पंकज परिंदा Tag: ग़ज़ल 73 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पंकज परिंदा 21 Nov 2024 · 1 min read रफ़ता रफ़ता न मुझको सता ज़िन्दगी.! रफ़ता रफ़ता न मुझको सता ज़िन्दगी.! मैं जियूँ कैसे तुझको..? बता ज़िन्दगी। हादसों में रहा मुब्तला....., हर समय, एक पल को खुशी कर अता ज़िन्दगी। मुद्दतें हो गईं........., तुझको' रूठे... Hindi · ग़ज़ल 14 Share पंकज परिंदा 18 Nov 2024 · 1 min read ग़ज़ल गीत तन्हा......., ही गाने लगेंगे। ग़ज़ल गीत तन्हा......., ही गाने लगेंगे। मुझे भूलने में............, ज़माने लगेंगे। ख़फ़ा हूँ मैं तुमसे, यूँ ही कह दिया बस, मुझे क्या पता था....? वो जाने लगेंगे। अगर रेत में... Hindi · ग़ज़ल 22 Share पंकज परिंदा 16 Nov 2024 · 1 min read समंदर में कोई हलचल नहीं है, समंदर में कोई हलचल....., नहीं है, कहीं काला घना बादल...., नहीं है। इजाज़त दी तुझे चल, इश्क़ कर ले, मेरे जीवन में कोलाहल...., नहीं है। मोहब्बत में नफ़ा-नुक़सान कैसा..? खरा... Hindi · ग़ज़ल 20 Share पंकज परिंदा 11 Nov 2024 · 1 min read नफ़रतें बेहिसाब आने दो। नफ़रतें बेहिसाब आने दो। एक बोतल शराब आने दो। कब तलक यूँ ख़फा रहोगे अब, ख़त में रक्खे गुलाब आने दो। ख़त्म कर दो न कश्मकश मेरी, वक़्त बे-वक़्त ख़्वाब... Hindi · ग़ज़ल 20 Share पंकज परिंदा 10 Nov 2024 · 1 min read थक चुका हूँ बहुत अब.., संभालो न माँ, थक चुका हूँ बहुत अब...., संभालो न माँ, अपने आंचल में मुझको.., छुपा लो न माँ। मुद्दतों हो गईं........., जागते......., जागते, अब तो गोदी में अपनी..., सुला लो न माँ।... Hindi · ग़ज़ल 23 Share पंकज परिंदा 10 Nov 2024 · 1 min read अगर तू दर्द सबका जान लेगा। अगर तू दर्द सबका जान लेगा। ख़ुदा तेरी रज़ा पहचान लेगा। मिलेंगी ठोकरें बस राह में तब, बुजुर्गों का नहीं विज्ञान लेगा। हक़ीकत को बना ले ढाल अपनी, वही होगा... Hindi · ग़ज़ल 26 Share पंकज परिंदा 10 Nov 2024 · 1 min read ग़म हमें सब भुलाने पड़े। ग़म हमें सब भुलाने पड़े। ख़ुद पे' ही जुल्म ढाने पड़े। इस ज़माने के डर से हमें, ज़ख़्म अपने छुपाने पड़े। चंद सिक्को में वो बिक गये, घर में जिनके... Hindi · ग़ज़ल 24 Share पंकज परिंदा 8 Nov 2024 · 1 min read नज़र से क्यों कोई घायल नहीं है...? नज़र से क्यों कोई घायल नहीं है...? किसी भी आंख में काजल नहीं है..! नकारा है ज़माने भर ने' जिसको...! वो' दीवाना है' पर..., पागल नहीं है। सलीक़े से...., छुपाए... Hindi · ग़ज़ल 1 35 Share पंकज परिंदा 6 Nov 2024 · 1 min read नफ़रतों के जो शोले........,भड़कने लगे नफ़रतों के जो शोले........,भड़कने लगे आशियाँ., फिर गरीबों.., के जलने लगे। एक पल को मैं बुत सा.., बना रह गया जब वो वादे से अपने....., मुकरने लगे। जो हुए थे... Hindi · ग़ज़ल 1 2 29 Share पंकज परिंदा 6 Nov 2024 · 1 min read गर्द अपनी ये ख़ुद से हटा आइने। गर्द अपनी ये ख़ुद से हटा आइने। मुझको