ओमप्रकाश भारती *ओम्* 135 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Mar 2024 · 1 min read नींव की ईंट नींव की ईंट नींव की ईंट मजबूत हो, तो इमारत मजबूत होती है संस्कार यदि सुंदर हो , तो इंसान भी सुंदर होता है Quote Writer 147 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 27 Feb 2024 · 1 min read इंसानियत इंसानियत इंसान इंसानियत भूलता जा रहा है शैतानियत को अपनाता जा रहा है उसे ही इंसानियत का नाम देता जा रहा है ऐसे में दुनिया का क्या होगा ? Quote Writer 203 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 26 Feb 2024 · 1 min read उत्तंग पर्वत , गहरा सागर , समतल मैदान , टेढ़ी-मेढ़ी नदियांँ , घने वन । उत्तंग पर्वत गहरा सागर समतल मैदान टेढ़ी-मेढ़ी नदियांँ घने वन इन पर राज करते जगत में पाए जाने वाले पशु पक्षी मानवजन Hindi · Quote Writer 151 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 26 Feb 2024 · 1 min read पतझड़ से बसंत तक पतझड़ ग्रीष्म फुहार वर्षा खुला आसमान शरद खुशनुमा हेमंत ठिठुरन शिशिर बहार बसंत Hindi · Quote Writer · कोटेशन 241 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 26 Feb 2024 · 1 min read निर्माण विध्वंस तुम्हारे हाथ निर्माण विध्वंस तुम्हारे हाथ सोचें क्या जायेगा हमारे साथ Quote Writer 140 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 26 Feb 2024 · 1 min read जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है हर प्राणी के लिए यह संदेश हमारा है Quote Writer 139 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 19 Feb 2024 · 1 min read बारिश का मौसम निर्झर का झर झर नदियों की कल कल बिजली की चमचम मेघों की घनन घनन हवाओं की सनन सनन भंवरों की गुनगुन पंछियों का कलरव कोयल की कुहू कुहू पपीहा... Hindi · कविता 138 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 19 Feb 2024 · 1 min read हम शिक्षक गर्व करें हम हैं भारत के शिक्षक हम राष्ट्र संस्कृति सभ्यता के रक्षक हम सभी शिक्षक क्रांतिवीर अशिक्षा मिटाने सदा अधीर समाज में ज्ञान के दीप जलाते बच्चों को नैतिकता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 112 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 19 Feb 2024 · 1 min read निरोगी काया ढूंढ रहे आज सब निरोगी काया पर प्रकृति के संग रहना ना आया दिनचर्या कर ली है अस्त-व्यस्त बताइए अब कैसे रहेंगे स्वस्थ देरी से जागना और देरी से सोना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 185 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 19 Feb 2024 · 1 min read पर्यावरण प्रदूषित हो रहा दुनिया का पर्यावरण अब नहीं सुरक्षित पृथ्वी का आवरण अतः क्यों न जाएं हम प्रकृति की शरण तभी रुकेगा सजीव निर्जीवों का क्षरण मानव अपना लो अब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 108 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 Feb 2024 · 1 min read बारिश बादल गरजे , बिजली चमके , झमाझम बरसे पानी , यही बारिश कहलाए ताल तलैया जल भरपूर , नदियों में आ जाती पूर , खेत गली पानी सब दूर ,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 129 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 Feb 2024 · 1 min read फागुन की अंगड़ाई मधुमास की खुशबू बिखरने लगी है किंशुक कुसुम से चमकने लगी है आमों की बौरों से गमकने लगी है कोयल की कूक से चहकने लगी है सखी साजन अभी तक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 206 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read बचपन और पचपन उमर पचपन की और दिल बचपन का यादों में बसा है मेरे वह दिन बचपन का कोई लौटा दे मुझे वह दिन बचपन का बड़ा ही अलबेला है ये दिन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 155 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read होली का त्यौहार देखो आ गए हैं हुरियार खेलने होली का त्यौहार करने रंगों की बौछार तुम सब हो जाओ तैयार गालों पर मल दो तुम गुलाल मिटा दो मन के सब मलाल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 134 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read रिश्ते-नाते वह रिश्ते-नाते , जो सबको भाते दूर हैं जो अपने , पास उनको बुलाते स्वागत सत्कार करें , घर में जो भी आते नैनों में ओम अश्रु , भर आए... