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नारी की फरियाद -- कविता
नारी की फरियाद -- कविता
निर्मला कपिला
जहां पर गलतियों का मेरी मंजर ख़त्म होता है  ---ग़ज़ल।
जहां पर गलतियों का मेरी मंजर ख़त्म होता है ---ग़ज़ल।
निर्मला कपिला
वो करना है जो ठाना है  -- गज़ल्
वो करना है जो ठाना है -- गज़ल्
निर्मला कपिला
दोहे
दोहे
निर्मला कपिला
इस दानव को मानव कहलाने दो --- कविता
इस दानव को मानव कहलाने दो --- कविता
निर्मला कपिला
कहानी अनन्त आकाश -------  वीरबहुटी संग्रह से
कहानी अनन्त आकाश ------- वीरबहुटी संग्रह से
निर्मला कपिला
कहानी अनन्त आकाश --- कहानी संग्र्ह वीरबहुटी से
कहानी अनन्त आकाश --- कहानी संग्र्ह वीरबहुटी से
निर्मला कपिला
सामने सच के चुप राहाहूँ मैं
सामने सच के चुप राहाहूँ मैं
निर्मला कपिला
ज़िंदगी का रहा तल्ख़ सा ये सफर
ज़िंदगी का रहा तल्ख़ सा ये सफर
निर्मला कपिला
मुस्कुराता हूँ तो गम बढ़ता नहीं
मुस्कुराता हूँ तो गम बढ़ता नहीं
निर्मला कपिला
घर बिना विशवास के चलता नहीं
घर बिना विशवास के चलता नहीं
निर्मला कपिला
गज़ल
गज़ल
निर्मला कपिला
गज़ल
गज़ल
निर्मला कपिला
गज़ल
गज़ल
निर्मला कपिला
दोहे
दोहे
निर्मला कपिला
कहानी -----कसौटी ज़िन्दगी की
कहानी -----कसौटी ज़िन्दगी की
निर्मला कपिला
कहानी -----कसौटी ज़िन्दगी की
कहानी -----कसौटी ज़िन्दगी की
निर्मला कपिला
दोहे
दोहे
निर्मला कपिला
चार गज़लें --- गज़ल पर
चार गज़लें --- गज़ल पर
निर्मला कपिला
नारी की फरियाद -- कविता
नारी की फरियाद -- कविता
निर्मला कपिला
कहानी -- वीरबहुटी
कहानी -- वीरबहुटी
निर्मला कपिला
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