Naresh Pal 96 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Naresh Pal 3 Jan 2018 · 1 min read *मुरादें क्या,मन्नत क्या* हाशिल ही नहीं हुयीं चाहतें,तो मुरादें क्या?मन्नत क्या? देखते रहे सींकचों से फ़जर, दोजख क्या?जन्नत क्या? सराबोर होके नहाते रहे, रात दिन नमक की तरह जम ही ना सके पाँव... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 381 Share Naresh Pal 2 Jan 2018 · 1 min read *तेरे जहाज का मस्तूल क्या है * "मैं हूँ तेरा दीदार"कहने वाले तेरे जहाज का मस्तूल क्या है । गरेवां दबा के और का बोले बता जमाने का उसूल क्या है ।। किसी किताब में नहीं लिखा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 394 Share Naresh Pal 2 Jan 2018 · 1 min read *तू आया कहाँ* आज का दिन भी गया तू आया कहाँ । नज्म का एक सुना भी है सुनाया कहाँ।। कल कहा था कि झोली भर दूंगा तेरी मग़र मोहब्बत ए दिलासा पाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 388 Share Naresh Pal 2 Jan 2018 · 1 min read *एक किसान* कल साल बदल गयी तो हुआ क्या ?आज फिर । दिन महीने रात घड़ियां , वैसी ही रही आज फिर।। हमें तो ढूंढनी ही पड़ेगी , खेतों में वे मंडियाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 517 Share Naresh Pal 1 Jan 2018 · 1 min read *थकना बलवान होकर* थकना ? बलवान होकर ,मुख से ना उबारिये । खोल द्वार बन्धनों के, ये निज जीवन संवारिये । एड़ियों में शक्ति जब तक बढ़ते चलो दर सीढियां अर्जन ना होगा... Hindi · कविता 362 Share Naresh Pal 1 Jan 2018 · 1 min read *नील गगन के तले* इस नील गगन के तले मेरा देश यह फुले फले।। परिपूरित हों सभी दिशाएं तब -- जाके-- शाम --ढले ।। दिखे ना कोई अंध्यारा कोना हो-- ज्योति-- का-- पुंज घने... Hindi · गीत 192 Share Naresh Pal 1 Jan 2018 · 1 min read *लगा लो विराम* अब् तमाशे पे लगालो विराम,ए तमाशा करने वालो। समझती है खूब दुनिया, ऐसे बबाले परचम न उछलो। खत्म हो सकता है तुम्हारा खेल, ये पेंचों परचम का उठाओ ना ऐसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 412 Share Naresh Pal 1 Jan 2018 · 1 min read *भयभीत है * दिल भी अलग रास्ते भी अलग, यह आज की प्रीति है। सैकड़ों घूमते हैं होके निडर , कोई बड़ा भयभीत है ।। बदल लेंगी ये अपना राश्ता , चलती हुईं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 197 Share Naresh Pal 1 Jan 2018 · 2 min read *भरी हुई हैं ह्रदय मेरे * बहुत दुखातीं ह्रदय मेरा, चुभन भरी बातें प्रखर। मैं मौन सदृश सा सहता, पल पल रिश्ते कडुए स्वर। मग़र क्या है ? फिर भी तो बाण छूटते ही आते हैं... Hindi · गीत 1 2 393 Share Naresh Pal 1 Jan 2018 · 1 min read *समझ लें सीख नये साल में* जिंदगी खराव ही गई वेसबुरी में महताब की । किस्मत ही डुबा ली खुद की और औलाद की ।। अब् आखै खुलीं तो दुआ देने बैठे बुढापे में हरिफों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 196 Share Naresh Pal 31 Dec 2017 · 1 min read *पुकारते चलो* फूंको शंखनाद , नाद पुकारते चलो । अंतसा की गन्दगी को ,बुहारते चलो।। हाथ में हो हाथ , साथ साथ तालियां बैठे एक डाल पे ,सब बाल बालियां ।। सपाट... Hindi · गीत 348 Share Naresh Pal 31 Dec 2017 · 1 min read *आवाज दे रहा