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 117 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read बारिश का मौसम यह है बारिश का मौसम सुनिए इसके अनुपम स्वर निर्झर का झर झर नदियों की कल कल बिजली की चमचम मेघों की गर्जन हवाओं की सनसन भंवरों की गुनगुन पंछियों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 146 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read पूजा पूजा वीणा दायिनी , नमन करे संसार । उर नवल ज्ञान दायिनी , बुद्धि देती अपार ।। बुद्धि देती अपार ,जग माता पद्मासना । शारदे हंस वाहिनी , वर दे... Poetry Writing Challenge-2 134 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Feb 2024 · 1 min read पथ प्रदर्शक पिता पिता हमारा जीवन दाता वह हमें इस संसार में लाता पिता बिना जीवन असंभव करते वह सब कुछ संभव पिता विशाल बरगद की छांँव जिसकी छाया में हमारा ठाँव पिता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 128 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Feb 2024 · 1 min read वसंत पंचमी ऋतु बसंत के आते ही वसंत पंचमी आ गई धरती में छाया वसंती रंग भीनी सुगंधी छा गई आम बौरा गए कोयल की मीठी धुन गूंज गई पीला बसंती रंग... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 121 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Feb 2024 · 1 min read आजादी की कहानी देश प्रेम से अमर हो गए भारत मां के बलिदानी आजाद भगत सुखदेव गुरु थे वे राष्ट्र अभिमानी लक्ष्मीबाई से बापू तक योद्धा थे अनगिन महावीर देकर अपना लहू लिख... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 90 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Feb 2024 · 1 min read मां नर्मदा प्रकटोत्सव माघ शुक्ल सप्तमी प्रकटोत्सव मां नर्मदा का प्रतिवर्ष होता यह महोत्सव मां नर्मदा का प्रकटी अमूरकोट से संग साथी सोन मुड़ा आप पश्चिम चलीं साथी पूर्व की ओर मुड़ा मध्य... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 607 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read बचपन निश्छल मन भोली बातें और आकर्षण चमत्कारी हर मां अपने बच्चों के ऐसे बचपन पर जाती वारी ओम दुख भूल जाती माँ सुन बच्चों की बातें प्यारी कपट,पाखंड, झूठ, सुख-दुःख... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 234 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read कुण्डलिया ऋतु छः होतीं भारत में , लो आनंद उठाय । गरमी वर्षा शरद ऋतु , तीन ऋतुएं सुभाय ।। तीन ऋतुएं सुभाय , हेमंत शिशिर औ बसंत । ऋतु अनुसार... Poetry Writing Challenge-2 · कुण्डलिया 1 126 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read ओम के दोहे रामलला की मंगल मूरत , मोहित सब नरनार । अवधपुरी में ओम सा , आनंदमयी संसार ।। उमड़ पड़ा सरयू तट पर , जनसैलाब अपार । दर्शन करने राम का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · दोहा 142 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read बसंत बहार बौरा गए आम गूंजी कोयल की मधुर तान सखी आ गयो बसंत चलन लगे मदन बान अली चुन रहे मकरंद बहे मधुर पवन मंद कवि रच रहे नए छंद पंछियों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 154 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read संस्कार मां से मिले संस्कार पिता से सब व्यवहार स्वर्ग बन जाए संसार जीवन में रहे सदाबहार सुसंस्कार सबको पसंद सभी मनाते रहें आनंद परिवार में ओम परमानंद प्यार का गुंजन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 126 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read आकाश से आगे नीला अंबर चांद सितारों से भरा आकाश से आगे अंतरिक्ष रहस्यों से भरा हमारा एक ब्रह्मांड ऐसे कई बड़े-बड़े ब्रह्मांड सदियों से खोज जारी पर मानव जान ना पाया ब्रह्मांड... