Naval Pal Parbhakar Language: Hindi 53 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Naval Pal Parbhakar 30 Jan 2017 · 1 min read धरती वंदना धरती वंदना धरती वंदना हे मां, तेरी है शान निराली आभा अद्भूत चमकत न्यारी । तेरे सारे पेड़ ये झूमें हवा के शीतल झोंकों से मन भी कंपित सा होकर भरता पंछी... Hindi · कविता 739 Share Naval Pal Parbhakar 28 Jan 2017 · 1 min read हृदय के विचार हृदय के विचार। आज मेरी सीमाओं का बांध सा टूटा जाता है। उफन-उफन कर यूं समुद्र लहरों में बिखर जाता है। इसके साथ में आने वाले लाखों शंख अगिनत सीपी... Hindi · कविता 223 Share Naval Pal Parbhakar 28 Jan 2017 · 9 min read पृथ्वी भ्रमण पृथ्वीभ्रमण नारायण-नारायण, महाराज विष्णु की जय हो। हे तीनों लोकों के स्वामी भगवान विष्णु आपकी जय हो। क्या बात है नारद मुनि, आपने बहुत दिनों बाद आज विष्णु लोक में... Hindi · कहानी 371 Share Previous Page 2