डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 28 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read बड़ी चाहत थी कि इश्क़ कर लूँ बड़ी चाहत थी कि इश्क़ कर लूँ बस यही सोचती रही कि इज़हार कर लूँ, आधे तुम और आधी मैं चाहत थी कि पूर्ण कर लूँ, तुम भी खामोश रहे... Poetry Writing Challenge 483 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read स्वयं की तलाश मैं प्रतिमा नहीं दिव्य प्रेम का स्वरूप हूँ, झीने आवरण में लिपटी लौकिक से अलौकिक की ओर सत्य, शांति की ओर प्रयाण करती स्वयं में स्वयं की तलाश हेतु एक... Poetry Writing Challenge 1 325 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read पिघलती स्त्री एक धुरी पर टिकी हुई स्त्री अपने अस्तित्व के वर्चस्व को कायम रखना जानती है... वो नित जलाई जाती है पर बदले में सिर्फ पिघलती है प्रेम में ममता में... Poetry Writing Challenge 2 381 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 3 min read कुंभकर्ण (कोरोनाकाल) यूँ ही बैठे-बैठे आया मुझे ध्यान काश, मिल जाता ऐसा वरदान। काश ! मैं भी कुंभकर्ण सी होती छः माह तक गहरी नींद सोई होती। बीत जाता मुआ ये कोरोना... Poetry Writing Challenge 2 303 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 2 min read साठ पार की स्त्रियाँ साठ पार की स्त्रियाँ उत्कट जिजीविषा से भरी निर्जीव में चेतना भरती सी प्रतीत होती हैं, घर में नमक सी होती हैं सबके सपनों में घुल जाती हैं, जिंदा रखती... Poetry Writing Challenge 2 356 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read श्याम तेरी बंसी मोरपंख से मुकुट बना, जिसमें सारे रंग समाए, चौसठ कला, रूप त्रयोदश, विष्णु के पूर्णावतार कहाये। अदभुत इंद्रधनुष अद्वैत, पांव तले, शुभ चिन्ह दिखाए, अजर अमर अविनाशी कान्हा, मुख ब्रह्मांड... Poetry Writing Challenge 1 331 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read ह से हिंदी ह से हिंदी, उमड़-घुमड़ कर मन की सारी पीर हरे, होठों पर देकर मुस्कान, अन्तस में वो धीर धरे।। हिंदी में हैं गीत, छंद, कजरी औ' दोहे, मुक्तक, हिंदी स्वर,... Poetry Writing Challenge 1 430 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read दास्तां मैंने अपनी सुनाई नहीं सुनकर कहीं तेरी आँख भर आये नहीं, इसी वास्ते दास्तां मैंने अपनी सुनाई नहीं। न थे उम्मीदों के हौसले थे पथरीले से रास्ते, तन्हाई का साथ था गमों का बोझ... Poetry Writing Challenge 1 267 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read नई पहचान वो बोले हमसे क्या खोला है तुमने फेसबुक अकाउंट?, सुन कर हम चकराये और थोड़ा सा घबराये जानते थे बस पासबुक और बैंक अकाउंट, पर ये कौन सा है खाता... Poetry Writing Challenge 1 326 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 2 min read पढ़ लेना मुझे किताबों में हे माँ प्रकृति ! तुम हो कहाँ मैं खोज रही तुम्हें यहाँ-वहाँ। छुप गयी हल्की सी आहट दे आओ तुम और मैं कुछ बात करें। ऐ माँ प्रकृति ! सुन... Poetry Writing Challenge 1 334 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read भायली चल री भायली ! आज पनघट पर संग-संग, तड़प रहा मन मेरा चटक रहा अंग-अंग... गगरी है खाली मन है भरा-भरा, आ सखी ! कह लें कुछ मन की कर... Poetry Writing Challenge 1 271 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read ज़िंदगी तब और अब ऐ ज़िंदगी ! जब-जब हमने पांव फैलाए रूप बदलते तेरे नज़र आए, लगता कभी छन्न से कोई शीशा टूटा कभी उड़ान भरते आसमां को मुट्ठी में देखा... वो बीत गए... Poetry Writing Challenge 1 179 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read बाल कविता - पीढ़ी पीढि दर पीढ़ी खेल रहे, सब करते हुए काम, आओ, शुरू करें अंताक्षरी लेकर हरि का नाम। म से मम्मी की मम्मी थीं, कहलाती थीं नानी, जन्म लिया जब मैंने,... Poetry Writing Challenge 1 265 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read जीवन कभी गति सा, कभी थमा सा जीवन कभी जलप्रपात के शोर सा, तो कभी एकांतप्रिय शांत झील सा... जीवन कभी कलकल करता बहती नदी सा, कभी मन ही मन जूझता ज्यों वारि के बुलबुलों सा... जीवन... Poetry Writing