Prabhleen Kaur Gill 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Prabhleen Kaur Gill 18 Nov 2018 · 1 min read माँ जैसा ना फरिसता कोई सबसे सुंदर सबसे प्यारी मेरी माँ, हर श्रय से लगती न्यारी मेरी माँ I माँ है यारों असल रुप भगवान का, इस जैसी न मिले कोई दुनियां में छाँ। माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 41 202 1k Share Prabhleen Kaur Gill 18 Nov 2018 · 1 min read माँ जैसा ना फरिसता कोई सबसे सुंदर सबसे प्यारी मेरी माँ, हर श्रय से लगती नियारी मेरी माँ I माँ है यारों असल रुप भगवान का, इस जैसी न मिले कोई दुनियां में छाँ। माँ... Hindi · कविता 8 3 381 Share