Neeraj Purohit Tag: कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Neeraj Purohit 16 Aug 2016 · 1 min read भ्रमर हाय कैसे भ्रमर चूसता है। रस भला पुष्प भी देखता है। खोलकर सोचता दल सभी है। क्या मुझे कुछ मिलेगा कभी है। जागता है अरे मैं सुमन हूँ। चाहता जग... Hindi · कविता 417 Share Neeraj Purohit 14 Aug 2016 · 1 min read जिन्दगी विधा - मनोरम छंद मापनी - 2122 2122 तुकान्त - (1) एली, अते (2) एरा, आगे (3) आना, अना (4) अला है, आकर । ---------------------++++------------------------------ जिन्दगी है इक पहेली। पर... Hindi · कविता 463 Share