Prabhudayal Raniwal 76 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read "शराबी बाप को देखो !" **************************** देखो! औलाद को, तन पर कपड़ा नहीं। घर में राशन-पानी की कोई व्यवस्था नहीं।। और देखो! शराबी बाप को, तनिक भी शर्म नहीं। ऐसे बाप को जहाॅं में-- जीने... Hindi · कविता 1 3 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read फर्ज अपना-अपना **************************************** धर्म अलग-अलग है हम सबके यहां। पर मालिक एक है हम सबका वहां।। हिन्दू- मुस्लिम, सिक्क-इसाई। हम सब है यहां भाई-भाई।। ये हिन्दुस्तान पावन है हमारा। है दुनिया का... Hindi · कविता 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 11 Oct 2021 · 1 min read सत्य की राह चल.! ************************** कभी नहीं होती है झूठ की जीत! जीत सदा होती है सत्य की जीत!! इंसान चाहे जितना बोल ले झूठ! एक दिन पकड़ा ही जाता है झूठ!! झूठी जिन्दगी... Hindi · कविता 1 2 1k Share Prabhudayal Raniwal 1 Aug 2021 · 1 min read तलाश..! ************************ न जाने कहां से आकर वे, ज़िन्दगी तबाह कर गये। जी रहा था अपने जहां में, ज़िन्दगी वीरान कर गये।। ज़िन्दगी की यह वीरानी, अब! कैसे होगी दूर। नहीं... Hindi · कविता 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 2 Aug 2021 · 1 min read आखरी उत्तराधिकारी **************************************** बड़ी नेक थी इन्दिराजी, एक नेता के रूप में। बड़ी सतर्क थी इन्दिराजी, एक शासक के रूप में।। था हाथों में उनके-- भारत का संविधान। था देश के खातिर,... Hindi · कविता 1 3 1k Share Prabhudayal Raniwal 6 Aug 2021 · 1 min read तीन घंटे..! ********************************* कुसंग से नाता जोड़ा, ज़िन्दगी को पीछे छोड़ा। वो तीन घंटे के शो में दौड़ा।। अच्छाई को वहीं छोड़ आया, बुराई को साथ ले आया। वो सिनेमा से क्या... Hindi · कविता 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 23 Aug 2021 · 1 min read आज का इंसान.! ****************************** जितना भी दे भगवान- इंसान को! फिर भी कम पड़ जाता है इंसान को। कभी जीवन में कष्ट आता है इंसान को- तो दोष देता है फिर भगवान को!... Hindi · शेर 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 8 Oct 2021 · 1 min read "निरक्षर-भारती" ********************************************** अक्षर-अक्षर जान लो। पढ़ना-लिखना सीख लो।। नया जमाना पहचान लो। दस्तखत करना सीख लो।। छोड़ो कल की बात पुरानी। दुनिया है अब बड़ी सयानी।। दुनिया की खबर जान लो।... Hindi · कविता 1 2 2k Share Prabhudayal Raniwal 14 Sep 2021 · 1 min read "हमारी मातृभाषा हिन्दी" ********************************* जग में सबसे अच्छी हमारी हिन्दी भाषा है। हमारे हिन्दुस्तान की प्यारी हिन्दी भाषा है।। हर बच्चें को पहले हिन्दी भाषा सिखाना है। बाद में अन्य भाषा का ज्ञान... Hindi · कविता 1 2 2k Share Prabhudayal Raniwal 6 Sep 2021 · 1 min read भरोसा.! ==================== ए जिन्दगी तु चिंता मत कर! तु अपनी राहें खुद तय कर। इस जहाॅं में कोई साथ न देगा! किसी पर भी भरोसा मत कर- तु अपनी मंजिल खुद... Hindi · शेर 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 6 Sep 2021 · 1 min read ये स्वार्थी दुनिया.! मौत तो सभी को इक दिन आनी है ! डर कैसा! मौत तो जानी पहचानी है। मौत से पहले जीना मत छोड़ो यारों- ये दुनिया सच्चों को जीने नहीं देती... Hindi · शेर 1 2 1k Share Prabhudayal Raniwal 4 Sep 2021 · 1 min read मौत आने से पहले.! मौत आने से पहले!