पं अंजू पांडेय अश्रु 85 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पं अंजू पांडेय अश्रु 4 Mar 2025 · 1 min read हां मैं कुंभ हो आई..... हां मैं कुंभ होआई चढ़ा अपनी सारी जिजीविषा, सारे गिले शिकवेजीवन की मृगमरीचिका में भटकने का सबब छोड़ा हां मैं कुंभ हो आई ओजस्विता प्राप्त करने हेतु चढ़ा दी सारी... 44 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 4 Mar 2025 · 1 min read ।।वजूद II समंदर की बांहों में नदियां खो अपना वजूद, हो जाती खारा.. पर ना अकुलाती विभु विभावरी घनेरी तारे को भी अपने आगोश कर लेती, निशा का अंग बन भी ना... 40 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 4 Mar 2025 · 1 min read श्रद्धांजलि श्रद्धांजलि चारों ओर आतंकी दावानल सिसकती थी पुलवाना वादियां , बारूद गोलो से कंपित थी घाटियां है कट कटा कट कट गए भारतीय, अनगिनत भीरूता की कृतियो से फिर मानवता... 43 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 4 Mar 2025 · 1 min read यूथिका इस साहित्य आकाश में बिखरे समस्त सितारों को उत्कर्ष का झिलमिल संसार मिले ,हर लेखनी स्पर्श करे हृदय को मां शारदे ये अभय आशीष दे, मुखरीत हुई बीज मौन अश्रु... 44 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 4 Mar 2025 · 1 min read मेरी हिंदी शिक्षिका.... रीति रूप परिपूर्ण , प्रीति साधिका कार्य करतीमहत्वपूर्ण, संवारती सकल गृह संसार, लुटाती नेहअविचल,अगाध वारती निज खुशी अपार, जिसकी अधरों खिलती मृदु मुस्कान, लंबी सी काया तीखे नैननक्श चन्द्र चकोरी... 42 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 4 Mar 2025 · 1 min read जब मोड़ रहा जीवन को माया जब मोड़ रहा जीवन को माया शिव ने नाश किया मन की सीमाओं का, जब अंतर्मन विचलित भाग रहा शिव ने नाश किया उसमें पलती कुशंकाओ का, जब धर्म को... 53 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 4 Mar 2025 · 1 min read हर दिन नया कुरुक्षेत्र... हर दिन नया कुरुक्षेत्र... अल्हड़ आनंद पार कर बिटिया सयानी आई अनुभव द्वार, संबंधों के कुरुक्षेत्र में लगा न पाई सौभद्र सा पार, सारा गर्भित ज्ञान भी शून्य हुआ हाय!हार... 37 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 4 Mar 2025 · 1 min read जीवन एक प्रयोगशाला जीवन एक प्रयोगशाला हैआज जिसमें कल्पित मानो से कंपित सांसे है अस्पष्ट अनचाहे दोलनो की आवृत्तियां टकराती लौटती लेकर नया इम्तिहान मानवीकृत रासायनिकों से उष्ण सांद्रित हो चुका अब जीवन... 48 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 4 Mar 2025 · 1 min read हमारी गृहणियां वैज्ञानिक सी घर की कुशल गृहणियां वैज्ञानिक सी जिनके गृह प्रबंधन से हतप्रभ अभियांत्रिकी दाल चावल से लेकर आचार पापड़ तक... .खोज लेती उसको संरक्षित करने के सैकड़ों उपाय छलनी हृदय को... 36 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 4 Mar 2025 · 1 min read श्रीजल सा अश्रु तुम्हारे आलिंगन में कहीं सहारे हैं लेकिन मेरे पास तो मैं भी नहीं..... सोचती हूं सांझ सपन लिए आज , दूर तलक मैं होकर भी मैं नहीं... तप त्याग किया... 37 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 19 Feb 2025 · 1 min read क्षितिज के उस पार ... सपनक्या? मानो ओस की बूंदें ,पाया भी खोया भी ,रश्मियों में खिला भी , अपनो को गिला भी किया किंतु न मिला मुझे मेरा सपन राह बनानी मुझे क्षितिज तक... 39 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 15 Feb 2025 · 1 min read महाकुंभ : संगम स्नान महाकुंभ : संगम स्नान अद्भुत आस्था,श्रद्धा की पराकाष्ठा चरम ..छूते लोगों महत्वाकांक्षा और इन सब में पिसते ,..घर बार छोड़ सैलाब समेटते सैनिक शीत की थपेड़ो में भीथिरकते, काठ बन... 42 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 15 Feb 2025 · 1 min read हां........