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तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
पीयूष प्रकाश मुसाफ़िर
हँसने नहीं देता कभी रोने नहीं देता
पीयूष प्रकाश मुसाफ़िर
हर एक बात को चुप-चाप क्यूँ सुना जाए
पीयूष प्रकाश मुसाफ़िर
एक तस्वीर कि अव्वल नहीं देखी जाती
पीयूष प्रकाश मुसाफ़िर
आ प्रेम का हुनर सिखाऊँ तुझे।
पीयूष प्रकाश मुसाफ़िर
आ,प्रेम का हुनर सिखाऊँ तुझे।
पीयूष प्रकाश मुसाफ़िर
अंतिम मुलाकात कर लेते हैं।
पीयूष प्रकाश मुसाफ़िर