मुझसे ज़रा सा मिला आइने। क्यों है खामोश कबसे तुझे सब पता, राज कुछ तो मुझे भी बता आइने। मुद्दतों से न... Hindi · ग़ज़ल 28 Share पंकज परिंदा 5 Nov 2024 · 1 min read वो सितारे फ़लक पर सजाती रही। वो सितारे फ़लक पर सजाती रही। चाँद का ही वो कुनबा बढ़ाती रही। ऐब जाने न उसमें भी कितने छुपे, आइना वो मुझे ही दिखाती रही। चाँद को ज्यों मुकर्रर... Hindi · ग़ज़ल 1 2 33 Share पंकज परिंदा 2 Nov 2024 · 1 min read सम्मुख आकर मेरे ये अंगड़ाई क्यों.? सम्मुख आकर मेरे ये अंगड़ाई क्यों.? उधड़े रिश्ते पर फिर से तुरपाई क्यों? प्यार कहूँ या कह दूँ इसको पागलपन, जब जब आँखें चार हुईं सकुचाई क्यों? हमले सब सीने... Hindi · ग़ज़ल 22 Share पंकज परिंदा 31 Oct 2024 · 1 min read आजकल तो हुई है सयानी ग़ज़ल, आजकल तो हुई है सयानी ग़ज़ल, दर्द दिल के बताती ज़ुबानी ग़ज़ल। ग़र पता है बता दो मुझे यार तुम, है कहाँ खो गयी वो दीवानी ग़ज़ल। जश्न होगा यक़ीनन... Hindi · ग़ज़ल 38 Share पंकज परिंदा 30 Oct 2024 · 1 min read गांव में जब हम पुराने घर गये, गांव में जब हम पुराने घर गये, देखकर मंज़र वहाँ का डर गये। गूँजा करती थीं जहाँ किलकारियाँ, क्यूं वहाँ हालात हो बदतर गये। एक थी दीवार आँगन में खड़ी,... Hindi · ग़ज़ल 32 Share पंकज परिंदा 30 Oct 2024 · 1 min read झूठे परदे जो हम हटाने लगे, झूठे परदे जो हम हटाने लगे, लोग आँखें हमें दिखाने लगे। जब हकीकत बयां गज़ल में की, वो क़लम ही मेरा चुराने लगे। पल दो पल की खुशी मिली थी... Hindi · ग़ज़ल 32 Share पंकज परिंदा 30 Oct 2024 · 1 min read रुख़ से परदा हटाना मजा आ गया। रुख़ से परदा हटाना मजा आ गया। बिजलियाँ यूँ गिराना मजा आ गया। बात जाने न हमने क्या कह दी मगर, देखकर मुस्कुराना मजा आ गया। तोड़कर बंदिशें इस ज़माने... Hindi · ग़ज़ल 33 Share पंकज परिंदा 26 Oct 2024 · 1 min read गीत ग़ज़लों की साक्षी वो अट्टालिका। गीत ग़ज़लों की साक्षी वो अट्टालिका। याद मुझको है आती वो अट्टालिका। पूछता कौन किसकी वो अट्टालिका? घर के ऊपर अभागी वो अट्टालिका। खेत खलिहान सबने लिए चाव से, मेरे... Hindi · ग़ज़ल 37 Share पंकज परिंदा 24 Oct 2024 · 1 min read मैं मासूम "परिंदा" हूँ..!! जाने कबसे लटका हूँ, फांसी का इक फंदा हूँ। देख रहे वो नब्ज़ मेरी, ज़िन्दा हूँ या मुर्दा हूँ। हर चहरे पर पर्दा है, पर सबको पढ़ लेता हूँ। माँ... Hindi · ग़ज़ल 31 Share पंकज परिंदा 20 Oct 2024 · 1 min read ओ आदम! तू चल आहिस्ता। ओ आदम! तू चल आहिस्ता। हो सब रोशन, जल आहिस्ता। जब जब तड़पेगी ये धरती, बरसेंगे बादल आहिस्ता। सागर की लहरें अंबर तक, नदिया की कल कल आहिस्ता। डरना मत... Hindi · ग़ज़ल 41 Share पंकज परिंदा 16 Oct 2024 · 1 min read पर्वत, दरिया, पार करूँगा..! *बह्र -- फेलुन*4* कब तक यूं दीदार करूँगा, आ जाओ श्रृंगार करूँगा। एक नज़र ग़र देख लिया तो, कुछ पल आँखे चार करूँगा। दुनिया के सब छोड़ झमेले, जी