मै महाकुंभ हो आई हां मैं कुंभ होआई चढ़ा अपनी सारी जिजीविषा, सारे गिले शिकवेजीवन की मृगमरीचिका में भटकने का सबब छोड़ा हां मैं कुंभ हो आई ओजस्विता प्राप्त करने हेतु चढ़ा दी सारी... 43 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 15 Feb 2025 · 1 min read अर्घ्य 🙏🙏🙏 धूप मेरे साहित्य आंगन की देती मुझको नवऊष्मित भोर, अर्घ्य दे(रचना प्रेषित)करती मै रश्मि-रथी का वंदन अभिनंदन सहलाती दे सुअवसर ,सृजनीत करती मेरे सुषुप्त संभावनाओ को और स्याह संकीर्णसुरंगों... 37 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 15 Feb 2025 · 1 min read चंद्रमा की कलाएं ज्यो बढ़ती है चंद्रमा की कलाएं बढ़ती रहे वैसे ही मेरे संस्थान की पैनी✍️ धाराएं चौसठ कलाएं बढ़ाती साहित्य आकाश की धवल सुंदरता जहां साहित्य सुधारस क्रांति का बिगुल फूंक... 32 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 9 Feb 2025 · 1 min read कोकिल,का करुण sssक्रंदन कोकिल, करुण क्रंदन तेरा प्रश्न प्रगटित करता है। कोमल कूक करुण पुकार हृदय बेधित करता है। क्यों स्वर इतना वेदित मार्मिक, क्यों शोर इतना द्रवितकारुणिक तमस चीर प्रबलित चीत्कार, विद्रोही... 40 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 7 Jan 2025 · 1 min read धूप और कोहरा धूप मेरे साहित्य आंगन की देती मुझको नवऊष्मित भोर, अर्घ्य दे(रचना प्रेषित)करती मै रश्मि-रथी का वंदन अभिनंदन सहलाती दे सुअवसर ,सृजनीत करती मेरे सुषुप्त संभावनाओ को और स्याह संकीर्णसुरंगों ,... 2 86 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 31 Dec 2024 · 1 min read यादें तुम्हारी... याद है हमें .. वो बारिश में चमकती बिजली सी रह-रह कर लौटना वो जाते पावस की उद्विग्नता... और ठहरती वर्षा की बूंदो सा रह रहकर लौटना वो शीत की अलसाई सुबह.. और रह... 1 2 90 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 31 Dec 2024 · 1 min read विगत दिवस जो रंग थे जीवन के अब दाग हो गए विगत दिवस जो रंग थे जीवन के अब दाग हो गए बीती रातों में जलते थे कलियां स्वप्नों की अब बाग हो गए समय समय की बात है जो पसारते... 84 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 31 Dec 2024 · 1 min read बिटिया!तुम संघर्षों से मत घबराना ..... विवाहिता आगमन, हुआ हर्ष अपार क्षण भर की खुशियाँ, पड़ती तानाकसी की बौछार बिटिया तेरा नव जीवन, नव साज श्रृंगार नित नुतन जतन कर, महकाना जीवनसबका सौ साजसमान दिया सौ... 99 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 31 Dec 2024 · 1 min read एक सवाल जिंदगी से...(सयाली छंद) जिंदगी तुम समझाती अक्सर संघर्षों से मत घबराना तुम एक सवाल तुमसे धीरज ,प्यार ,प्रतीक्षा से और चाहिए कितना चाहिए तुमको पतझड़ मेरे लिए बसंत बनाने में.. 74 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 31 Dec 2024 · 1 min read बोझिल सांसों का कहर , बोझिल सांसों का कहर , आस्तीन के सपोलों का जहर रह न गया भरोसे का प्रहर जरूरत सिर्फ तुम्हारी नज़र 164 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 31 Dec 2024 · 1 min read कलमकार अहसास मयस्सर हो जाते अक्सर हर्फ हर्फ जोड़ लफ्ज़ बनाने में, पर लफ्जों से जिगर के पृष्ठों पर अल्फ़ाज़ सजाना मुमकिन नहीं.. अल्फाजों को ख्यालों पिरोना.. आवाज़ से अमृत टपकाना... 132 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 31 Dec 2024 · 1 min read मां गंगा मां गंगा तू गंगा,निर्मल , पतित पावनी ... तुमसे छूकर जो बहे वो पवन पावन सी ... देकर नई ऊर्जा कर दे पावस को भी मधुमास सी.... तू गंगा,निर्मल ,... 133 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 31 Dec 2024 · 1 min read रिश्तों की डोर भरोसो ऐसे चीज ज्यो टूटै, त्यों जुड़ सकए नाहि। टूटै तो सौ बार जुड़ सकए जुड़ी सौ बार .. जुड़े फिर एक होवए...