाया है चरण पखारे लहराता सागर, हिम श्रंग ने मुकुट सजाया है पश्छिम में भू स्वर्ण... Poetry Writing Challenge · गीत 17 3 246 Share Dr.Pratibha Prakash 11 Feb 2017 · 1 min read दरश बिन तुमसे बिछुड़े मोरे प्रभ जी भई छः मासी की रैन दरश बिन दूखन लागे नैन,दरश बिन दूखन लगे नैन जल बिन जैसे मीन अधीरा बिन सावन जैसे रोये पपीहा जैसे... Hindi · गीत 16 1 347 Share Dr.Pratibha Prakash 3 Feb 2017 · 1 min read बसंती पुरवइया चली बसन्ती पुरवइया और बाग हुआ मतवाला नन्ही कपोलों से सज गया, तरुवर का पत्ता डाला करे अलाप की कोयल तैयारी, छाने लगी नव हरियाली खिले सरसो के संग सुमन,... Hindi · गीत 16 435 Share