पंकज परिंदा Tag: ग़ज़ल 73 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read बग़ावत की लहर कैसे..? बग़ावत की लहर कैसे..? उठी आख़िर नज़र कैसे..? कहाँ कब और, किधर कैसे..? मचा है ये ग़दर, कैसे..? बड़ी ज़ालिम ये दुनिया है यहाँ अब हो गुज़र कैसे..? मुझे मत... Hindi · ग़ज़ल 27 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read गर्दिशों में हैं सितारे.....!! जान लेती है कसम से ये नज़ाकत प्यार की खेलना जुल्फों से' तेरा है कयामत प्यार की।। हो रहे मदहोश सब क्यूँ देखकर आवो-हवा, ग़ौर कर मगरूर इंसा है शरारत... Hindi · ग़ज़ल 26 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read सर्द पूनम का मुझे सपना सुहाना याद है...! सर्द पूनम का मुझे सपना सुहाना याद है, माँ.., कहानी और लोरी, सब सुनाना याद है। रोज आते हैं फरिश्ते, नींद के आगोश में, इस तरह कहना तुम्हारा, था बहाना... Hindi · ग़ज़ल 40 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read हम अकेले अनमने से हो गये.....!! हम अकेले अनमने से हो गये, धुंध में सब ख़्वाब जैसे खो गये। बोलियाँ जब लग रहीं थीं हुस्न की, देख मंजर आशिकी का रो गये। नींद में सब सो... Hindi · ग़ज़ल 57 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read आसमां में चाँद छुपकर रो रहा है क्यूँ भला..? आसमां में चाँद छुपकर रो रहा है क्यूँ भला..?? चाँदनी का नूर मद्धिम हो रहा है क्यूँ भला..?? धूल की परतें जमी हैं आदमी की सोच पर नफ़रतों की फस्ल... Hindi · ग़ज़ल 48 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read आग जो रूह को जलाती है... आग जो रूह को जलाती है, कम्बख़त हुस्न से ही' आती है। आज महफ़िल बता रही हमको, क्यों ये' शम्मा जलाई' जाती है। मय बड़ी चीज़ है कहो कैसे, सब... Hindi · ग़ज़ल 50 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read हर ज़िल्लत को सहकर हम..! हर ज़िल्लत को सहकर हम, काट रहे हैं हर मौसम। सौदागर थे खुशियों के, लेकिन हैं गठरी में ग़म। यूँ आंखों में क़तरे हैं, ज्यों फूलों पर हो शबनम। जख़्म... Hindi · ग़ज़ल 34 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read क़त्ल होंगे तमाम नज़रों से...! क़त्ल होंगे तमाम नज़रों से ग़र पिलाया यूँ जाम नज़रों से। लब थे खामोश जिसके मुद्दत से लिख दिया उसने नाम नज़रों से। सुर्ख आँखों में थी हया उनके क्यूँ... Hindi · ग़ज़ल 69 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 2 min read आपके दिल में क्या है बता दीजिए...? आपके दिल में क्या है बता दीजिए? इस मुहब्बत का कुछ तो सिला दीजिए। हमने ज़ुर्मे-मुहब्बत तो कर ही दिया, आप इस ज़ुर्म की अब सज़ा दीजिए। इश्क़ के मर्ज़... Hindi · ग़ज़ल 61 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read जन्म जला सा हूँ शायद...! जन्म जला सा हूँ शायद इक़ अंधियारा हूँ शायद। डग मग जीवन की नैया दूर किनारा हूँ शायद। बर्तन खाली हैं यारो वक़्त का मारा हूँ शायद। रिश्ते नाते बेमानी... Hindi · ग़ज़ल 29 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read लौ मुहब्बत की जलाना चाहता हूँ..! नफ़रतों को मैं.., मिटाना चाहता हूँ लौ मुहब्बत की जलाना चाहता हूँ। इम्तिहां मुश्किल बड़ा है इश्क़ का ये इक इसे भी आजमाना चाहता हूँ। कोई तो आकर के पूछे... Hindi · ग़ज़ल 61 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read आखिर तो हूँ एक "परिंदा" कब तक यूँ दीदार करूँगा, आ जाओ श्रृंगार