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 197 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read सर सरिता सागर सर में भरपूर नीर उद्गमित हुई सरिता पर्वतों पर उछल कूद कर बनाती निर्झर सरिता मैदानों में घूम फिर कर मिलती सागर से ओम सरिता ओमप्रकाश भारती ओम् बालाघाट ,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 186 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read देश हमारा भारत देश हमारा प्राणों से भी प्यारा विजयी विश्व गुरु बन लगता सबसे न्यारा दिया दशमलव का ज्ञान अव्वल खेलकूद विज्ञान योग से स्वस्थ बने जग सारा ओम जग में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 251 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read राम आ गए अयोध्या में फिर से राम आ गए नैनों में छाई शीतलता राम आ गए अवधपुरी में नर-नारी ने दीप जलाए सरयू तट पर उमंगों के बजे बधाये सारी दुनिया हो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 167 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 12 Feb 2024 · 1 min read आज की बेटियां आज की बेटियों में हैं कुछ इस तरह जो माता-पिता का मान-सम्मान बढ़ाती हैं और कुछ ऐसी बेटियाँ भी हैं जो माता-पिता का मान-सम्मान घटाती हैं जीवन में उत्तम कार्य... Poetry Writing Challenge-2 108 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 6 Feb 2024 · 1 min read ऋतु परिवर्तन जब भी होता ऋतु परिवर्तन , हो जायें सावधान । ऋतु अनुसार अवश्य रखियेगा , अपना खानपान । शिशिर से बसंत पर जठराग्नि , अब होने लगती मंद । कहे... Poetry Writing Challenge-2 2 2 193 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 6 Jan 2024 · 1 min read बदलती जिंदगी की राहें बदलती जिंदगी की राहें करें सम्मान पसारे बाहें करते रहो कठिन परिश्रम फिर पा लो जो पाना चाहें Quote Writer 188 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 7 Nov 2023 · 1 min read पूजा पूजा वीणादायिनी , नमन करे संसार । उर नवल ज्ञानदायिनी , बुद्धि देती अपार ।। बुद्धि देती अपार , जग माता पद्मासना । शारदे हंसवाहिनी , वर दे हमें सुभाषना... Hindi · कुण्डलिया 3 200 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 4 Nov 2023 · 1 min read नीरोगी काया ढूँढ़ रहे आज सब नीरोगी काया पर प्रकृति के संग रहना न आया दिनचर्या कर ली है अस्त व्यस्त बताइए अब कैसे रहेंगे स्वस्थ देरी से जागना और देर तक... Hindi 4 2 297 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 13 Aug 2023 · 1 min read मुस्कराओ तो फूलों की तरह मुस्कराओ तो फूलों की तरह खिलखिलाओ तो चिड़ियों की तरह गुनगुनाओ तो भौंरों की तरह Quote Writer 1 205 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 13 Aug 2023 · 1 min read देशभक्त मातृभक्त पितृभक्त गुरुभक्त चरित्रवान विद्वान बुद्धिम देशभक्त मातृभक्त पितृभक्त गुरुभक्त चरित्रवान विद्वान बुद्धिमान ज्ञानवान बलवान सर्वप्रिय होता है ओमप्रकाश भारती ओम् Quote Writer 2 268 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Jun 2023 · 1 min read हरजाई तेरी जानिब से हम तेरे कूचे में निकल आए उस चिलमन के पीछे से तेरा दीदार हुआ झुकी नजरें सुर्ख लब कुछ फड़फड़ाते हुए