प्रदीप कुमार गुप्ता Language: Hindi 72 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 प्रदीप कुमार गुप्ता 22 May 2023 · 1 min read सच्ची ख़ुशी खोजता रहा मै दिन प्रतिदिन, सच्चे सुख की परिभाषा। जानूंगा मै राज ये एक दिन, मन में थी अभिलाषा। जीवन की ये कठिन पहेली, सब मन में हैं सुलझाते। खुद... Poetry Writing Challenge · Hindikavita 2 171 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 21 May 2023 · 1 min read हमारे रिश्ते में ये दरार जो आयी है हमारे रिश्ते में, ये दरार जो आयी है। छोटी नहीं ये तो, बड़ी गहरी खाई है। सोंचा न था, बात इतनी बिगड़ जाएगी हम दोनों के दरमियाँ, दूरियां लाएगी। गलतफहमियों... Poetry Writing Challenge · Kavita 3 221 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 18 May 2023 · 1 min read एक दोस्त है हमारा एक दोस्त है हमारा, लगता है बहुत प्यारा । जब भी मैं लड़खड़ाई, उसने दिया सहारा । एक दोस्त है हमारा, लगता है बहुत प्यारा । करता है फ़िक्र मेरी,... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · Kavita 3 155 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 18 May 2023 · 2 min read किसी तो किनारे से चलना पड़ेगा किसी तो किनारे से चलना पड़ेगा किसी के सहारे से बढ़ना पड़ेगा। ये लम्बा सफर है गमे जिंदगी का, तुम चाहो न चाहो मानो न मानो, गिरो लड़खड़ाओ उठो डगमगाओ,... Poetry Writing Challenge · Kavita 2 145 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 18 May 2023 · 1 min read कुछ न कुछ तो मिल जायेगा कुछ न कुछ तो मिल जायेगा, हम प्रयास जो कर लें थोड़ा। आम कंहा से तुम खाओगे, जो तुमने उसको न तोडा। पैदा होकर खड़ा हुआ वो, फिर हर दिन... Poetry Writing Challenge · Kavita 2 203 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 17 May 2023 · 1 min read लिखता रहा मिटाता रहा लिखता रहा मिटाता रहा, मन में ही गुनगुनाता रहा। कह न पाया बात दिल की, बस सोंच ये पछताता रहा। दिल की बात जुबां तक न आयी, बस ख्याल दिल... Poetry Writing Challenge · Kavita 2 372 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 17 May 2023 · 1 min read आसां नहीं होता कोई भी मुकाम आसां नहीं होता कोई भी मुकाम, बड़ा या छोटा नहीं होता कोई भी काम। जो हौसला बुलंद हो तो मिल जाती है मंजिल, फिट क्यों न चलना पड़े सुबह और... Poetry Writing Challenge · Kavita 2 239 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 16 May 2023 · 1 min read मौन हूँ मै जिंदगी के इस खेल में, कुछ मौन हूँ मै । बहुत समझा जिंदगी को, ढूंढता हूँ इस पल, अब कौन कौन हूँ मै । तरह - तरह के सितम, खाये... Poetry Writing Challenge · Geet 3 379 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 15 May 2023 · 1 min read क्यों उलझे उस बात में क्यों उलझे उस बात में, जो नहीं है अपने हाथ में। कल की चिंता छोड़ के हम, जी लें अब कुछ साथ में। क्यों उलझे उस बात में। किसे पता... Poetry Writing Challenge · Baat 2 270 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 15 May 2023 · 1 min read कुछ बात करें मिल बैठ कुछ बात करें, दिल की बातें चार करें। मन की गांठे खुद से खोलें, अपनों से कुछ अपना बोले। दिन ये चार पहर का प्रहरी, आज नहीं तो... Poetry Writing Challenge · Dil Ki Baat 3 234 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 15 May 2023 · 1 min read समझदारी स्कूल से आते ही गोपाल ने झटपट से अपना बैग रखा, कपडे