Nikhil Mishra Tag: कविता 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Nikhil Mishra 30 Oct 2019 · 1 min read यादों में कहीं यादों में कहीं, गुम तुम्हरा तस्वीर है यादों में कहीं, गुम हमारा तकदीर है यादों में कहीं, गुम वो ऐतबार है यादों में कहीं, गुम, तेरे दिल का मुझसे सजा... Hindi · कविता 2 417 Share Nikhil Mishra 22 Sep 2019 · 2 min read मां ऐ मां, अरसा बीत गए, लाड़ कर ना अपने पूत को, दे संदेशा खबर की अपनी, चल भेज अपने दूत को, तेरी यादों से लदा ये जिस्म, तुझे देखन को... Hindi · कविता 3 454 Share Nikhil Mishra 3 Sep 2019 · 1 min read ऐ वक़्त ! ऐ वक़्त एक एहसान कर इश्क़ कर या कर नफ़रत जो भी कर सरेआम कर ले कर मज़े हर मोर पर किस्मत को ना, यूं बदनाम कर ऐ वक़्त एक... Hindi · कविता 2 554 Share Nikhil Mishra 28 Aug 2019 · 1 min read इश्क़ बुरा है । माना, कि इंतज़ार नहीं तुझको, मेरे एक पल का, साथ ना चाहे तू, मेरे संग अपने कल का, पर करेगी क्या उस मोहब्बत का, जो दिल में है तेरे मेरे... Hindi · कविता 2 389 Share Nikhil Mishra 25 Aug 2019 · 1 min read रवायत ये मोहब्बत की नज़ाकत, ये लियाक़त, ये शरारत, लगे हैं बारिश की बूंदों के छुअन सी । तेरे इश्क़ की इबादत, ये शराफ़त, ये लबों के शबाब चखने की इजाज़त... Hindi · कविता 3 699 Share Nikhil Mishra 2 Jul 2019 · 2 min read फेसबुक वाला प्यार तस्वीर दिखी, तेजी से सड़क रहे न्यूजफीड में रुकावट आई, शुरुआत यूं तो तस्वीर संग आंख मिचोली से हुई, पर मोहतरमा से मुलाक़ात अगली होली में हुई ।। खैर, यूं... Hindi · कविता 2 1 505 Share Nikhil Mishra 29 Mar 2019 · 2 min read पर पिया नहीं आए दिल में उमंग का बढ़ता सैलाब, साजन से मिलने को था जो बेताब, नैना पलकें बिछाए, राह में उसकी, कर रही थी इंतज़ार, समय का पहिया ना जाने कितने बरस... Hindi · कविता 2 489 Share Nikhil Mishra 17 Mar 2019 · 3 min read बचपन बचपन की खुद ही एक जवानी थी, हम खुद के तक़दीर का राजा, और ज़िन्दगी अपनी रानी थी । अब तो उमर का भी उमर हो चला है, दिल की... Hindi · कविता 1 608 Share Nikhil Mishra 4 Mar 2019 · 1 min read पहली दफ़ा मुलाक़ात जब तुझसे पहली बार हुई, फिर मिलते रहने की आरज़ू बार बार हुई, सोचा था एक भोली सूरत की श्रृंगार में लतपथ परी सी होगी कोई, पर देखने के... Hindi · कविता 4 1 778 Share Nikhil Mishra 22 Feb 2019 · 2 min read निंदा सुन पाकिस्तान, आज फिर हम एक बार हुए शर्मिंदा हैं, क्यों भारत ने छोड़ा तुझे अब तक यूं ही जिंदा है । तूने जो ऐसी नीति से दिखाई अपनी नियत... Hindi · कविता 2 1 712 Share