करूँगा। एक नज़र ग़र देख लिया तो, कुछ पल आँखे चार करूँगा। दुनिया के सब छोड़ झमेले, जी भर तुमसे प्यार करूँगा।... Hindi · ग़ज़ल 42 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read देखकर तुम न यूँ अब नकारो मुझे...! देखकर तुम न यूँ अब...., नकारो मुझे अक़्स हूँ मैं तुम्हारा......, सँवारो मुझे। दाग दामन पे' मेरे.., लगे हैं..., अगर हक तुम्हारा है तुम ही.., निखारो मुझे। हूँ परेशां बहुत..,... Hindi · ग़ज़ल 56 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read काम तुम बेहिसाब कर दो ना,,,! काम तुम बेहिसाब....., कर दो ना छूके मुझको गुलाब.., कर दो ना। ================= ग़र मुहब्बत है इक बुरी..., आदत मेरी आदत खराब...., कर दो ना। ================= आरज़ू इक........, यही है... Hindi · ग़ज़ल 42 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read अब बदला हिंदुस्तान मियां..! बूझो तो जानें...😋 है वक़्त बहुत बलवान मियां, यह ऊंची कब तक शान मियां..? जिसकी लाठी भैंस उसी की, यह बात पुरानी मान मियां..! आंखों से रुसबा पहले ही, अब... Hindi · ग़ज़ल 24 Share पंकज परिंदा 22 Sep 2024 · 1 min read आइना फिर से जोड़ दोगे क्या..? कसमें वादों को, तोड़ दोगे क्या? मुझको तन्हा यूँ, छोड़ दोगे क्या? एक पत्थर, हजार टुकड़े हैं, आइना फिर से जोड़ दोगे क्या? ये मुहब्बत बड़ी बुरी शै है, इस... Hindi · ग़ज़ल 56 Share पंकज परिंदा 21 Sep 2024 · 1 min read दुनिया वाले कहते अब दीवाने हैं..!! दुनिया वाले कहते अब दीवाने हैं हम तो शम्आ पर जलते परवाने हैं। महफ़िल मेरी झूम रही है यारों से इनके बिन तो कोसों तक वीराने हैं। एक नज़र ना... Hindi · ग़ज़ल 1 2 48 Share पंकज परिंदा 1 Sep 2024 · 1 min read बचपन की वो बिसरी यादें...!! बचपन की वो बिसरी यादें, लिख दूँ क्या.! साथ बिताए थे जो लम्हें., लिख दूं क्या.!! मेरे वादे..., तेरी क़समें...., लिख दूँ क्या..! चाँद सितारों की सौगातें.., लिख दूँ क्या.!!... Hindi · ग़ज़ल 1 73 Share पंकज परिंदा 1 Sep 2024 · 1 min read ज़िन्दगी..!! दर्द, आँसू, तड़प, बेबसी ज़िन्दगी ज़िन्दगी ज़िन्दगी। सेंकता ही रहा रोटियाँ कुछ पकी कुछ जली अधजली। भूख की देखकर के तड़प हँस रही है खड़ी मुफ़लिसी। ज़ख़्म इतने मिले हैं... Hindi · ग़ज़ल 47 Share पंकज परिंदा 1 Sep 2024 · 1 min read मैं "परिन्दा" हूँ........., ठिकाना चाहिए...! ज़िन्दगी जी लूँ............, तज़रबा चाहिए डूबते को बस.............., सहारा चाहिए। है तलब लोगों को........, सुनने की मुझे फिर नया सा कोई......, किस्सा चाहिए। आँधियां रुख़ मोड़ लेंगी...., ख़ुद-ब-खुद बस हमें... Hindi · ग़ज़ल 71 Share पंकज परिंदा 1 Sep 2024 · 1 min read तेरे साथ गुज़रे वो पल लिख रहा हूँ..! तेरे साथ गुज़रे वो पल लिख रहा हूँ *बहुत खूबसूरत ग़ज़ल लिख रहा हूँ!* मुझे माफ़ करना बिना तुझ से पूछे तेरी ज़िन्दगी में दख़ल लिख रहा हूँ! नज़र भर... Hindi · ग़ज़ल 85 Share पंकज परिंदा 1 Sep 2024 · 1 min read आसमां में चाँद... आसमां में चाँद छुपकर रो रहा है क्यूँ भला चाँदनी का नूर मद्धिम हो रहा है क्यूँ भला। धूल की परतें जमी हैं आदमी की सोच पर नफ़रतों की फस्ल... Hindi · ग़ज़ल 43 Share पंकज परिंदा 1 Sep 2024 · 1 min read ज़िन्दगी लाज़वाब,आ तो जा... इश्क़ है ब़े-हिसाब, आ तो जा। तुझपे लिख दूँ किताब आ तो जा। अब नशा बस तेरा ही काफी है छोड़ दी ले शराब, आ तो जा। कितनीं कसमें थीं,... Hindi · ग़ज़ल 1 43 Share Previous Page 2