बदले और खाना खाने बैठ गया। आज शाम को उसकी टीम का मैच था दूसरे मोहल्ले की टीम... Hindi · Short Story 1 235 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 15 May 2023 · 2 min read संवेदना बंटी को कुत्ते बहुत अच्छे लगते थे। वो चाहता था कि उसके घर में भी एक कुत्ता हो जिसको पाल के वो उसके साथ खेल सके। पर उसकी माँ को... Hindi · Short Story 1 168 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 15 May 2023 · 1 min read ज़िन्दगी में कभी कुछ अलग होने चाहिए ज़िन्दगी में कभी कुछ, अलग होना चाहिये । रोकर तो सब हँसते हैं, कभी हंस कर भी रोना चाहिये । उम्र बीत गयी अब तो, इन रस्मों को निभाने में... Poetry Writing Challenge · Jindagi 3 156 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 15 May 2023 · 1 min read नहीं अकेली तू इस जग में नहीं अकेली तू इस जग में, मैं भी तेरे साथ खड़ा । मिलकर दोनों साथ बढ़ेंगे, संकट हो फिर कितना बड़ा। तेरे हाथ को पकडे-पकडे, पार मैं कर लूँ सात... Poetry Writing Challenge 2 185 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 15 May 2023 · 1 min read कोरोना का तांडव महामारी का मचा है तांडव, हर देश हर द्वीप में । छड़-छड़ काल ग्रसित करता है, जीवन अपने समीप में । पूरी दुनिया में है फैला, बहुत बड़ा है ये... Poetry Writing Challenge · Corona 3 177 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 15 May 2023 · 1 min read जीवन है ये छोटा सा जीवन है ये छोटा सा, काम कर लो खत्म सभी । मृत्यु का कुछ पता नहीं , कल हो या फिर हो अभी । जीवन है ये छोटा सा, काम... Poetry Writing Challenge · Jeevan 2 219 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 15 May 2023 · 1 min read खोता गया वर्तमान गुजरते वक़्त के साथ, गुजरती गयी यादें। भूल गया मैं अब तो, जो खुद से किये थे वादें । सोचा था ये करूँगा, और करूँगा वो सब । जीवन के... Poetry Writing Challenge · Vartman 2 246 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 15 May 2023 · 1 min read जीवन बड़ा अमूल जीवन बड़ा अमूल रे भईया, जीवन बड़ा अमूल । जो न समझा इस जीवन को, उसने कर दी भूल रे भईया । जीवन बड़ा अमूल । हम जब आये इस... Poetry Writing Challenge · Jeevan 2 177 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 15 May 2023 · 1 min read बचपन के वो दिन वो दिन भी क्या दिन थे, जब धूप हमें छाँव लगती थी । खाली पेट भी जो होते हम, तब भी हमें फुर्ती लगती थी । बचपन के वो दिन... Poetry Writing Challenge · Bachapan Ke Din 2 173 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 15 May 2023 · 1 min read जब विपत्ति आती है जब विपत्ति आती है, इंसान को आजमाती है । दिल से जो हारा तो, जान भी चली जाती है । जो ठान लो मन में, तो हर मंज़िल मिल जाती... Poetry Writing Challenge · Himmat 2 122 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 19 Jun 2018 · 1 min read भविष्य पड़ोस के वर्मा जी आज फिर अपने छोटे लड़के को स्कूल जाने के लिये समझा रहे थे। वह स्कूल न जाने के लिये रो रहा था और वर्मा जी उससे... Hindi · लघु कथा 3 402 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 18 Jun 2018 · 1 min read पथिक राह में तुम ऐ पथिक, क्यों खड़े ऐसे व्यथित। क्या तुम्हारी मंजिलें दूर है तुमसे खड़ी, या तुम्हारी राह में मुश्किलें भी हैं बड़ी। क्यों तुम्हारी चाल में ये थकावट... Hindi · कविता 1 590 Share Previous Page 2