पंकज परिंदा 163 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पंकज परिंदा 16 Nov 2025 · 1 min read म्यान में ही, रहने दो, शमशीर को, म्यान में ही, रहने दो, शमशीर को, है गुज़ारिश बख्श दो तक़दीर को.! एक हद तक, ही रहीं बस, जुम्बिशें, कब तलक शर्म ओ हया की बंदिशें, जुल्म कर मुझ... Quote Writer 24 Share पंकज परिंदा 30 Oct 2025 · 1 min read बात मौखिक हृदय की कहेंगे नयन। बात मौखिक हृदय की कहेंगे नयन। मीत मेरे कहो कब बनेंगे नयन। कर ही डालो इन्हें चार दो से प्रिये, कब तलक यूँ झुके से रहेंगे नयन। -- पंकज शर्मा... Quote Writer 30 Share पंकज परिंदा 28 Oct 2025 · 1 min read पंखुड़ी से सुकोमल तुम्हारे अधर, पंखुड़ी से सुकोमल तुम्हारे अधर, जाने कैसे ये तुमने सँवारे अधर। तुम तो बारिश का आनंद लेती रहीं, थरथराते रहे पर बेचारे अधर। मन के वश में हृदय का नहीं... Quote Writer 56 Share पंकज परिंदा 28 Oct 2025 · 1 min read प्रेम हमसे कभी तो करोगी सखी, प्रेम हमसे कभी तो करोगी सखी, कब तलक गीत ग़ज़लें पढ़ोगी सखी? तुम हो बहती नदी मैं समंदर प्रिये, आके मुझमें कभी तो मिलोगी सखी। जबसे देखा तुम्हें तुम ग़ज़ल... Quote Writer 78 Share पंकज परिंदा 28 Oct 2025 · 1 min read जल से होंठ जला बैठे हम "कल" को आज गँवा बैठे हम, मधु का चाव लगा बैठे हम। हर संध्या को मधुशाला में, खाली जेब करा बैठे हम। चौसर में फिर हाथ हिलाकर, अंतिम दाँव लगा... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 149 Share पंकज परिंदा 2 Oct 2025 · 1 min read ये पलकें उठाओ अगर इल्म है तो। ये पलकें उठाओ अगर इल्म है तो। कि नज़रें मिलाओ अगर इल्म है तो। मुहब्बत में क्या क्या नफ़ा और नुक़सां, हमें भी बताओ अगर इल्म है तो। ये रोना,... Quote Writer 81 Share पंकज परिंदा 2 Oct 2025 · 1 min read रोज मैं लिख रहा हूँ तुम्हारे लिए, रोज मैं लिख रहा हूँ तुम्हारे लिए, आज तुम भी लिखो कुछ हमारे लिए। रूठ जाओ अगर तो मनाने तुम्हें, चाँद द्वारे खड़ा हो सितारे लिए। कर लो बुनियाद पुख़्ता... Quote Writer 40 Share पंकज परिंदा 9 Mar 2025 · 1 min read महिला दिवस विशेष...!! म्यान में ही, रहने दो, शमशीर को, है गुज़ारिश बख्श दो तक़दीर को..! एक हद तक, ही रहीं बस, जुम्बिशें, कब तलक शर्म ओ हया की बंदिशें ज़ुल्म कर मुझ... Hindi · ग़ज़ल · गीत · गीतिका 1 2 131 Share पंकज परिंदा 28 Feb 2025 · 1 min read खुदा भी साथ खुदा भी साथ देता है, अगर माँ बाप हैं यारो, बिना माँ बाप के जीना, मिलो आकर *"परिंदे"* से।। Hindi · शेर 165 Share पंकज परिंदा 28 Feb 2025 · 1 min read चली आना चली आना मुनासिब हो अगर मिलना, खुदा के पास जाकर के चली आना, चली आना, मे'री माँ तुम चली आना। Hindi · शेर 162 Share पंकज परिंदा 28 Feb 2025 · 1 min read करो मत ज़ुर्म करो मत जुर्म तुम ऐसे, पड़े नजरें झुकानी जो, हकीकत है झुकी नजरें, कि माँ पहचान