Puran Bhandari Tag: कविता 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Puran Bhandari 10 Nov 2018 · 1 min read घाव घाव रह सकते थे तुम मेरी ज़िन्दगी मे फूलो की तरह क्यों बिखेर दिये कांटे राहो मे मेरी तो उम्र गुजरी है कांटो मे ही मैं तो कांटो पर भी... Hindi · कविता 518 Share Puran Bhandari 8 Nov 2018 · 1 min read नोटबंदी की बरसी नोटबंदी की बरसी कौन कहता है नाकाम हुई नोटबंदी इसने तो सफलता के नये आयाम छू लिये नोटबंदी ने जनता को उसकी हद बतला दी थी बूड़ा लाचार बीमार सबको... Hindi · कविता 2 2 303 Share Puran Bhandari 6 Nov 2018 · 1 min read कन्या भ्रूण हत्या कन्या भ्रूण हत्या धरती पर फैली हैं हरियाली, क्यो इसको नजर लगाते हो | बेटी होती है धरा समान, क्यो इसको कोख मे मरवाते हो रेत के टीले पर बैठ,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 21 439 Share Puran Bhandari 5 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ शुक्र है खुदा का माँ मिली मिलती ना माँ तो दुनियां में आता कैसे इतनी खूबसूरत दुनिया है लुत्फ इसका उठाता कैसे साथ नहीं है आज उनकी याद आती... Hindi · कविता 4 3 291 Share Puran Bhandari 5 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ धरती माँ से प्यार है मुझे, उसकी कोख का मान करूँगा | जिस माँ ने जन्म दिया, उसका मै सम्मान करूँगा ।। सांसे जिसकी बदौलत मिली, ये रंग रूप... Hindi · कविता 4 1 316 Share