वो* आवाज दे रहा वो,पड़ा जो धरती के तल। घर में गरीव के भी , दीप वारता तू चल ।। उजाला हो गया ,मग़र क्यों अँधेरी रात है सोचनीय इस प्रश्न... Hindi · गीत 423 Share Naresh Pal 31 Dec 2017 · 1 min read *यहीं रह गई * आये अंत में मिले धूल में,पर यह धरती यहीं रह गई। कुछ दिन का आनन्द प्यारे ,बनी इमारत यहीं रह गई।। बांटने को उत्सुक धरती का आँचल तने खड़े हो... Hindi · कविता 1 184 Share Naresh Pal 31 Dec 2017 · 1 min read *जी लेने दो * छोडो अब् ये नाच घिनौना, कुछ दिन तो जी लेने दो। थोड़ा तेल बचा है दीपक , कुछ पल तो पी लेने दो ।। चूस लिया सब खून देह का... Hindi · गीत 538 Share Naresh Pal 31 Dec 2017 · 1 min read *गंगा जी के तट पर* झेलीं जिनने यातन-बटियाँ , बसुधा जी के पट पर । ढूड रहा हूँ उनके अस्थिक-पंजर, गंगा जी तट पर।। जन्म दिया पर निज जीवन में कब ? कितना पाया था... Hindi · गीत 407 Share Naresh Pal 31 Dec 2017 · 1 min read *व्यापतीं ना प्यासे कभी* व्यापतीं ना प्यासे कभी ,मुझको धुप में भी नीर की । फलती हैं क्यारियां आपु से, प्राण तन मन पीर की ।। पूर्व लेट ने के सदा ही डूबती हैं... Hindi · गीत 317 Share Naresh Pal 31 Dec 2017 · 1 min read *नब वर्ष तेरा अभिनमदन* आये हो नव वर्ष ख़ुशी हो ,करूँ मैं तेरा अभिनंदन। खड़ा हुआ हूँ लिए द्वार पे ,सजा थाल रोली चन्दन।। सम्मुख आओ बढ़कर थोड़ा माथे तिलक लगाऊं । नतमस्तक हो... Hindi · कविता 1 439 Share Naresh Pal 31 Dec 2017 · 2 min read *मैंने न कवि बनना चाहा है ।* मैंने ना कवि बनना चाहा है । मैंने ना रवि बनना चाहता है।। मैंने तो वस सिते हुए उन अपने मग में बुदबुद जैसे श्वांसों के तारों में अबतक उपहासों... Hindi · कविता 403 Share Naresh Pal 31 Dec 2017 · 1 min read *अंधकार वनाम घृणा* सच तिमिर ! तुम्हें निज घृणा दंश मारेगी । उर उदभासित तुम्हारी वाणी ने प्रतिक्षण मुझको लघु जिव कहा। किस मुख मैं समतुल्य कहूँ फिर सोचने के लिए नित यह... Hindi · गीत 396 Share Naresh Pal 30 Dec 2017 · 1 min read *आज दिल खुश नजर है ।* आज दिल खुश नजर है,मन करता कुछ बोल दूँ मैं। दिए दर्द उपहार में , तो बदले में क्या अब् तोल दूँ मैं।। सिवा उसके क्या पास मेरे,मंडियों का तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 203 Share Naresh Pal 30 Dec 2017 · 1 min read *यह क्या है* यह क्या है ? क्या हो रहा है ? जवाव दो । लूले लँगड़े इतिहास को और अध्याय जोड़ रहा है। सीधी साधी आत्माओं को फिर गर्त में मोड़ रहा... Hindi · कविता 442 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read *इतना शोषित क्यों* इंसान आदमी से हुआ ,इतना शोषित है क्यों ? वर्ताव ए इस जमीं के ,इतने अनुचित हैं क्यों? अवसादों का वजन इतना, की ढुलता नहीं हो गया है अकारण ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 481 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read *साहसी विहग* विहग वन में जलता रहा, विद्वेष के अंगार पर । पर पथ निज उन्नत किया ,श्रमभेरी का श्रंगार कर।। विहान वेला के आगमन पर,त्यागता था नित नीड अपना। पता न... Hindi · कविता 392 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read *चेतन जाग्रत सा सोया था* चेतन जाग्रत सा सोया था । कुछ खोया था ,फिर रोया था।। तन