Prabhudayal Raniwal Language: Hindi 78 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Prabhudayal Raniwal 26 Aug 2021 · 1 min read कैसे-कैसे है लोग ! कहीं भी कुछ तो भी लिख देते है लोग ! कहीं भी कुछ तो भी बोल देते है लोग ! न वक़्त देखते है, न अपनों को, न समाज को--... Hindi · कविता 1k Share Prabhudayal Raniwal 26 Aug 2021 · 1 min read कुछ तो बता देते.! हम समझ गये आपको- ए दोस्त ! कुछ तो दर्द छुपा है दिल में आपके। कुछ तो बता देते अपना समझकर-- हे दोस्त ! हमदर्द हो जाते हम आपके। =======================... Hindi · शेर 1k Share Prabhudayal Raniwal 23 Aug 2021 · 1 min read आज का इंसान.! ****************************** जितना भी दे भगवान- इंसान को! फिर भी कम पड़ जाता है इंसान को। कभी जीवन में कष्ट आता है इंसान को- तो दोष देता है फिर भगवान को!... Hindi · शेर 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 17 Aug 2021 · 1 min read कुर्सी बोल उठी.! **************************** आज की स्वाधीनता को देख-- रो पड़ी है रूह! उन शहीदों की। और भारत की राजनीति देख-- बोल उठी कुर्सी भी दिल्ली की। खा-में-खा बदनाम कर गये मुझे- देखों!... Hindi · कविता 2 1k Share Prabhudayal Raniwal 15 Aug 2021 · 1 min read आजादी.! भारत की आजादी की छाॅंव में- बड़े आराम से है ये बड़ी-बड़ी हस्तियां। गरीब ने नहीं देखी ! आजादी की छाॅंव को-- निर्धनता की धूप में तपती-इनकी बस्तियां। ********************************* *रचयिता:... Hindi · शेर 2 1k Share Prabhudayal Raniwal 14 Aug 2021 · 1 min read निर्धन का उत्थान फिर स्वाधीनता-दिवस आ गया, फिर आज़ादी का जश्न मनाएंगे। जहां में सबसे प्यारा तिरंगा लहराएंगे- क्या निर्धन का भी उत्थान कराएंगे..? ***************************** *रचयिता: प्रभुदयाल रानीवाल*=== ====*उज्जैन {मध्यप्रदेश}*===== ***************************** Hindi · शेर 2 3 1k Share Prabhudayal Raniwal 13 Aug 2021 · 1 min read नेताजी के वादे.! ********************************* नेताजी! वादे तो बड़े-बड़े कर जाते हैं। और भारी मतों से विजयी हो जाते हैं। पर जब बात गुंजती विकास की संसद में- तो ये नायक से गिरगिट क्यों... Hindi · शेर 2 2 1k Share Prabhudayal Raniwal 11 Aug 2021 · 1 min read जीने की राहें..! आंँखों में समंदर सुखता नहीं, गमों का सैलाब रूकता नहीं। किसे कहें कोई नहीं हैं अपना- जीने की राहें कोई दिखाता नहीं।। *************************** *रचयिता: प्रभुदयाल रानीवाल*= ====*उज्जैन (मध्यप्रदेश)*=== *************************** Hindi · शेर 1k Share Prabhudayal Raniwal 11 Aug 2021 · 1 min read तेरे इंतजार में..! *************************** कत्ल हुआ मेरा तेरे प्यार में, सोया हूं मैं अंधेरी मजार में। एक दीया तो जला जा जालिम- तड़फ रहा हूं मैं तेरे इंतजार में।। *************************** *रचयिता: प्रभुदयाल रानीवाल*=... Hindi · शेर 2 1k Share Prabhudayal Raniwal 8 Aug 2021 · 1 min read वृक्ष बोल उठे..! **************************************** हम वृक्ष धरा की धरोहर हैं! हे मनुष्य! अब बहुत हुआ! अब मत काटो हम वृक्षों को, तुम मनुष्यों ने अति कर दी-- इस धरा की सम्पत्ति उजाड़ दी।... Hindi · कविता 3 6 1k Share Prabhudayal Raniwal 6 Aug 2021 · 1 min read तीन घंटे..! ********************************* कुसंग से नाता जोड़ा, ज़िन्दगी को पीछे छोड़ा। वो तीन घंटे के शो में दौड़ा।। अच्छाई को वहीं छोड़ आया, बुराई को साथ ले आया। वो सिनेमा से क्या... Hindi · कविता 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 4 Aug 2021 · 1 min read "अंतिम-सत्य..!" ************************************************* ये मनुष्य प्राणी- कभी संतोष न हुआ। न कभी होगा, बस! ये स्वार्थी हुआ ।। सभी अपनी-अपनी धून में लगे हुए हैं। अपनी प्रतिष्ठा को बनाने में लगे हुए... Hindi · कविता 4 7 1k Share Prabhudayal Raniwal 2 Aug 2021 · 2 min read एक वीरांगना का अन्त ! ===="एक वीरांगना का अन्त!"