*प्रणय* Tag: आधुनिक कविता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid *प्रणय* 7 Jul 2023 · 1 min read #कविता #कविता ■ यारी नहीं केवल दुनियादारी 【प्रणय प्रभात】 सोचा था कि जैसे ही तुम मिले मैं व्यग्र आदतन उग्र हो जाऊंगा। तुम्हें खरी-खोटी सुनाते हुए सदैव सा भुनभुनाऊंगा। तुम मेरे... Hindi · अकविता। · आधुनिक कविता 2 180 Share