चिन्ह सिहरकर लोचन उतरे। अमल धवल से निर्मल सुथरे ।। वही जाने पहचाने चेहरे। लगा रहे मस्तक... Hindi · कविता 207 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read *उद्वेलित दिखता प्रतिशोध* उद्वेलित दिखता ,प्रतिशोध । मैं, तुम, वह, दुर्नीति घमंड । होते निर्मित नित सांचे प्रचंड। लोग अलग हैं जिनके बल पर नहीं चाहता कोई रहना गल कर। निकल नयन दिखलाते... Hindi · कविता 274 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read *सांझें होना वाकी हैं* बीत गए अनगिनत सवेरे,अब् सांझें होना वाकी हैं। उसाँस शेष बची कंठ की, वे साँसों की साखी हैं ।१। जो पाया वह अर्पित कर दूँ ,ऐसे पल में ढूंढूं रोज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 407 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read *धार चलते चलते * बनके धार धार पर,यों बहती जा रही । है ना कहीं मकान मेरा कहती जा रही।१। पीती आई आज लों, हर घाट का पानी जानो सच बात है , अजीबो... Hindi · कविता 300 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read कुछ कहने के लिए बक़्त है नजाकत का कुछ कहने के लिए । कुछ खंडहर बचे हैं ,अभी ढहने के लिए।। खिर रहे हैं वालू की तरह यारों दम रहा नहीं मजबूर हो रहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 245 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read * बहाने आते हैं* ना जाने कितने बहाने आते हैं उन्हें बनाने के लिए। कोई अजीव रास्ता ढूंढ़ लेते हैं मुकर जाने के लिए।। हाथ उठा उठाकर कसमें खाते है पैदा करने वालों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 259 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read हमने नहीं देखा हमने नहीं देखा कभी चाँद को गर्म आग उगलते । हमने नहीं देखा कभी आफ़ताब को आँखें मसलते।। किरणें हंसती रहती हैं फिर भी वो वचपन की तरह दरख़्त नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 188 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read तुम्हारे घर आएं । हम पूंछ ले रहे हैं उनसे इस बार भी तुम्हारे घर आएं। कहीँ नये वरस में पिछले की तरह ना ठुकरायें जाएँ ।। सजा रखा है मोहब्बत का गुलदशता हमने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 330 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read *वेशक होगी हानि * वेशक होगी हानि,दोशती सर्पों से कर लोगे । पटल पे आकर पड़ जाओगे ,वस रोओगे।। ऊँगली के स्पर्श मात्र से, वह तो उन्नत माथ करेगा। अपना उल्लू सीधा करके तुम... Hindi · कविता 242 Share Naresh Pal 28 Dec 2017 · 1 min read *संसार देख के* डूबती है आँख , संसार देख के । भीगती है आँख तार तार देख के । देखते ही देखते सब मौन हो गया । सोच रखा रात सुबह कौन धो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 430 Share Naresh Pal 28 Dec 2017 · 1 min read 05-है यह उपवन सूना सूना । है यह उपवन सुना सुना,जा खिल बिहंसकर रे सुमन। देखूं हरियाली को चहुंदिश ,फिर भी नहीं लगता है मन। तरुवर की पांतों पर पाती,हरस सरस् कर झूम रही है ।... Hindi · कविता 330 Share Naresh Pal 28 Dec 2017 · 1 min read 04-दीप तुम्हें । निर्ममता के कुटिल विषाद सह,दीप तुम्हे भेंट ये जीवन। धवल ज्योति कर जलते रहना,है चिराग तुमसे अंत मिलन ।