==== ********************************* भारत को आ घेरा था वो महाकाल। इन्दिरा पर चली थी एक गहरी चाल।। इकतीस अक्टूबर चौरासी को प्रात:काल। इस वीरांगना का हो गया अन्तकाल।।... Hindi · कविता 2 2 2k Share Prabhudayal Raniwal 2 Aug 2021 · 1 min read आखरी उत्तराधिकारी **************************************** बड़ी नेक थी इन्दिराजी, एक नेता के रूप में। बड़ी सतर्क थी इन्दिराजी, एक शासक के रूप में।। था हाथों में उनके-- भारत का संविधान। था देश के खातिर,... Hindi · कविता 1 3 1k Share Prabhudayal Raniwal 1 Aug 2021 · 1 min read तलाश..! ************************ न जाने कहां से आकर वे, ज़िन्दगी तबाह कर गये। जी रहा था अपने जहां में, ज़िन्दगी वीरान कर गये।। ज़िन्दगी की यह वीरानी, अब! कैसे होगी दूर। नहीं... Hindi · कविता 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read "रूठी हुई जिन्दगी" *********************** दिल के अरमानों का कत्ल, कई बार होते देखा हैं मैंने। इस रूठी हुई जिन्दगी को-- बार-बार मनाके देखा हैं मैंने।। सागर के पास रहकर भी, कितना प्यासा रहा... Hindi · कविता 1 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read "जीवन-ज्योति" ******************************* चाहें आंधी आये या तूफान! रहेंगे हम! अपने पथ पर शांत!! दे जाओं हमें, जीवन-पथ ज्ञान! पा लेते हैं जो, स्वर्ग-लोक मृत्युपरांत!! ***** जीवन-पथ से विचलित, हम अज्ञानी हैं!... Hindi · कविता 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read फर्ज अपना-अपना **************************************** धर्म अलग-अलग है हम सबके यहां। पर मालिक एक है हम सबका वहां।। हिन्दू- मुस्लिम, सिक्क-इसाई। हम सब है यहां भाई-भाई।। ये हिन्दुस्तान पावन है हमारा। है दुनिया का... Hindi · कविता 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read "शराबी बाप को देखो !" **************************** देखो! औलाद को, तन पर कपड़ा नहीं। घर में राशन-पानी की कोई व्यवस्था नहीं।। और देखो! शराबी बाप को, तनिक भी शर्म नहीं। ऐसे बाप को जहाॅं में-- जीने... Hindi · कविता 1 3 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read मेरा किरायेदार ! -------------------------------- मेरा किरायेदार! निकाला बड़ा होशियार। छीन रहा हैं वह-- मेरा अधिकार।। आया था वह-- बनकर मेरा मेहमान। बड़ा आदर किया मैंने, किया नहीं उसका अपमान।। हालात सुने मैंने-- और... Hindi · कविता 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read मेरे बढ़ते कदम..! -------------------------------------------------- मेरी मंजिल-राह मत मोड़ो। मेरे बढ़ते कदम मत रोको।। मेरा कर्म लोक-हितार्थ हैं। मेरा प्रेम निस्वार्थ हैं।। मैं भारत हूं, शांति का सागर हूं। मैं भारत हूं, सत्य-अहिंसा की... Hindi · कविता 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read मत भूलो देशवासियों.! --------------------------------------------------------------------------- उन माताओं को, उन बहनों को, उन वीर कर्णधारों को जिन्हें प्राण गॅंवाने पड़े-- भारत की आजादी के लिए। अपनी मातृभूमि के लिए।। मत भूलो देशवासियों! उन शहीदों ने,... Hindi · कविता 1 2 2k Share Prabhudayal Raniwal 30 Jul 2021 · 1 min read (स्वतंत्रता की रक्षा) ================================ आए दिन ऐसे संकट-- चुनौतियां देते हैं हमको। आज स्वतंत्र हैं, फिर भी- दूरदर्शी तो बनना हैं हमको।। शांति प्रधान हैं आज! हमारे देश की संस्कृति। फिर भी लाना... Hindi · कविता 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 30 Jul 2021 · 1 min read स्वप्न-साकार =================== गांधी की सत्य व अहिंसा की ज्योत प्रज्ज्वलित करना हैं आज हमें। देश में छाया हैं घोर अन्धेरा, उसे दूर करना हैं आज हमें।। बापू की राम-राज की कल्पना... Hindi · कविता 4 2 1k Share Prabhudayal Raniwal 30 Jul 2021 · 1 min read अभिलाषा ****************************** खुश्बूओं से भरा, ये चमन हैं मेरा। जहाॅं में सबसे प्यारा, ये वतन हैं मेरा।। राम की नगरी, हैं मेरा ये वतन। सदियों से यहां, हैं प्यार का चलन।।... Hindi · कविता 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 30 Jul 2021 · 1 min read जीवन-दाता -------------------------------------------------------------- हम अपना ये जीवन, एक दिन मिटता देखेंगे। इस धरा के सारे प्राणी-- घुटन से दम तोड़ देंगे।। कारण यहीं बनेगा बस! इन वृक्षों का न रहना। इस भू... Hindi · कविता 2 6 1k Share Prabhudayal Raniwal 30 Jul 2021 · 1 min read जल ही जीवन है..! ************************* संकट में है आज जीवन अपना। जल बिना नहीं, जीवन अपना।। ये जल नहीं तो अन्न नहीं है। जल बिना ये जीवन नहीं है।। जीवन को अगर बचाना है।... Hindi · कविता 1 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 30 Jul 2021 · 1 min read और आगे बढ़ो..! *********************** कह रही हैं माॅं की ममता। जल्दी उठो और आगे बढ़ो।। नन्हें-प्यारे बच्चें हो तुम। बच्चें मन के सच्चे हो तुम। कहना माॅं का न टालो तुम। जल्दी सोचो... Hindi · कविता · बाल कविता 2 2k Share Previous Page 2