pradeep nagarwal Tag: कविता 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid pradeep nagarwal 5 May 2022 · 1 min read आपके जाने के बाद सोचता हूँ आपके साथ बिताए वो दिन लौट आए मेरी खुशियों के मेगा उमड़ आए आपकी यादें हमेशा आती रहे वह मेरी आँखें झरना बन जाए आपकी मीठी बातें अब... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 2 657 Share pradeep nagarwal 4 May 2022 · 1 min read पिता का प्यार नहीं लगता मेरा डांटना तुझे अच्छा अब नहीं भाता मेरा फिक्र करना तुझे नही चाहिये तुझे अब रोका टोकी मेरी कर नहीं सकता तेरे ज़माने जैसी बातें नही आता मुझे... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 446 Share pradeep nagarwal 4 May 2022 · 1 min read पिता उस सृजनहार का माध्यम है तु शिशुओं का जनक है तु पोरुष की ताक़त है तु कर्तव्यों की परिभाषा है तु जिम्मेदारियों का पर्वत है तु अपने परिवार की नींव... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 2 374 Share pradeep nagarwal 22 Mar 2022 · 1 min read जीवन जन्म मेरा था या इस शरीर का जीवन तुम्हारे लिए था या संसार के बन्धनों का तुम्हारी याद के लिए था या संसार की यादों का स्वार्थ के लिए था... Hindi · कविता 1 402 Share pradeep nagarwal 11 Dec 2021 · 1 min read अनकही बातें काश ऐसा होता कि तुम मेरे मन की बातें जान पाती उनको सुन पाती मुझे जान पाती किन किन से नहीं कही वो अनकही बातें तुम्हारे नाम से तुम्हारी तस्वीर... Hindi · कविता 448 Share pradeep nagarwal 10 Dec 2021 · 1 min read गंतव्य की ओर चले शिशुकाल का वात्सल्य देखा बचपन का खेला खेले युवावस्था भोगी उम्रदराज हो चले आओ अब गंतव्य की ओर चले संसार की चकाचौंध देखी मोह माया में लिप्त रहे इंद्रियों के... Hindi · कविता 1 263 Share pradeep nagarwal 10 Dec 2021 · 1 min read भगवन तुम कब आओगे हे भगवन तुम कब आओगे हो रहा यहां अत्याचार सह रहे यहां रक्तपात दीनानाथ तुम कब आओगे लग रहा है यहां लाशों का ढेर हो रहे इन्सान यहां राख के... Hindi · कविता 335 Share pradeep nagarwal 10 Dec 2021 · 1 min read मेरा पथ आप ही हो फंसा हूं मैं माया के बन्धनों में विषय भोगों में पर मैं चलना चाहता हूं आपके ही मार्ग पर जकड़ा हु में मद लोभ में विकारों विलासों में लेकिन रहना... Hindi · कविता 644 Share pradeep nagarwal 10 Dec 2021 · 1 min read आपकी ही चाहत है मन व्याकुल है मेरा आत्मा उदास है तसल्ली बस इतनी है मुरलीधर सिर्फ आपकी ही चाहत है न ही कुछ चाहिये न ही कुछ आस है और मेरे कर्म मेरे... Hindi · कविता 1 486 Share pradeep nagarwal 10 Dec 2021 · 1 min read Didar aapke cahata hu Kaisa bhi raha ho bhoot kal mera Kaisa bhi chal raha Ho vartman mera Didar aapke cahata hu Achha rahu ya bura Dukhi rahu ya sukhi Didar aapke cahata hu... Hindi · कविता 426 Share