प्रशान्त त्रिपाठी 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रशान्त त्रिपाठी 6 Sep 2018 · 1 min read गुरुवंदना.. गुरुवंदना का कोई नही है नियत काल गुरु से बढ़कर इस जग में दूजा नही महान।। बार बार तव वंदन,प्रणम्य अभिनंदन इस अबोध बालक का नित करते रहो मार्गदर्शन। अकथ,अवर्णनीय... Hindi · गीत 400 Share प्रशान्त त्रिपाठी 26 Jul 2018 · 1 min read राष्ट्ररक्षक-हिन्द सेना। "#करगिलविजयोत्सव पर समर्पित एक स्वरचित रचना" ओ सीमा के #प्रहरियों, बार बार तव #अभिनंदन. तुमसे आन बान सम्मान तुम बिन है राष्ट्र निष्प्राण। ओ सीमा के.......... सजग राष्ट्र की संकल्पना,... Hindi · गीत 176 Share प्रशान्त त्रिपाठी 17 Jun 2018 · 1 min read माँ... 'माँ' यह वो अलौकिक शब्द है, जिसके स्मरण मात्र से ही रोम−रोम पुलकित हो उठता है, हृदय में भावनाओं का अनहद ज्वार स्वतः उमड़ पड़ता है और मनो मस्तिष्क स्मृतियों... Hindi · लेख 1 255 Share प्रशान्त त्रिपाठी 17 Jun 2018 · 1 min read मातृ-रचना #मात्रप्रेमियों को समर्पित एक #रचना। मातृ दिवस है अभी अधूरा... घर आँगन क्यों है अभी सूना... प्रसव-वेदना सहकर ,नौ माह गर्भ में पाला... गीले में सोके खुद,सूखे में ही सुलाया...... Hindi · कविता 308 Share प्रशान्त त्रिपाठी 20 May 2018 · 1 min read चकिया-जीवन।। चकिया चलती है ऐसे। जीवन चलता है जैसे।। ऊपर नीचे चलती ऐसे। जीवन चलता है जैसे।। सुख दुःख के ये पहिये। हैं आते जाते रहते।। जीवन रूपी चक्की का मतलब... Hindi · कविता 1 409 Share प्रशान्त त्रिपाठी 19 May 2018 · 1 min read राष्ट्रवन्दना। सभी राष्ट्रवासियों,राष्ट्रप्रेमिओं को समर्पित एक रचना.. १.अमर राष्ट्र है वंदन करो। पुनीत राष्ट्र है वंदन करो। २.माँ के अंचल पर स्निग्ध #स्नेहदर्पण के साक्ष्य बनो।। ३.पावन राष्ट्र है वंदन करो।।... Hindi · गीत 221 Share