Naveen kumar 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Naveen kumar 18 Jan 2019 · 1 min read विविध दोहे ज्ञान न मिलता अब यहाँ,झूठा सब परचार। मंदिर,मस्जिद, पाठशा,सभी करें व्यापार।। हाथ जोड़ ज्ञानी खड़ा,अनपढ़ भया वजीर । ज्यों दुशासन खींच रहा,पांचाली का चीर ।। ज्ञानवान को आजकल,हुआ बड़ा अभिमान।... Hindi · दोहा 1 554 Share Naveen kumar 13 Jan 2019 · 1 min read रिश्ते कोई ना संभालता,रिश्तों की सौगात । रिश्ते पूँजी थे कभी,है ये कल की बात ।। रिश्ते नर को थामते,ज्यों पतंग को डोर । डोरी कटी जो पतंग की ,फिर जाने... Hindi · दोहा 1 591 Share