के. के. राजीव Tag: मुक्तक 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid के. के. राजीव 18 Oct 2018 · 1 min read कशिश तेरी आँखों की... कशिश तेरी आँखों की, इश्क़ में नुमाइंदगी कहता है... जुबान खामोश है मगर मोहब्बत में बंदगी कहता है... तूं न दर्द, न हमदर्द, न हमसफर हो मेरी राहों का, मगर...... Hindi · मुक्तक 342 Share के. के. राजीव 18 Oct 2018 · 1 min read और मैं हूँ... रास्ते ओझल सी है आंखों से अब तो, पांव तले कुछ पग जमीं है और मैं हूं। ख्वाबों में ख्वाब देखता रहा कल तलक, आज मेरी आंखो में नमी है... Hindi · मुक्तक 365 Share