नाहि हिय उतरै, अंखियन गिरए , उतरै नैनन... 174 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 31 Dec 2024 · 1 min read कभी ज़माने ने नए ख़ून का मिजाज़ वतन में देखा था कभी ज़माने ने नए ख़ून का मिजाज़ वतन में देखा था उतरने लगा वफ़ा का लेपन मतलब परस्ती का खिज़ाब ख़िज़ा में ज़माने ने देखा था वो दौर था ही... 115 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 31 Dec 2024 · 1 min read व्याकरण जीवन का.... "संज्ञा" के" अपठित", "अनुच्छेद" में "उपसर्ग" सी आगे आती मुश्किलों...का.,... 'अव्यय "सा भाव लिए "निपात " बन "विशेषण" रूपी "अलंकारों" से अलंकृत होकर संघर्ष हरा "काव्य "को "कारक" से "... 148 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 31 Dec 2024 · 1 min read हम तुम नदी किनारे से हम - तुम , यूं मिलकर भी बिछड़ गए। घी मक्खन से हम - तुम, यूं घुलमिल कर अनजान हो गए।। क्या -क्या बिसराने के कोशिश मे... 99 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 31 Dec 2024 · 1 min read बातें अखियन की... अखियन देखे ,अखियन को, अखियन देख आंख सुहाए । अखियन - अखियन बाते करे, अखियन अंतस प्रीत बढ़ाए। अखियन लुभाए अखियन को अखियन आंख चढ़ाए । कछु दिनन अखियन खेल... 120 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 14 Dec 2024 · 1 min read सत्य का दीप सदा जलता है सत्य का दीप सदा जलता है गरमाता हैं तारों के नीचे थरथराती , कंपकपाती शीतलहरों में जूझते प्राणों को... सत्य है उतना.. ही साध्य सांसों का मोह है जितना बाध्य... 123 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 3 Dec 2024 · 1 min read जानी मानी गलियों में , जानी मानी गलियों में , अनजानी हुई गलतियों का पत्थर है लांघना , सृजन करना है सुयश ,किंतु संघर्ष का पथ ही खोजना , लक्ष्य भले ही दूर से लुभाए... 116 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 3 Dec 2024 · 1 min read मै माटी ,माटी का दिया मै माटी ,माटी का दिया माटी से मिल ,माटी हो जाऊंगी. मिट -मिट, लिख अमिट कहानी मै माटी ,माटी का दिया मिट कर, नया देह धरूंगी ... अंधियारे को दूर... 135 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 3 Dec 2024 · 1 min read एक अनु उतरित प्रश्न गीले लिहाफ, अश्क बह सुख गए जीवन के रंगोली के कुछ चित्र धुलपुंछ गए, अंतिम घड़ी अब विश्राम कान्हा , आवागमन के आरोह अवरोह में फंसी सांसे..जो रुक जाती थी... 152 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 3 Dec 2024 · 1 min read चलने दे मुझे... राह एकाकी.... चलने दे मुझे... राह एकाकी.... सफर मेरा एकांकी , राह मेरी एकाकी.... ,पल भर जो रुक गई कारवां हो जाऊंगी .... रोते रहते आईना स्वयं देख अश्क,... शख्स छुप सा... 111 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 3 Dec 2024 · 1 min read अवतरण ने जिसको अपना कहा था, अवतरण ने जिसको अपना कहा था, निर्वाण ने बना दिया मेहमान, बावरी यह तो सराय ही है जिसको समझा तूने अपना मकान धन ,दौलत,माया जोड़ी, जोड़ लिया सारा प्रपंच, हाथ... 128 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 3 Dec 2024 · 1 min read नाज़नीन नुमाइश यू ना कर , नाज़नीन नुमाइश यू ना कर , चिराग लौ नाइंसाफि यां यू न आजमाइश कर ले के तेरा नाम यूं पिघल जाएंगे.. आहिस्ता ही सही आने का वायदा तो कर...अश्रु 107 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 3 Dec 2024 · 1 min read बूंद अश्रु मेरे..... बूंद अश्रु मेरे..... ये दो बूंद अश्रु मेरे….. ये दो बूंद” अश्रु ” मेरे.. थाती समझ रख लो जिया में.. या बिखेर दो किसी” चिता” मे.. जहा ठंडी पड़ी राखें... 147 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 3 Dec 2024 · 1 min read भारती के लाल भारती पुकारती पराक्रमी प्राण राष्ट्र पथ देने वाले ,शौर्य बल तेज साहस का विजय अभिषेक करने वाले मां भारती दुलारती तुम्हे दे अंक आशीष बिन्धे छातियों में हुंकारते जब रणबीरे... 