१। मश्त पवन के झोंको से ,होगा तुमसे पल पल पाला। पर... Hindi · कविता 199 Share Naresh Pal 28 Dec 2017 · 1 min read 03-छ्न्द परिंदों के । बैठ पंछियों की पाँति , यह छ्न्द गा रही । आसरे की छाँव से , दुर्गन्ध आ रही ।। घूम आये क्षितिज पार , न मिला कुंद है । नीलमयी... Hindi · कविता 402 Share Naresh Pal 28 Dec 2017 · 1 min read 02- जाग । "सोयेगा कब तक , ओ शेषनाग । बीत गई सदियां ,गुजर गई रातें , सहते पल पल, चोटें अघातें कोई तो मृदु सा छ्न्द सुना देआज ।1। युग विकसित हुई... Hindi · कविता 393 Share Naresh Pal 28 Dec 2017 · 1 min read 08-कोई करे तो । हमें तो मोहब्बत करने का शौक है कोई करे तो । हम तो मर जाएँ देख के यार कोई हमपे मरे तो ।। हमें नहीं है फ़िकर की कहीँ हमारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 411 Share Naresh Pal 27 Dec 2017 · 1 min read 01-सौगात है ये जिंदगी । सौगात है ये जिंदगी, उमंग चाहिए । राग- बाग़ -छ्न्द -बन्ध, रंग चाहिए ।। दृष्टि हीन टेक यह पुकार कह रही उल्लासहीन तरंग को है भंग चाहिए।। धरा की प्रति... Hindi · कविता 200 Share Naresh Pal 27 Dec 2017 · 1 min read 07-रीते हुए दिन । यादें बन के उभरने लगे हैं ,बीते हुए दिन । अब जुम्म्स नहीं रह गई है, रीते हुए दिन ।। जवान था जिस्म तब तूफ़ान सी ताक़त थी अब गुजर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 427 Share Naresh Pal 27 Dec 2017 · 1 min read 06- किया-दिल पे वार । फिर किया है आज उसी ने मेरे दिल पे वार लेके कंहाँ चला ?आज फिर वो अपनी पतवार।। बटोर लिया हमने बहुत अब हद से पार चला जगह कंहाँ बची... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 428 Share Naresh Pal 27 Dec 2017 · 1 min read 05-हम भी तुम्हारे साथ चलें। हमको भी ऊँगली पकड़ा दो ,हम भी तुम्हारे साथ चलें। हमको भी तुम साथ लगालो,हम भी तुम्हारे साथ चलें । सारी उमर भर भी ना कोई अपने में परिपूर्ण दिखा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 333 Share Naresh Pal 27 Dec 2017 · 1 min read 04-कल मिलेंगे । बड़े वेरुखे हो यार होके ,कहते हो कल मिलेंगे। कमल के फूल हो क्या ,कि पानी होगा तब खिलेंगे।। मोहब्बत की दरिया में कूद कर ,क्यों वे बफा हुए पेड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 467 Share Naresh Pal 27 Dec 2017 · 1 min read 03- उनकी बातों पर यकीन नहीं होता । उनकी बातों पर मुझे अब यकीन नहीं होता । उनकी आदत पे मुझे वो आमीन नहीं होता ।। बक़्त लम्बा गुजर गया हो साथ में जिसके भलाइयों का सिलसिला वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 159 Share Naresh Pal 27 Dec 2017 · 1 min read 02-----गम और खुशियों के पल । गम और खुशियों के पल,वस ये आते जाते रहते हैं । हाजिर एक हमेंशा इनमें,वस ये आते जाते रहते हैं ।। फिर हंसना क्या,घबराना क्यों है ,दामन में ही ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 378 Share Naresh Pal 27 Dec 2017 · 1 min read 01-फुट पड़े अश्क मेरे । बक़्त से मुलाक़ात हुई तो ,तो फुट पड़े अश्क मेरे । आँखों की तारकों को , क्योँ घूमता है शख्श घेरे ।। सहन करने का बल मुझे ,है दे गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share Previous Page 2