भर... Hindi · ग़ज़ल 21 Share पंकज परिंदा 15 Oct 2024 · 1 min read मोहब्बत में ग़र बेज़ुबानी रहेगी..! मोहब्बत में ग़र बेज़ुबानी रहेगी, तो इन्सां की दुश्मन जवानी रहेगी। गुज़ारिश है तुमसे खफ़ा ना रहो तुम, अदावत ये कब तक पुरानी रहेगी। यूं नफ़रत करोगे अगर तुम जो... Hindi · ग़ज़ल 27 Share पंकज परिंदा 15 Oct 2024 · 1 min read हुनर का ग़र समंदर है..! *बह्र- 1222 1222* हुनर का ग़र समंदर है, भला फिर क्यूं तुझे डर है..? ज़माने को बतायें क्या, लगी कंकड़ से ठोकर है। यक़ीनन वक़्त बदलेगा, अभी तो हाल बदतर... Hindi · ग़ज़ल 40 Share पंकज परिंदा 13 Oct 2024 · 1 min read चाहे हो शह मात परिंदे..! चाहे हो शह मात परिंदे। मत ले तू खैरात परिंदे। वक़्त बुरा है आज मगर कल, बदलेंगे हालात परिंदे। डर मत, रख उम्मीद खुदा पर, किसकी क्या औक़ात परिंदे..? नेकी... Hindi · ग़ज़ल 30 Share पंकज परिंदा 13 Oct 2024 · 1 min read रतन टाटा जी..!! आसमां में छा गया, टाटा रतन। पंछियों जैसा उड़ा, टाटा रतन। दाद हिम्मत की रही है मिल उसे, प्यार में गिर गिर उठा, टाटा रतन। थीं हज़ारों मुश्किलें भारी मग़र,... Hindi · ग़ज़ल 37 Share पंकज परिंदा 10 Oct 2024 · 1 min read जब हक़ीक़त झूठ से टकरा गयी…! जब हक़ीक़त झूठ से टकरा गयी, सल्तनत तब झूठ की घबरा गयी। बे-ख़बर थे वक़्त की जो मार से, ज़िन्दगी उनकी क़फ़स में आ गयी। मुफ़लिसी को पालता हूँ आज... Hindi · ग़ज़ल 37 Share पंकज परिंदा 10 Oct 2024 · 1 min read नफ़रतों में घुल रही ये जिंदगी है..! नफ़रतों में घुल रही ये जिंदगी है, अन्जुमन में हर तरफ बस तीरगी है। पूछता मैं फिर रहा हर इक बशर से, मुफ़लिसी में कैद क्यों लाचारगी है। राह चलते... Hindi · ग़ज़ल 1 22 Share पंकज परिंदा 10 Oct 2024 · 1 min read बेदर्द ज़माने ने क्या खूब सताया है…! बेदर्द ज़माने ने क्या खूब सताया है मज़लूम सर-ए-महफ़िल नज़रों से गिराया है। यह बात सितम की है बदनाम किया हमको हर फ़र्ज़ मुहब्बत का शिद्दत से निभाया है। गुलज़ार... Hindi · ग़ज़ल 32 Share पंकज परिंदा 6 Oct 2024 · 1 min read लुट गया है मक़ान किश्तों में। लुट गया है मक़ान किश्तों में। फंस गई मेरी जान किश्तों में। है नवाज़िश तेरी ही शायद,जो चल रही है दुकान किश्तों में। दस्तख़त ले लिए जो मुंसिफ ने, रोज़... Hindi · ग़ज़ल 40 Share पंकज परिंदा 3 Oct 2024 · 1 min read रुख़ से पर्दा जरा हटा दे अब। रुख़ से पर्दा जरा हटा दे अब। मुझको मुझसे जरा मिला दे अब। ज़ख्म भरने लगे हैं सब मेरे, भर के मुट्टी नमक लगा दे अब। आशियां ख़ाक हो रहा... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 56 Share पंकज परिंदा 2 Oct 2024 · 1 min read चाँद यूँ ही नहीं छुपा होगा। चाँद यूँ ही नहीं छुपा होगा। चांदनी ने ही कुछ कहा होगा। वो परेशां सी है की क्या होगा, जब मेरा उस से सामना होगा। आजकल मुस्कुरा रहा है वो,... Hindi · ग़ज़ल 2 49 Share पंकज परिंदा 29 Sep 2024 · 1 min read मस्अला क्या है, ये लड़ाई क्यूँ.? मस्अला क्या है, ये लड़ाई क्यूँ.? आज आंगन में चारपाई क्यूँ.. .? छोड़ जाना था रास्ते में तो, आग पानी में फिर लगाई क्यूँ.? दौरे हाज़िर का फ़लसफ़ा कैसा, कर... Hindi · ग़ज़ल 46 Share पंकज परिंदा 29 Sep 2024 · 1 min read क्यों मूँछों पर ताव परिंदे.! क्यों मूँछों पर ताव परिंदे.! दो कौड़ी का भाव परिंदे..! राज़ खुले जब हाकिम के तो, मार पड़ी बेभाव परिंदे..! था अंधों में काना राजा, ले डूबा वो नाव परिंदे.!... Hindi · ग़ज़ल 57 Share पंकज परिंदा 29 Sep 2024 · 1 min read ज्ञान रहे सब पेल परिंदे, ज्ञान रहे सब पेल परिंदे, होती है फिर जेल परिंदे। सच है इक दिन हारेगा तू, जीवन का यह खेल परिंदे। भूखे नंगों से, है ज़्यादा, आवश्यक राफेल परिंदे। सच... Hindi · ग़ज़ल 1 57 Share पंकज परिंदा 29 Sep 2024 · 1 min read इन हवाओं को न जाने क्या हुआ। इन हवाओं को न जाने क्या हुआ। आजकल कुछ रुख़ है बदला सा हुआ। वक़्त ने समझा दिया सब कुछ उसे, कल तलक जो शख़्स था पहुंचा हुआ। कब मुकम्मल... Hindi · ग़ज़ल 56 Share पंकज परिंदा 27 Sep 2024 · 1 min read हाल हुआ बेहाल परिदे..! हाल हुआ बेहाल परिदे, जीवन है जंजाल परिंदे। जितने काले चिट्ठे उसकी, उतनी मोटी खाल परिंदे। भर भर आंसू रोता फिरता, लगता है घड़ियाल परिंदे। माँ ने डाँट दिया थोड़ा... Hindi · ग़ज़ल 50 Share पंकज परिंदा 27 Sep 2024 · 1 min read जन्म जला सा हूँ शायद..!! 🌻🌻 ग़ज़ल 🌻🌻 जन्म जला सा हूँ शायद, इक़ अंधियारा हूँ शायद। डग मग जीवन की नैया, दूर किनारा हूँ शायद। बर्तन खाली हैं यारो, वक़्त का मारा हूँ शायद।... Hindi · ग़ज़ल 46 Share पंकज परिंदा 27 Sep 2024 · 1 min read बाहर मीठे बोल परिंदे..! बाहर मीठे बोल परिंदे, मन के अंदर झोल परिंदे। दुनिया में जीना है तुझको, मुख में मिश्री घोल परिंदे। कहना है जो, उसको पहले, हिय के भीतर तोल परिंदे। रिश्वत... Hindi · ग़ज़ल 50 Share पंकज परिंदा 27 Sep 2024 · 1 min read जीवन...!! एक उलझी किताब है जीवन। हाँ... मग़र लाज़वाब है जीवन। है उफनता हुआ सा इक दरिया, या छलकती शराब है जीवन। मुश्किलों से न तोड़ रिश्ता यूँ, बस इन्हीं का... Hindi · ग़ज़ल 1 2 39 Share पंकज परिंदा 26 Sep 2024 · 1 min read फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां, जब कभी भी मुस्कुरातीं बेटियां। खुशनुमा माहौल होता हर तरफ, प्यार से जब खिलखिलाती बेटियां। हो जरूरत रोशनी की ग़र कहीं, चाँद तारे तोड़ लातीं... Hindi · ग़ज़ल 63 Share पंकज परिंदा 26 Sep 2024 · 1 min read इश्क़ में क्या अज़ाब है साहिब, इश्क़ में क्या अज़ाब है साहिब, दे दो जो भी जवाब है साहिब। आँख मिलते ही चढ़ गया नश्शा, लग रही वो शराब है साहिब। चाँद कह तो दिया तुम्हें... Hindi · ग़ज़ल 51 Share पंकज परिंदा 26 Sep 2024 · 1 min read ज़ख्म फूलों से खा के बैठे हैं..! ज़ख्म फूलों से खा के बैठे हैं, इश्क़ में सब लुटा के बैठे