***(कविता) ==================== जीवन में किसी का दिल न तोड़ो! मौत आने से पहले नफरत छोड़ो। दुश्मन भी अगर आ जाए सामने! तो प्यार की डगर कभी ना... Hindi · कविता 1 2 1k Share Prabhudayal Raniwal 26 Aug 2021 · 1 min read कुछ तो बता देते.! हम समझ गये आपको- ए दोस्त ! कुछ तो दर्द छुपा है दिल में आपके। कुछ तो बता देते अपना समझकर-- हे दोस्त ! हमदर्द हो जाते हम आपके। =======================... Hindi · शेर 1k Share Prabhudayal Raniwal 14 Jul 2023 · 1 min read हाइकु:- वर्षा..! *********************** एक वक्त था- होती पर्याप्त वर्षा! वृक्षों की देन। --------------------- सूनो मानव- हो रही कम वर्षा! ना काटो वृक्ष। --------------------- वर्षा ऋतु में- करो वृक्षा रोपण! मानव कर्म। ************************... Hindi · हाइकु 867 Share Prabhudayal Raniwal 21 Jul 2023 · 1 min read जीवन समर्पित करदो.! ************************************************* उमर साठ के बाद व्याकुलता स्वाभाविक है! फिर भी अपने घर-परिवार में सतर्क रहना है। बेटा-बहू और पत्नी के संग जीवन बिताना है! दो बातें ना सुनना पड़े- वाणी... Hindi · कविता 734 Share Prabhudayal Raniwal 26 Jul 2023 · 1 min read :===:बेवफ़ा प्रेमी:===: ******************************* तू ! कितनी प्यारी थी पापा की परी। तू ! अच्छी लगती थी मम्मी की परी।।१।। ---------- तू ! प्यारी-प्यारी बातें करती थी परी। तू ! मम्मी-पापा की लाड़ली... Hindi · कविता 741 Share Prabhudayal Raniwal 22 Aug 2023 · 1 min read :==:चिता की लपटे:==: **************************** जाग रही मरघट में चिता की लपटे! अनन्त काल से- ये चिता की लपटे। देखलो! मानव के अहंकार को भी- भस्म कर रही है ये चिता की लपटे।। ****************************... Hindi · मुक्तक 744 Share Prabhudayal Raniwal 24 Aug 2023 · 1 min read बुला रही है चिता..! ************************************ मत कर चिंता बन्दे बुला रही है चिता तुझे! मुक्ति मिलेगी तुझे- बुला रही है चिता तुझे!!१!! ***** जब तक है जगत में तू! धर्म-कर्म करले तू! चिता से... Hindi · कविता 635 Share Prabhudayal Raniwal 26 Sep 2023 · 1 min read :====:इंसान की अकड़:====: ************************************** इंसान कुसंगत में पड़कर,भविष्य बिगाड़ लेता है! अपराध-राह चलकर,शिक्षा से नाता तोड़ लेता है। ऐसा इंसान समाज में अपना सम्मान खो देता है! अपनी अकड़ में अपनों से भी... Hindi · मुक्तक 536 Share Prabhudayal Raniwal 26 Sep 2023 · 1 min read :====:संघर्ष ही जीवन है:====: ************************************** हे मानव! आत्महत्या करना- कायरों का काम है! जो संघर्ष से घबराते है- ये उन लोगों का काम है। तुम प्रभु की सुंदर कृति हो- खुद को नष्ट ना... Hindi · मुक्तक 709 Share Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read "जीवन-ज्योति" ******************************* चाहें आंधी आये या तूफान! रहेंगे हम! अपने पथ पर शांत!! दे जाओं हमें, जीवन-पथ ज्ञान! पा लेते हैं जो, स्वर्ग-लोक मृत्युपरांत!! ***** जीवन-पथ से विचलित, हम अज्ञानी हैं!... Hindi · कविता 1k Share Prabhudayal Raniwal 26 Aug 2021 · 1 min read कैसे-कैसे है लोग ! कहीं भी कुछ तो भी लिख देते है लोग ! कहीं भी कुछ तो भी बोल देते है लोग ! न वक़्त देखते है, न अपनों को, न समाज को--... Hindi · कविता 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read मेरे बढ़ते कदम..! -------------------------------------------------- मेरी मंजिल-राह मत मोड़ो। मेरे बढ़ते कदम मत रोको।। मेरा कर्म लोक-हितार्थ हैं। मेरा प्रेम निस्वार्थ हैं।। मैं भारत हूं, शांति का सागर हूं। मैं भारत हूं, सत्य-अहिंसा की... Hindi · कविता 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Dec 2021 · 1 min read //स्वागत है:२०२२// ******************************** बीते वर्ष के दुख-दर्द को भूलना ही होगा। नव-वर्ष का स्वागत- हमें करना ही होगा।। ******* ईश्वर की वंदना करो- नववर्ष आनंद में बीते। कोरोना का अन्त हो- जिन्दगी... Hindi · कविता 1k Share Prabhudayal Raniwal 22 Sep 2021 · 1 min read गरीब की चाहत.! ************************** आजादी का डंका तेज गुंजना था! सबको सुनाई देना था। देश को आजादी मिली, काफ़ी बरस बीत गये! अब तक तो भारत को- नम्बर वन पर होना था! दुनिया... Hindi · कविता 1k Share Prabhudayal Raniwal 11 Aug 2021 · 1 min read जीने की राहें..! आंँखों में समंदर सुखता नहीं, गमों का सैलाब रूकता नहीं। किसे कहें कोई नहीं हैं अपना- जीने की राहें कोई दिखाता नहीं।। *************************** *रचयिता: प्रभुदयाल रानीवाल*= ====*उज्जैन (मध्यप्रदेश)*=== *************************** Hindi · शेर 1k Share Previous Page 2