Parul Sharma 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Parul Sharma 25 Jan 2017 · 1 min read प्रदूषण सरहदें लाँघ गया घुसपैठिया हर साँस,हर सोच,हर धड़कन को नजरबंद किया प्रकृति की पीठ पे छुरा भोंप अपनी साख जमा दी इंसानों ने भी तो अपनी हद भुला दी कर... Hindi · कविता 842 Share Parul Sharma 25 Jan 2017 · 1 min read हे भारत माँ ये जमीं तेरी,येआँसमाँ तेरा,येआबोहवा,प्रकृति व जहाँ भी तेरा, येजीवन,तन,साँस,लहू और ये धड़कन भी तेरी तेरा तुझको क्या मैं अर्पण करूँ ? बस वादा है ये............. जो है तेरा, कुछ नहीं... Hindi · कविता 674 Share Parul Sharma 25 Jan 2017 · 1 min read यादें मेरी याद का कोई कतरा जब रखोगे तुम अपनी आँखों में तो शायद........ तुम्हारी आँखों भी नम होंगी ,उसी तरह जिस तरह मेरी आँखों भीग जाती हैं तेरी हर याद... Hindi · कविता 520 Share Parul Sharma 25 Jan 2017 · 1 min read उम्मीद उम्मीद का एक टुकड़ा हूँ जबकि दिल से टूटा हूँ,फिर भी पूरा हूँ तुम सम्हाल कर रखना मुझे अगर टूटुगा तो बिखर जाऊँगा दिल में तुम बहा कर आँखों से... Hindi · कविता 456 Share Parul Sharma 25 Jan 2017 · 2 min read कन्या भ्रूण (मैं तुम्हारा ही अंश हूँ ) क्या मेरी मौजूदगी का अहसास है तुम्हें क्या मेरे अस्तित्व काआभास है तुम्हें क्या मेरी धङकनौं से जुङे है तुम्हारे दिल के तार क्या मेरी साँसों से धङकते है तुम्हारे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 700 Share