नंदलाल सिंह 'कांतिपति' Tag: मुक्तक 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid नंदलाल सिंह 'कांतिपति' 27 Sep 2024 · 1 min read खटाखट नोट छापो तुम कानून हैं कड़वे, तनिक डर से न कांपो तुम। मजे से तोड़ कर धारा, हिमालय को भी टापो तुम। जो करतीं काम सरकारें, उसी में खुद भी लग जाओ। भगाना... Hindi · कविता · मुक्तक · हास्य-व्यंग्य 1 126 Share नंदलाल सिंह 'कांतिपति' 27 Sep 2024 · 1 min read वो कविताचोर है वो कविताचोर है कहकर न ढाओ ज़ुल्म वंदे पर। असर प्रतिकूल होता है, किसी सज्जन के धंधे पर। अगर औलाद है कविता, रहे स्वच्छंद यह अच्छा। कभी मम्मी की गोदी... Hindi · कविता · मुक्तक · हास्य-व्यंग्य 1 203 Share नंदलाल सिंह 'कांतिपति' 27 Sep 2024 · 1 min read तूॅं कविता चोर हो जाओ तिकोना हो, बिना मेहनत किए चौकोर हो जाओ। जहाॅं बस ना चले अपना, वहाॅं गमखोर हो जाओ। कमाना नाम हो औ हो, अगर तुम दाद के भूखे। मेरे भाई न... Hindi · कविता · मुक्तक · हास्य-व्यंग्य 1 148 Share नंदलाल सिंह 'कांतिपति' 18 May 2023 · 1 min read चाह और आह! न पूछो कि कितना, हमें भा रही हो, अदाओं से' अपनी, कहर ढा रही हो, सफर जिंदगी का, सरल हो तुम्हारा, मिले हर खुशी, तुम जहाँ जा रही हो। Hindi · मुक्तक 1 240 Share नंदलाल सिंह 'कांतिपति' 18 May 2023 · 1 min read गलतियाँ हो गयीं होंगी गलतियाँ हो गयीं होंगी, मैं यह स्वीकार करता हूँ। अगर दुश्मन पड़ा पीछे, पलटकर वार करता हूँ। वो अपनी बादशाहत में, भले खुद को कहे प्रेमी। तुम्हारा दिल बताएगा, मैं... Hindi · मुक्तक 1 472 Share नंदलाल सिंह 'कांतिपति' 18 May 2023 · 1 min read बटाए दर्द साथी का वो सच्चा मित्र होता है बटाए दर्द साथी का वो सच्चा मित्र होता है। वदन के वक्ष-मंदिर में उसी का चित्र होता है। हृदय को छोड़कर सब अंग उल्टा काम करते हैं। पसीने से उठा... Hindi · मुक्तक 1 361 Share नंदलाल सिंह 'कांतिपति' 17 May 2023 · 1 min read तुम मुझे देखकर मुस्कुराने लगे तुम मुझे देखकर मुस्कुराने लगे। दुनिया वाले भी ताली बजाने लगे। हमनें सींचा जिसे खून से उम्र भर। आग उसमें सनम क्यों लगाने लगे।। Hindi · मुक्तक 1 308 Share नंदलाल सिंह 'कांतिपति' 17 May 2023 · 1 min read डाल-डाल तुम हो कर आओ अपनी बेबाकी के कारण, नहीं जगत को भाता हूँ। जबतक ताल मिलाए कोई, बस तबतक ही गाता हूँ। अपने जीवन-गाथा का है, गीत और संगीत यही। डाल-डाल तुम होकर आओ,... Hindi · मुक्तक 1 469 Share नंदलाल सिंह 'कांतिपति' 17 May 2023 · 1 min read गमछा जरूरी हs, जब गर्द होला गमछा जरूरी हs, जब गर्द होला। रजाई मजबूरी हs, जब शर्द होला। जवानी त जवानी हs सभे गिरेला। जे बुढ़ऊती में बिछिला, ऊ मर्द होला।। Bhojpuri · कविता · मुक्तक · हास्य-व्यंग्य 1 343 Share नंदलाल सिंह 'कांतिपति' 27 Feb 2023 · 1 min read डाल-डाल तुम होकर आओ, पात-पात मैं आता हूँ। अपनी बेबाकी के कारण, नहीं जगत को भाता हूँ। जबतक ताल मिलाए कोई, बस तबतक ही गाता हूँ। अपने जीवन-गाथा का है, गीत और संगीत यही। डाल-डाल तुम होकर आओ,... Hindi · कविता · मुक्तक 2 169 Share नंदलाल सिंह 'कांतिपति' 26 Feb 2023 · 1 min read आप हमको पढ़ें, हम पढ़ें आपको अपनी लिखने की आदत टलेगी नहीं। अब पुरानी प्रथा भी चलेगी नहीं। आप हमको पढ़ें, हम पढ़ें आपको। पाठकों की कमी फिर खलेगी नहीं।। Hindi · कविता · मुक्तक 2 3 294 Share