निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' Tag: कविता 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 24 Nov 2023 · 1 min read प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा, भेद हमसे न कोई छुपाओ जरा। प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा॥ हम तो रहते है खोए सदा आपमें, आप भी आंख... Hindi · कविता 2 582 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 14 Jun 2023 · 1 min read ****🙏🏻आह्वान🙏🏻**** ****** आह्वान ******* क्यों मौन खड़े हे कर्णधार! क्यों पाप पनपने देते हो। हे पार्थ ! उठो थामो तूणीर, क्यों आग भड़कने देते हो॥ सत्ता सिंहासन की खातिर, न भीष्म... Poetry Writing Challenge · कविता · व्यँग 355 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 13 Jun 2023 · 1 min read //खलती तेरी जुदाई// महफिल से अच्छी लगती हैं, बिन तेरे तन्हाई। सब हों पर जो तुम न हो तो, खलती तेरी जुदाई॥ ➖➖➖➖➖➖➖➖➖ १- तुम हो दिल, मैं धड़कन तेरी, जन्म-जन्म का नाता... Hindi · कविता 737 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 13 Jun 2023 · 1 min read यह कैसी खामोशी है माना हमसे दूर बहुत हो, हो सकता मजबूर बहुत हो। या कोई मदहोशी है, यह कैसी खामोशी है॥ कभी कहे जन्मों का बंधन, एक प्राण है अलग भले तन। नहीं... Poetry Writing Challenge · कविता 535 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 13 Jun 2023 · 1 min read 🌺हे परम पिता हे परमेश्वर 🙏🏻 हे परम पिता, हे परमेश्वर; हे जगत नियंता, गुणागार। करुणा के सागर, दीनबंधु; जागो जगदीश्वर, जगदाधार।। जग में विषाक्तता छाई है; जो मानव ने फैलाई है। भय से कंपित है... Hindi · कविता · गीत 784 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 13 Jun 2023 · 1 min read मेरे मुक्तक **********//कुंडलिया//******** हरे वृक्ष मत काटिए, ए जीवन आधार। लाख जतन कर ले कोई, फिर न हो तैयार।। फिर न हो तैयार, जतन कितने ही कर लो। जीवैं न मृत देह,... Hindi · कविता · कुण्डलिया · मुक्तक 349 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 13 Jun 2023 · 1 min read //एक सवाल// क्यों करते हो आंख मिचौली, मुझसे क्यों शर्माते हो। दिल में क्या-क्या राज छुपाए, अब तक नहीं बताते हो॥ माना एक गलतफहमी को, हमने वर्षों पाला था। पर तुमने भी... Hindi · कविता 463 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 13 Jun 2023 · 1 min read 🌷 सावन तभी सुहावन लागे 🌷 🌷 सावन तभी सुहावन लागे 🌷 सावन तभी सुहावन लागे, जब हो प्रीतम नैनन आगे। चलत बयार सुहानी सरसे, रिमझिम रिमझिम बदरा बरसे। लख हरियाली जन मन हर्षे, केवल हम... Hindi · कविता 499 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 13 Jun 2023 · 1 min read वर्षा रानी⛈️ शीर्षक - वर्षा रानी इठलाती मदमाती देखो, आई वर्षा रानी। पल भर में फैला है चहुं दिश, देखो पानी - पानी॥०॥ गर्जन करते मेघ आ रहे, बिजली चमके भारी। घिर... Hindi · कविता 630 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 13 Jun 2023 · 1 min read ' जो मिलना है वह मिलना है ' कुछ पाने की तू चाह न कर, जो मिलना है वह मिलना है॥ तूं कर ले लाख जतन फिर भी, गुल खिलना है जब खिलना है॥ कर्तव्य है तेरे हाथों... Poetry Writing Challenge · कविता 571 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 13 Jun 2023 · 1 min read 'महंगाई की मार' 'महंगाई की मार' बढ़ गई है महंगाई इतनी, जिसका न कोई पार है। चारों ओर एक ही चर्चा, महंगाई की मार है॥ दिन उगते ही काम पे लगते, दिन डूबे... Hindi · कविता · गीत 408 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 13 Jun 2023 · 1 min read ' नये कदम विश्वास के ' #नये कदम विश्वास के# ```````````````````````````````````` वर्षों पहले बिछड़ गए थे, हम पंछी आकाश के। अब हम फिर मिल साथ बढ़ाते, नये कदम विश्वास के॥ बिछड़े तो हमने यह सीखा, कैसे... Hindi · कविता · गीत 481 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 13 Jun 2023 · 1 min read मानवता और जातिगत भेद मानवता को छलनी करता, जाति पंथ का भेद है। मानव न मानव कहलाता, हमको इसका खेद है॥ पहले कर्मों को बांटा, फिर गया वर्ण में बांटा। कर्मों पर आधारित जन... Hindi · कविता · गीत 391 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 13 Jun 2023 · 1 min read हार में जीत है, रार में प्रीत है। हार में जीत है, रार में प्रीत है। हो कहीं भी मगर, मन में ही मीत है॥ याद आएगी तेरी, भला क्यों हमें। मेरे मन में बसे, जब तेरे गीत... Hindi · कविता · गीत 1 284 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 12 Jun 2023 · 2 min read कविता तुम क्या हो? *कविता तुम क्या हो?* कविता, तुम क्या हो? मुझको भी बतलाओ जरा। अपने छद्म वेश को तजकर, मूल वेश में आओ जरा॥ हो कवि कल्पित कपोल कल्पना, या वाङ्गमय की... Hindi · कविता 518 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 12 Jun 2023 · 1 min read जीवन दिव्य बन जाता कैसे कह दूं हाल मैं दिल का, क्या होता तेरे मुस्कुराने पर। जीवन दिव्य बन जाता, ख्वाब में भी प्रणय बेला आने पर॥ ऋतु कोई भी हो, पर हमको, लगता... Hindi · कविता 509 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 12 Jun 2023 · 1 min read प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा, भेद हमसे न कोई छुपाओ जरा। प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा॥ हम तो रहते है खोए सदा आपमें, आप भी आंख... Hindi · कविता 2 1 651 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 12 Jun 2023 · 1 min read ❤️🌺मेरी मां🌺❤️ 🙏🏻मेरी मां🙏🏻 मेरा जीवन मेरी मां, मेरा धन है मेरी मां। हर गम को हर लेती है, शीतल छाया मेरी मां॥ जिसने मुझको जन्म दिया, पाला पोसा बड़ा किया। अपना... Hindi · कविता 1 1 567 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 12 Jun 2023 · 1 min read रक्षक या भक्षक चिंतन को बैठा चिंता में, कैसे सुधरे देश हमारो। रक्षक ही भक्षक बन बैठे, कुर्सी थामें कर मुंह कारो। चपरासी से लेकर अफसर, घूस मंगाते पाकर अवसर। सर्विस चाने लाओ... Hindi · कविता · व्यँग 1 624 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 12 Jun 2023 · 1 min read जवानी गुजरता है बचपन, तो आती है जवानी। हर लम्हा पिरोता है, बेनाम एक कहानी॥ कभी यादों में खोया, वह रात भर ना सोया। कभी जगते हुए भी, लगे नींद में... Hindi · कविता 511 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 12 Jun 2023 · 1 min read बचपन का प्रेम प्यार किया इजहार ना किया, देखा पर दीदार ना किया। आज मगर जब कहना चाहा, सुनैना तक स्वीकार ना किया॥ ~~~~~~~ १ ~~~~~~~ मुझे याद है पहले तुम भी, प्यार... Hindi · कविता 524 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 12 Jun 2023 · 1 min read कौन? चाहत है क्या किससे पूछें, यह बात हमें बताएगा कौन? हर चाहने वाला गाफिल है, महफिल में बैठा साधे मौन। -१- कब तक चेहरा के भाव गढ़ें, नैनों की भाषा... Poetry Writing Challenge · कविता 332 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 12 Jun 2023 · 1 min read 'वर्दी की साख' उठा भरोसा लोगों का, इस हद तक वर्दी की साख से। घटित हुई एक रोज ये घटना, जो देखी अपनी आंख से॥ क्योंकि मैं इस सबसे था बिल्कुल अनजान, इसलिए... Hindi · कविता 1 391 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 11 Jun 2023 · 1 min read आस नहीं मिलने की फिर भी,............ । नींद नहीं नैनों में फिर भी ख्वाब तुम्हारे आते हैं, आस नहीं मिलने की फिर भी क्यों अरमान जगाते हैं। मैंने तुमसे प्रेम किया पर तुमने मुझको चाहा है, कहां... Hindi · कविता 552 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 11 Jun 2023 · 1 min read हंसते ज़ख्म जिन बातों से दुःख होता था, अब वे ही लगती सुखकर हैं। जिसने दिल को ज़ख्म दिए थे, अब वे ही मुझको हितकर हैं॥ बचपन में शिक्षा पाने को, हम... Hindi · कविता 461 Share निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर' 11 Jun 2023 · 1 min read 'क्या कहता है दिल' कविता - 'क्या कहता है दिल' ~~~~~~~~~~~~~~~ कुछ करने-कहने से पहले, खुद से आकर मिल। सुनो समझलो अंतर्मन को, क्या कहता है दिल॥ हम जो भी कहते हैं किसी को,... Hindi · कविता · गीत 442 Share