लेती है।। Hindi · शेर 134 Share पंकज परिंदा 28 Feb 2025 · 1 min read न मंदिर में न मंदिर में न मस्जिद में, न काबा में न काशी में, खुदा से है अगर मिलना, मिलो माँ बाप से साहिब।। Hindi · शेर 160 Share पंकज परिंदा 23 Feb 2025 · 1 min read नफ़रतों के जो शोले........,भड़कने लगे नफ़रतों के जो शोले........,भड़कने लगे आशियाँ., फिर गरीबों.., के जलने लगे। एक पल को मैं बुत सा.., बना रह गया जब वो वादे से अपने....., मुकरने लगे। जो हुए थे... Hindi · ग़ज़ल 197 Share पंकज परिंदा 23 Feb 2025 · 1 min read गुरु-महिमा ( दोहे ) *----- गुरु-महिमा -----* गुरू ब्रह्म कौ सार है, रहे वेद बतलाय खान कबीरा कह गये, गुरु गोविंद कहाय।।१।। ईस संग गुरु के खड़ा, देख नयन तुम खोल जो गुरु पूजा... Hindi · दोहा 138 Share पंकज परिंदा 23 Feb 2025 · 1 min read शंकर छंद कृष्ण मेघ नीलाम्बर छाये, मंद चली बयार मनमीत बने अलि कुञ्जर तरु, देह पड़ी फुहार। ग्रीसम रितु में अल्हड़ पुरवा, और संग प्रसून मनवा हर्षित नीलकंठ सा, होत दूना दून।। Hindi · मुक्तक 156 Share पंकज परिंदा 23 Feb 2025 · 1 min read अब बदला हिंदुस्तान मियां..! है वक़्त बहुत बलवान मियां, यह ऊंची कब तक शान मियां..? जिसकी लाठी भैंस उसी की, यह बात पुरानी मान मियां..! आंखों से रुसबा पहले ही, अब गायब होंगे कान... Hindi · ग़ज़ल 95 Share पंकज परिंदा 23 Feb 2025 · 1 min read गीत तनहा ही गा लिये हमने ज़ख्म़ फूलों से खा लिये हमने चश्मे-तर भी छुपा लिये हमने फ़ुर्सतें किसको कौन सुनता है गीत तनहा ही गा लिये हमने नफ़रतों से नहीं है कुछ हासिल हाथ सब... Hindi · ग़ज़ल 1 312 Share पंकज परिंदा 4 Feb 2025 · 1 min read एक खिलता गुलाब है बेटी जीती आंखों का ख्वाब है बेटी एक खिलता गुलाब है बेटी। चंद अल्फ़ाज़ क्या लिखूँ अब मैं मेरी पूरी किताब है बेटी। गुल है बेटा अगर तो सच यह है... Hindi · ग़ज़ल 148 Share पंकज परिंदा 30 Dec 2024 · 1 min read ख़्वाब उसके सजाता रहा.., रात भर, ख़्वाब उसके सजाता रहा.., रात भर, नींद में मुस्कुराता......, रहा रात भर। रूबरू ख़ुद से होने की ज़िद थी मुझे, अक़्स तेरा बनाता....., रहा रात भर। वो जगाकर मुझे जाने... Hindi · ग़ज़ल 247 Share पंकज परिंदा 20 Dec 2024 · 1 min read रिश्ते नाते वो मुझसे......, सभी तोड़ कर। रिश्ते नाते वो मुझसे......, सभी तोड़ कर। जा रही...., दूर से..., हाथ यूँ जोड़ कर...! क्या ख़ता है मेरी.. क्या गुनाह कर दिया.? सामने आज बैठी....., जो' मुँह मोड़ कर।... Hindi · ग़ज़ल 157 Share पंकज परिंदा 18 Dec 2024 · 1 min read हमसे कर ले कुछ तो बात.. दिसंबर में, हमसे कर ले कुछ तो बात.. दिसंबर में, तन्हा तन्हा से दिन-रात..., दिसंबर में। आज हमारी नजरें...., उससे चार हुईं, फिर से मचले हैं जज़्बात.., दिसंबर में। इश्क़ तेरा सर... Hindi 195 Share पंकज परिंदा 10 Dec 2024 · 1 min read इश्क़ अब