हैं। बैर इन आँधियों से क्यूं आख़िर, आशियां खुद जला के बैठे हैं। अब न हों हादसे... Hindi · ग़ज़ल 41 Share पंकज परिंदा 26 Sep 2024 · 1 min read मन्दिर, मस्ज़िद धूप छनी है..! देखें खाब सुनहरे कब तक..? हाकिम अपने बहरे कब तक..? सब्र यहाँ अब रखना मुश्किल, बहता दरिया ठहरे कब तक.? मन्दिर, मस्ज़िद धूप छनी है, ख़ौफ़ज़दा से चहरे कब तक.?... Hindi · ग़ज़ल 39 Share पंकज परिंदा 26 Sep 2024 · 1 min read लहज़ा रख कर नर्म परिंदे..!! लहज़ा रख कर नर्म परिंदे, करता रह निज कर्म परिंदे। झूठों की महफ़िल में देखी, सच को लगती शर्म परिंदे। मोड़ जरा सा घुटनों को फिर, ओढ़ रजाई गर्म परिंदे।... Hindi · ग़ज़ल 49 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read सोना बन..., रे आलू..! मत बन तू, अब बुद्धू..! सीधा कर, बस उल्लू..! एम कहूँ, या डब्ल्यू.! बन बैठा, दल बदलू.! सोना बन, रे आलू..! जादूगर, है पप्पू..! तांडव कर, बिन डमरू..! प्याली में,... Hindi · ग़ज़ल 66 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read एक उलझी किताब है जीवन एक उलझी किताब है जीवन। हाँ.. मग़र लाज़वाब है जीवन। है उफनता हुआ सा इक दरिया, या छलकती शराब है जीवन। मुश्किलों से न तोड़ रिश्ता यूँ, बस इन्हीं का... Hindi · ग़ज़ल 31 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read यूँ न फेंको गुलाल.. रहने दो.! यूँ न फेंको गुलाल.. रहने दो.! बे-बजह का बवाल., रहने दो..! मुझको बेघर न कर., ख़ुदा मेरे, सबको होगा मलाल, रहने दो..! आशियाँ ख़ाक हो गये, जिनके, वो करेंगे कमाल.....!... Hindi · ग़ज़ल 40 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read जब जब हमको याद करोगे..! जब जब हमको याद करोगे, रोओगे फ़रियाद करोगे। ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ कैद़ रहे इन आँखों में जो, अश्क़ों को आजाद करोगे। ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ ख़ाक हुई ग़र बस्ती दिल की, कैसे फिर आबाद करोगे।... Hindi · ग़ज़ल 32 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read मैं बेबस सा एक "परिंदा" जिस दिल में ईमान नहीं है कुछ भी हो इंसान नहीं है। नामाक़ूल रहोगे, जब तक नीयत में पैमान नहीं है। क्या लाये जो खोया तुमने शायद गीता ज्ञान नहीं... Hindi · ग़ज़ल 42 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read हर मुश्किल का हल निकलेगा..! आज नहीं तो कल निकलेगा। हर मुश्किल का हल निकलेगा। ठान लिया गर मन में अपने, मरुथल से भी जल निकलेगा। अधजल गगरी छलकत जिनकी, उनका सूरज ढल निकलेगा। नेकी... Hindi · ग़ज़ल 1 26 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read आजकल कुछ सुधार है प्यारे..? आजकल कुछ सुधार है प्यारे..? या वही तेज धार है प्यारे.? कौन जाने कि कब, कहाँ कैसे..? कौन किसका शिकार है प्यारे...? तैरने का नहीं हुनर जिसको, वो भी दरिया... Hindi · ग़ज़ल 34 Share Page 1 Next