Pawan Kumar Pokhariyal Language: Hindi 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Pawan Kumar Pokhariyal 7 Dec 2022 · 1 min read अयनांत और विषुव अयनांत और विषुव जीवन शायद गोलाकार है जो घूमकर वापस आ जाता है एक चक्र के समान बार बार। बीच में मानव प्रयत्न करता है बना रहे उसका जीवन- उत्तरायण... Hindi 110 Share Pawan Kumar Pokhariyal 18 Oct 2022 · 1 min read बहुत कुछ लगता है बहुत कुछ लगता है ऐसा नहीं की जीवन बहुत सरल है हर मनुष्य में अनेकों अंतर्द्वंद्व होते है जरुरी नहीं की सही या ग़लत का हो जरुरत और मजबूरी का... Hindi · कविता 1 165 Share Pawan Kumar Pokhariyal 16 Sep 2022 · 1 min read हमारे विचार हमारे विचार विचारों से बनता है जीवन जैसा अक्स वैसा ही दर्पण विचार जब सत्य से जुड़ते सृष्टि का आधार हैं रचते। विचार जब सौहार्द से जुड़ते सबके विकास की... Hindi · कविता 1 133 Share Pawan Kumar Pokhariyal 29 Aug 2021 · 1 min read आत्मशक्ति आत्मशक्ति पाना चाहता हूं मैं यह अनंत विस्तार भटकूं क्यों बनाकर तृष्णाओं को आधार। जानता हूं चाहती हो तुम घोंसला इक बहाना परंतु मैं तो चाहता हूं, उड़ता रहूं उन्मुक्त... Hindi · कविता 1 2 280 Share Pawan Kumar Pokhariyal 16 May 2021 · 1 min read प्रकृति और मां प्रकृति और मां जब से आई इक बच्ची कोख में मेरे मन में प्रकृति की आवाज़ उठी बस अब तू धीरज धरना, तू मेरे जैसे मां बनी। धीरे धीरे मेरे... Hindi · कविता 1 2 326 Share Pawan Kumar Pokhariyal 29 Mar 2021 · 1 min read राधा कृष्ण की होली राधा-कृष्ण की होली तुम बरसाओ मुझ पर प्रीत के रंग बन जाऊं राधा मैं तेरा किशन तुम धरा की मिट्टी के लो सारे रंग मैं आसमान का नीला वर्ण। तुम... Hindi · कविता 2 319 Share Pawan Kumar Pokhariyal 26 Mar 2021 · 1 min read सही समय 'सही समय' जब सोच को सही समझ मिल जाए जब जीवन को नया उद्देश्य मिल जाए जब मन निश्चिंत हो साहस पा जाए जब दिल को अपना प्रेम मिल जाए... Hindi · कविता 4 288 Share Pawan Kumar Pokhariyal 1 Mar 2021 · 1 min read विश्वास विश्वास हां, मेरा विश्वास बहुत ऊंचा है मुझमें शक्ति है, पहाड़ों को भेद कर नया रास्ता बनाने की। बहती है जो ज्ञान की अविरल धारा उससे नहरें बनाकर, सुदूर मरुस्थलों... Hindi · कविता 480 Share Pawan Kumar Pokhariyal 11 Feb 2021 · 1 min read कविता कविता- कविता तुम जब भी मुस्कुराती हो, मन को बहुत लुभाती हो पंक्तियों संग खेलकर तुम, अर्थ नया बनाती हो। मनोभावों को शब्दों में बयां कर, संदेश कई दे जाती... Hindi · कविता 3 6 352 Share Pawan Kumar Pokhariyal 6 Feb 2021 · 1 min read गुरु गुरु समस्त जगत है गुरु समान, रखना जीवन में हर शिक्षा का मान सीख लेने में हर पहलु से, कभी न करना कोई अभिमान। जीवन संभव ना हो पाता गर,... Hindi · कविता 1 4 314 Share