बेहिसाब........, है तो है..! इश्क़ अब बेहिसाब........, है तो है..! मेरी आदत..........., ख़राब है तो है। क्यों डरूँ..? मुश्किलों से मैं आख़िर, ज़िंदगी ये..........., अज़ाब है तो है। यूँ तो पीता....... नहीं हूँ मैं... Hindi · ग़ज़ल 201 Share पंकज परिंदा 5 Dec 2024 · 1 min read कैसे कह दूँ....? नींद चैन की सोने दो...! कैसे कह दूँ....? नींद चैन की सोने दो...! ज़िम्मेदारी का यह बोझा......., ढोने दो..! फस्ल मोहब्बत की, दिल में लहराएगी...! कुछ अल्फ़ाज मुझे बस इसमें बोने दो...! इक दूजे को... Hindi · ग़ज़ल 321 Share पंकज परिंदा 4 Dec 2024 · 1 min read बेदर्द ज़माने ने क्या खूब सताया है…! बेदर्द ज़माने ने क्या खूब सताया है, मज़लूम सर-ए-महफ़िल नज़रों से गिराया है। यह बात सितम की है बदनाम किया हमको, हर फ़र्ज़ मुहब्बत का शिद्दत से निभाया है। गुलज़ार... Hindi · ग़ज़ल 176 Share पंकज परिंदा 25 Nov 2024 · 1 min read क़ैद में रो रहा उजाला है… उनके चेहरे पे तिल जो काला है, उसने कितनों को मार डाला है। चांद बेदाग इक हसीं देखा, दुनिया भर से ही वो निराला है। जिंदगी जिस पे वार दी... Hindi · ग़ज़ल 192 Share पंकज परिंदा 23 Nov 2024 · 1 min read बादलों की, ओ.. काली..! घटाएं सुनो। बादलों की, ओ.. काली..! घटाएं सुनो। आ के' माटी की' सारी व्यथाएं.., सुनो। दम्भ स्पंदन पे कैसे....? हृदय को हुआ, मुस्कुराती रहीं........, कोशिकाएं सुनो। चाप भृकुटी से' अद्भुत बनाए ही'... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 226 Share पंकज परिंदा 21 Nov 2024 · 1 min read रफ़ता रफ़ता न मुझको सता ज़िन्दगी.! रफ़ता रफ़ता न मुझको सता ज़िन्दगी.! मैं जियूँ कैसे तुझको..? बता ज़िन्दगी। हादसों में रहा मुब्तला....., हर समय, एक पल को खुशी कर अता ज़िन्दगी। मुद्दतें हो गईं........., तुझको' रूठे... Hindi · ग़ज़ल 177 Share पंकज परिंदा 18 Nov 2024 · 1 min read ग़ज़ल गीत तन्हा......., ही गाने लगेंगे। ग़ज़ल गीत तन्हा......., ही गाने लगेंगे। मुझे भूलने में............, ज़माने लगेंगे। ख़फ़ा हूँ मैं तुमसे, यूँ ही कह दिया बस, मुझे क्या पता था....? वो जाने लगेंगे। अगर रेत में... Hindi · ग़ज़ल 286 Share पंकज परिंदा 18 Nov 2024 · 1 min read जो थे क्रिमिनल..., देख परिंदे, जो थे क्रिमिनल..., देख परिंदे, अब सब सोशल देख परिंदे..! बच्चों से अब.., मार - पिटाई, कितना क्रिटिकल देख परिंदे। ढीली हो कम्पास अगर.., तो, गड़बड़ एंगल..., देख परिंदे..! घूम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 253 Share पंकज परिंदा 16 Nov 2024 · 1 min read समंदर में कोई हलचल नहीं है, समंदर में कोई हलचल....., नहीं है, कहीं काला घना बादल...., नहीं है। इजाज़त दी तुझे चल, इश्क़ कर ले, मेरे जीवन में कोलाहल...., नहीं है। मोहब्बत में नफ़ा-नुक़सान कैसा..? खरा... Hindi · ग़ज़ल 258 Share Page 1 Next