पंकज परिंदा Tag: कुण्डलिया 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read कुण्डलियाँ छंद खून पसीना सींचकर, रहा अन्न उपजाय पोषण सबका कर रहा, रूखा सूखा खाय रूखा सूखा खाय, कि पीता नयनम नीरम नेता माल उड़ाय, रखें अब कब तक धीरम कहे भारती... Hindi · कुण्डलिया 38 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read कुण्डलियाँ छंद लेकर कलम दवात अरु, संग साँच कौ साथ। लिखूँ कुण्डली छंद अब, रखो आप सर हाथ।। रखो आप सर हाथ, नयी नित कविता लाऊँ। दे दो सुर अरु साज, गीत... Hindi · कुण्डलिया 29 Share