गालों की लाली से थोड़ा शर्माते... Hindi 1 216 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Jun 2023 · 1 min read काव्य मंजूषा आज गगन की शरद पूर्णिमा सारे जग को भाय रही है काव्य मंच की सुंदर रचना अंतर्मन को हरषाय रही हैं कवि गणों की निर्झर लेखनी अमृत रस बरसाय रही... Hindi · कविता 2 399 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Jun 2023 · 1 min read कवि सम्मेलन कवि सम्मेलन हो रहा बैठे हैं कविराज कविता के दस रसों की होगी बरसा आज होगी बरसा आज छंदोबद्ध अलंकार कहे ओम कविराय सुन खुश होगा संसार वाह-वाह कर उठेंगे... Poetry Writing Challenge · कुण्डलिया 4 398 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read मच्छर हे मच्छर तूने कोरोना को हराया पर पूरी दुनिया को डराया तेरी किसमें अनेक *ओम* तेरे नाम अनेक कोई कहे नालीप्रसाद कोई कहे गड्ढाचंद कोई कहे मच्छर तुझे अंधेरा पसंद... Poetry Writing Challenge 4 323 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read रपटा घाट मंडला रपटा घाट का नर्मदा का किनारा जो हम सबको लगे बड़ा ही प्यारा नर्मदा मैया हमारे जीवन का सहारा क्यों ना लगाएं हम मैया का जयकारा मैया के चरणों में... Poetry Writing Challenge 2 340 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read आओ चलें नर्मदा तीरे आओ चलें नर्मदा तीरे हम सब घूमें धीरे-धीरे मोक्षदायिनी पाप हरणी मेकलसुता सुखकरणी गांव शहर किनारे पावन सुंदर घाट भक्त जोहते मकर संक्रांति की बाट लगी भीड़ जैसी वहां बाजार... Poetry Writing Challenge 2 286 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read सोनेवानी के घनघोर जंगल सोनेवानी के घनघोर और कठिन जंगल विभिन्न वनस्पतियों से आच्छादित जंगल टेढ़े मेढ़े पहाड़ी रास्तों से भरे अटपटे जंगल हरी-भरी घनी झाड़ियों पेड़ों से पटे जंगल न वाहनों का शोर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 236 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read धानी चूनर श्याम मेघ छाए उनसे धुंधला गया गगन झमाझम बरसे बदरा पवन चले सन सन धरणी के सब जीवों के तृप्त हुए तन मन धानी चूनर ओढ़ धरती धारी हरित वसन... Poetry Writing Challenge · कविता 1 297 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read जीवनदायिनी बैनगंगा सिवनी जिले का ग्राम मुंँडारा मांँ बैनगंगा का उद्गम-स्थल छोटे कुंड से पतली धार में प्रारंभ होकर बहती कल कल गोपालगंज होती पहुंँची लखनवाड़ा जो हमारा जन्म-स्थल आगे बढ़ी मांँ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 432 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read संस्कार संयुक्त परिवार के जहां से शुरू होते संस्कार वह है अपना घर परिवार परिवार होता सुख का आधार बच्चे सीखें वहीं से सद्व्यवहार मिले माता पिता से निश्छल प्यार दादा दादी का अप्रतिम... Poetry Writing Challenge · कविता 1 469 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read बारिश का मौसम यह है बारिश का मौसम सुनिए इसका कर्णप्रिय स्वर निर्झर की झरझर नदियों की कल कल बिजली की चमचम मेघों की गर्जन हवाओं की सनसन भंवरों की गुनगुन पंछियों का... Poetry Writing Challenge · कविता 1 263 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read बरखा छाई घटा घनघोर नाचे वन में मोर देखो बरखा का जोर शाम हो या होवे भोर फैली हरियाली चहुँ ओर ललचाए मन का चोर सुनो पवन का शोर हवा पेड़ों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 443 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 14 Jun 2023 · 1 min read ओम् के दोहे ढेर ढेर हो जात है , एक सीमा के बाद । ओम सदा हद में रहें , हो जायें बर्बाद ।। प्रकृति पूजक बने रहें , करें प्रकृति से प्यार... Poetry Writing Challenge · दोहा 1 366 Share Previous Page 2 Next