पंकज परिंदा 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पंकज परिंदा 22 Apr 2022 · 1 min read जख़्म अपने मैं यारो दिखाने चला..!! जख़्म अपने मैं यारो दिखाने चला आह दिल की मैं सबको सुनाने चला। खेल क़ुदरत ने मुझसे है खेला अजब आज दुनिया को मैं सब बताने चला। साथ माँ थी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 121 Share पंकज परिंदा 16 Apr 2022 · 1 min read जपले प्रभु का जाप परिंदे...!! कर अंतस निष्पाप परिंदे, जपले प्रभु का जाप परिंदे। डिग्रीधारी सुस्त पड़े हैं, आगे झोलाछाप परिंदे। आखिर कब तक ज़ुर्म सहेगा, क्यों है तू चुपचाप परिंदे। सुनकर वो फ़रियाद हमारी,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 201 Share पंकज परिंदा 16 Apr 2022 · 1 min read इश्क़ मशहूर हो गया साहब..! जबसे वो दूर हो गया साहब, इश्क़ मशहूर हो गया साहब। चार पैसे कमा लिए उसने, आज मग़रूर हो गया साहब। वक़्त का खेल है ग़ज़ब देखा, नूर बे-नूर हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 125 Share पंकज परिंदा 16 Apr 2022 · 1 min read इश्क़ ज़हर.... ओ पागल...!! बहता जल कल कल कल। प्रश्न कठिन मुश्किल हल। कीचड़ में देख कमल। पांव बचा है दलदल। आंख लड़ी तो हलचल। रोज नहा तन मल मल। खींच लहू है निर्बल।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 231 Share पंकज परिंदा 16 Apr 2022 · 1 min read सम्भव कैसे मेल सखी...? पेड़ों का आलिंगन करती, लिपट रही है बेल सखी बाट निहारूँ प्रियवर की मैं, सम्भव कैसे मेल सखी। धरणी ने श्रृंगार धरा है, पादप की हरियाली से, रश्मि प्रभाकर मानो... Hindi · गीत 374 Share पंकज परिंदा 16 Apr 2022 · 1 min read आदमी इंसानियत खोता हुआ..! इन हवाओं को न जाने क्या हुआ। आजकल कुछ रुख़ है बदला सा हुआ। वक़्त ने समझा दिया सब कुछ उसे, कल तलक जो शख़्स था पहुंचा हुआ। कब मुक़म्मल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 121 Share पंकज परिंदा 8 Apr 2022 · 1 min read परिंदा..! जितनी ज्यादा चाह परिंदे। मुश्किल उतनी राह परिंदे। बैरी आज हुए हैं वो सब, थी जिनकी परवाह परिंदे। लगतीं मंज़िल सब आसां जो, हो सच्चा हमराह परिंदे। वक़्त बता देता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 211 Share पंकज परिंदा 8 Apr 2022 · 1 min read सजल आज नहीं तो कल निकलेगा। हर मुश्किल का हल निकलेगा। ठान लिया गर मन में अपने, मरुथल से भी जल निकलेगा। अधजल गगरी छलकत जिनकी, उनका सूरज ढल निकलेगा। नेकी... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 145 Share पंकज परिंदा 8 Apr 2022 · 1 min read है गुज़ारिश बख्श दो तक़दीर को..! म्यान में ही, रहने दो, शमशीर को, है गुज़ारिश बख्श दो तक़दीर को..! एक हद तक, ही रहीं बस, जुम्बिशें, कब तलक शर्म ओ हया की बंदिशें ज़ुल्म कर मुझ... Hindi · गीत 129 Share पंकज परिंदा 8 Apr 2022 · 1 min read छोड़ अलस मन चंचल..! छोड़ अलस मन चंचल, चल उठजा रे..! घन, घन-घन घन-घन बरसेगा, मरुथल भी सोना उगलेगा, हर गली मुहल्ले चौबारे, घर आंगन फिर से महकेगा, बस धीर धरो गम्भीर बनो, फल... Hindi · गीत 156 Share पंकज परिंदा 8 Apr 2022 · 1 min read कुछ यक्ष प्रश्न हैं मेरे..! सजल हुए क्यों नयन प्रकृति के, क्यों उर पे घाव घनेरे! क्षम्य कहूँ मानव को कैसे...? कुछ यक्ष प्रश्न हैं मेरे..!! फल को फल ही रहने देते, क्यों विस्फोटक रख... Hindi · गीत 118 Share पंकज परिंदा 8 Apr 2022 · 1 min read तुम नहीं जी सकोगी हमारे बिना..! बात किस से करोगी हमारे बिना..?? तुम नहीं जी सकोगी हमारे बिना। चाँद तारे भी फीके लगेंगे तुम्हें, किसकी ख़ातिर सजोगी हमारे बिना..?? ख़्वाब देखे हैं जो साथ मिलकर उन्हें,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 90 Share पंकज परिंदा 8 Apr 2022 · 1 min read जीवन एक उलझी किताब है जीवन। हाँ..! मग़र लाज़वाब है जीवन। है उफनता हुआ सा इक दरिया, या छलकती शराब है जीवन। मुश्किलों से न तोड़ रिश्ता यूँ, बस इन्हीं का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 85 Share पंकज परिंदा 6 Jun 2021 · 1 min read ग़ज़ल आजकल कुछ सुधार है प्यारे...? या वही तेज धार है प्यारे...? कौन जाने कि कब, कहाँ कैसे..? कौन किसका शिकार है प्यारे...? तैरने का नहीं हुनर जिसको, वो भी दरिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 211 Share पंकज परिंदा 6 Jun 2021 · 1 min read ग़ज़ल आज नहीं तो कल निकलेगा। हर मुश्किल का हल निकलेगा। ठान लिया गर मन में अपने, मरुथल से भी जल निकलेगा। अधजल गगरी छलकत जिनकी, उनका सूरज ढल निकलेगा। नेकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 303 Share