74 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 3 Dec 2024 · 1 min read .: विधा सयाली छंद .: विधा सयाली छंद अपने सपनो मारते दुखों छिपाते सहसा छलक जाती आंखे अक्सर स्याह रात सर्द,निस्तेज मुख मध्य स्वप्न तेजस्वी सृजन पहले ही तोड़ देती दम और ठंडी आहे... 88 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 3 Dec 2024 · 1 min read देख वसीयत बिटिया खड़ी मुसकाय देख वसीयत बिटिया खड़ी मुसकाय सेवा मुझको ही करनी कैसे दु बिसराय संस्कार मिला आपकी कैसे दूं इसे बिखराए घर घर की बात ये घर घर न हम बगराए ...... 100 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 3 Dec 2024 · 1 min read संघर्ष पथ का मैं दीपक सूरज सी तपिश ,चंद्रमा सी शीतलता, रात सी कालिमा और दिन सा उजाला इन सारे प्रतिमानों से मेरा ना कोई वास्ता संघर्ष पथ का मैं दीपक रहता सदा जलता ही... 221 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 3 Dec 2024 · 1 min read बृज की बात ये बृज के ग्वाल बाल बृज की हर नार पे प्रीत लुटावत बृज की बात ये बृज के ग्वाल बाल बृज की हर नार पे प्रीत लुटावत् है बार बार बृषभानुजा करे मनुहार बार बरबस मंद मंद मुस्कावत है मायाधीश करे माया... 91 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 3 Dec 2024 · 1 min read रास्ते का पत्थर मात्र नहीं हूं रास्ते का पत्थर मात्र नहीं हूं मुझमे भी सौंदर्य है.. ऊर्जा है .. ताकत है.. नींव बनने की.. कि मैं रास्ते का पत्थर मात्र नहीं हूं.. जिससे बेमकसद खेलते जाना,... 111 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 3 Dec 2024 · 1 min read यादें तुम्हारी... याद है हमें .. वो बारिश में चमकती बिजली सी रह-रह कर लौटना वो जाते पावस की उद्विग्नता... और ठहरती वर्षा की बूंदो सा रह रहकर लौटना वो शीत की अलसाई सुबह.. और रह... 159 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 3 Dec 2024 · 1 min read नाता(रिश्ता) धुन लगी पाठ .. का भरम हो घुन लगी काठ ..का करम हो रीढ़ नहीं धागे में ऐसा नरम हो जीती नही ढोती सांसों धरम हो धूल, मिट्टी में गलती... 98 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 3 Dec 2024 · 1 min read समंदर की बांहों में नदियां अपना वजूद खो, समंदर की बांहों में नदियां अपना वजूद खो, हो जाती खारा.. पर ना अकुलाती विभु विभावरी घनेरी तारे को भी अपने आगोश ले निशा का अंग बन भी ना बड़बड़ाती... 86 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 28 Sep 2024 · 1 min read चंद तहरीरो पर ज़ा या कर दूं किरदार वो नही मेरा चंद तहरीरो पर ज़ा या कर दूं किरदार वो नही मेरा मैं वो इबारत हूं जिसे दिलो पे उभरने का हुनर आता और चंद ख्वाहिसो को समेट ले ऐ दिल..... 142 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 21 Sep 2024 · 1 min read मुरली की धू न... बृज की बात ये ,बृज के ग्वाल बाल, बृज की हर.. नार ..पे प्रीत लुटावत् है बार बार बृषभानुजा करे.. मनुहार .. बार बरबस मंद मंद मुस्कावत है मायाधीश करे... 172 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 21 Sep 2024 · 1 min read मेरागांव अब बदलरहा है? मेरागांव अब बदलरहा है? अंधीदौड़ आधुनिकता भाग रहे है सब,दीनू रामू और सोहन की चौपाले नदारद है ,गलियां सूनी ,पनघट सूना , सूना हाट घाट , सूना पगडंडियां है वो... 157 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 21 Sep 2024 · 1 min read क्रांक्रीट का जंगल न बनाएंगे.. मेरा देश.. सफलता की गाथाएँ गा इतिहास रच रहा है। और मैं बेजान प्रथाएं ..... ढोते हुए क्रांकीट की दीवार रच रहा हूँ। बंजर.. धरती ..जर्जर ..गांव..ठुंठ भरे खेत अरे!... 202 Share Page 1 Next