Challenge 1 169 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read स्त्रियाँ नेह-रस सी होती हैं नारियाँ प्रेम को जीती हैं वो बिन प्रणय के भी प्रेम कर सकती हैं... प्रेमी के अभिसार को तरसती हुई बरसों बसंत और सावन की प्रतीक्षा कर सकती हैं... प्रेम... Poetry Writing Challenge 1 164 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 2 min read कवयित्री बनी हैं स्त्रियाँ कवयित्री बनी हैं स्त्रियाँ क्योंकि उनको कभी सुना नहीं गया उनकी आवाज़ सदा दबा दी गयी तभी मन की वेदना को स्त्री ने पन्नों पर उकेरा... वो स्त्री ही है... Poetry Writing Challenge 1 287 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read प्रेम प्रतिमा मैं बुत बनी यशोधरा आज बुद्ध बन बैठी हूँ, दुःख से भारी हुई पलकों पर सुकून का एहसास है, मानों जीवन की कठिन राह से निजात पा, क्षणिक नहीं चिर... Poetry Writing Challenge 1 284 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read देखो आई तीज है आई देखो आई तीज है आई मेहंदी का रंग ले आई, घर घेवर थाल सजे हैं शिव-गौरा आरती गाई। देखो आई तीज है आई..... मेरे पिया हौले से बोले आजा संग... Poetry Writing Challenge 1 179 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read रमणी कमसिन कामिनी कमनीय कटि सकुच समर्पण सुकुमार सुकृति। दामिनी दमकी दर्शन दृष्टि वामांग वसी वरदान वृष्टि। मस्तक मौक्तिक मंगल मणि अविकच अक्षि अद्विता अणि। लावण्य लावनि लोचन लुभावनि चपल चितवन... Poetry Writing Challenge 1 193 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read बाल कविता -- मोबाइल माँ दिला दो एक मोबाइल बना लूँगा मैं भी प्रोफाइल। डाउनलोड मैं एप्प करूँगा घर बैठे शॉपिंग करूँगा, मित्रों से मैं चैट करूँगा गूगल पर मैं सर्च करूँगा, आजकल का... Poetry Writing Challenge 1 225 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read मनहरण घनाक्षरी छंद सिंह पे सवार आई प्रेम की फुहार लाई गीतों की आज माँ को चुनरी चढ़ाइए। हाथों में त्रिशूल लिए शंख चक्र फूल लिए आई माता द्वारे मेरे मस्तक नवाइये। पांवों... Poetry Writing Challenge 300 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read भोले की होली मसाने में भोले की होली मसाने में, तन पर भस्म रमाने में। शिव शंकर रे जटा बांध, लगे खुद को सजाने में।। खेल रहे शिव गौरा संग खिल रहा गौरी का अंग-अंग,... Poetry Writing Challenge 256 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read पुनरावृत्ति आज बूढ़ी हो चुकी मेरी माँ कुछ-कुछ बेटी सी प्रतीत हो रही है, कल थी मैं जिसकी बाहों के घेरे में आज गोद में मेरी झूल रही है... कुछ पाने... Poetry Writing Challenge 300 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read प्रणय गीत गीत प्रणय के आज गा रही तुम ही मेरे वरदान प्रिय, भक्तन जैसी करूँ साधना तुझ बिन जीना बेजान प्रिय। हृदय में करते यूँ अभिसार ज्यों उमड़ा हो तूफान प्रिय,... Poetry Writing Challenge 1 544 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read पथ तेरे सुमन बिछाये हैं यादों की गुलकारी से आ, वो मन मेरा महकाये हैं। भूल न जाना आना प्रियतम, पथ तेरे सुमन बिछाये हैं।। उदधि से गहरा नेह मेरा, आकाश भी छू न पाये... Poetry Writing Challenge 251 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 1 Feb 2017 · 1 min read "मधुमास" मधुर मधुर मधुमास खिला मन पुलकित उल्लास मिला। भासमान है सूर्य बिम्ब चल रहा साथ निज प्रतिबिम्ब। प्रकृति ओढ़ी है नव दुकूल मन में उठते हैं भाव फूल। कोकिला करे... Hindi · कविता 3 3 644 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ--------"सुन रहे हो बाबा" एक बेटी की बात अपने पिता से—- सुन रहे हो बाबा ! जगाये थे जब मैंने दबे अहसास लिख डाले थे, अधरों पर रुके अल्फाज़, तुमने आँखें तरेर मचाया था... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 3 1k Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ--------"सुन रहे हो बाबा" एक बेटी की बात अपने पिता से---- सुन रहे हो बाबा ! जगाये थे जब मैंने दबे अहसास लिख डाले थे, अधरों पर रुके अल्फाज़, तुमने आँखें तरेर मचाया था... Hindi · कविता 2 1 711 Share