नन्दलाल सुथार "राही" Tag: ग़ज़ल 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid नन्दलाल सुथार "राही" 16 May 2023 · 1 min read ज़िंदगी अस्त व्यस्त सी है जिंदगी जी रहे है कभी खुशी की बूंदे तो कभी गम के आँसू पी रहे है। कभी ठहर सी जाती है तो कभी तूफान बन जाती... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 2 1 271 Share नन्दलाल सुथार "राही" 16 May 2023 · 2 min read हिंदी जब हृदय के भाव बहकर,ऊफान पर आ जाते है आ जाते है तब भाव बहकर,भाषा वो बन जाते है भाषाएँ तो जग में हर पग ,रूप बदलती जाती है जो... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 184 Share नन्दलाल सुथार "राही" 15 May 2023 · 1 min read जीवन ये जीवन है काँटो से सुसज्जित तू मत होना इसमें लज्जित पथ में हर पग शूल मिले या फूल मिले तू मत इनके वश में होना फूल मिले तो खुशबू... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 359 Share नन्दलाल सुथार "राही" 15 May 2023 · 1 min read बहुत याद आती है माँ में अब समझा तुझे जब तुमसे बहुत दूर आ गया माँ अब मुझे तेरी हर बात याद आती है सुबह के अलार्म में तेरी आवाज याद आती है, भूख... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 224 Share नन्दलाल सुथार "राही" 15 May 2023 · 1 min read नया सवेरा *नया सवेरा* हर कोई देगा साथ तुम्हारा कांटे भी कोई चुभाएगा पर तुम न अगर आये सामने हालात वही फिर रह जायेगा। मिलकर करना आसान बहुत है पर सबको कौन... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 210 Share नन्दलाल सुथार "राही" 15 May 2023 · 1 min read बचपन भाग दौड़ भरे इस जीवन में जब आंखों को बंद करता हूँ सोचता हूँ जीवन के बारे में कैसा रहा सफर ये मेरा क्या किया है मैंने खास क्या रहा... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 364 Share नन्दलाल सुथार "राही" 15 May 2023 · 1 min read हम तो कवि है *हम तो कवि है* ये बारिश का पानी ये नदिया सुहानी हरी सब है झाड़ी भरी है पहाड़ी झर-झर रे झरना धरती का गहना पंछी है उड़ते गाते है गीत... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 314 Share नन्दलाल सुथार "राही" 15 May 2023 · 1 min read भ्रम का जाल भ्रम का है जाल फैला, है सभी यहाँ भ्रम में, मानते है, जानते है, खुद को अच्छा, सबसे अच्छा, सच उलट तो है सभी का, है सभी यहाँ भ्रम में......... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 230 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read मौत ऐ मौत तू बहुत खूबसूरत होगी न जाने कब तेरा दीदार होगा जब भी होगा यह तय है वह पल सबसे खास होगा ऐ मौत मैंने देखा न देवता कभी... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 353 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read माँ सब उपमाओं से परे तेरी सूरत है सब उपमाओं से परे तेरा मृदुल व्यवहार चाहे अंधेरे का महासागर फैला हो तेरे जीवन में पर न जाने कहाँ से उम्मीद की... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 259 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read ख़याल मेरे मन में तो बार-बार ये ख़याल आता है अगर मैं ना हुआ सफ़ल ये बारम्बार आता है कभी-कभी ये दिल बहुत घबरा जाता है कभी-कभी दिल दिल से ही... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 160 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read चाँदनी पूनम की वह रात सुहानी बना शशि था तब अभिमानी बोला मेरी चाँदनी शीतल जब पहुँचती है यह भूतल सारा जग है जगमग होता मेरे होते 'काम' ना सोता मैं... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 176 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 2 min read प्रकृति एवं मानव देखा जब मैंने चंदा को वो अपनी कमी बताता है आती है अमावस रात जब मैं पूरा ही खो जाता हूँ। बोला मैंने उस चंदा को क्या अपनी कमी तू... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 177 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read इक दिन तो जाना है जन्म जो लिया तुम्हें इक दिन तो जाना है कोई ना तेरा नहीं कोई ठिकाना है इस जगत की रोशनी में, तू क्यों खोया रहता है बहती है गंगा, तुम्हें... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · मुक्तक 1 341 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read नारी तुम खुली हवा में घूमने वाले मैं पिंजरे में बंद बटेर हूँ कहते तो है सब देवी मुझको पर मैं गृह मंदिर में कैद हूँ । मेरा दर्द तुम क्या... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 2 270 Share नन्दलाल सुथार "राही" 31 Oct 2022 · 1 min read जिस शहर में ... जिस शहर में.... जिस शहर में तू ना आये वो शहर वीरान है चल रही है तेरी धड़कन तब तक मुझमें जान है। जिस शहर में.... मेरी दुनियाँ तुझमें बसती... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 171 Share